नई दिल्ली।
विख्यात उपन्यासकार एवं कथाकार श्री चंद्रकिशोर जायसवाल और भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व से 11 मैडल्स प्राप्त करने वाले रिटायर्ड ब्रिगेडियर डीके अहलुवालिया को ‘कलचुरी रत्न-2025’ सम्मान से विभूषित किया गया है। बीते रोज दिल्ली में अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार महासभा (एबीकेकेकेएम) के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे यूपी के कैबिनेट मंत्री श्री रविंद्र जायसवाल एवं अन्य सम्मानित अतिथियों ने उन्हें यह अवार्ड प्रदान किया। इनके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाली स्वजातीय हस्तियों को ‘कलचुरी गौरव’, ‘कलवार श्री’, ‘विशिष्ट कार्य सम्मान’ औऱ ‘कर्मयोद्धा सम्मान’ से भी नवाजा गया।

दिल्ली के गुरु तेगबहादुर नगर (जीटीबी नगर) में किंग्सवे कैंप स्थित श्री हरीमंदिर सभागार में आयोजित भव्य समारोह में अखिल भारतवर्षी हैहय कलचुरी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जाने-माने शिक्षाविद एवं समाजसेवी श्री जयनारायण चौकसे (भोपाल), अखिल भारतीय कलचुरी समवर्गी महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री वीरेंद्र राय (झांसी), भोपाल की मेयर श्रीमती मालती राय, गुजरात के श्री मदनलाल जायसवाल, प्रतिष्ठित समाजसेवी एवं मेजबान संस्था के संरक्षक श्री हरीशचंद्र कलाल समेत देशभर से आए कलचुरी समाजसेवियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।

अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार महासभा के राष्ट्रीय महासचिव किशोर भगत ने शिवहरेवाणी को बताया कि संस्था की ओऱ से हर वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले स्वजातीय सेवियों को ‘कलचुरी रत्न’, ‘कलचुरी गौरव’ और ‘कलवार श्री’ अवार्ड प्रदान किए जाते हैं। इस वर्ष ‘कर्मयोद्धा’ सम्मान और ‘विशिष्ट सम्मान’ भी प्रदान किए गए। उन्होंने बताया कि एक व्यापक सर्वे और रायशुमारी के आधार पर विभिन्न नागरिक सम्मानों के लिए नाम तय किए गए हैं। प्रयास उन हस्तियों को सामने लाना है जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से जमीन पर वास्तविक काम करते हुए देश और समाज की सच्ची सेवा है। ऐसे प्रेरणादायी व्यक्तित्व समाज को प्रेरित करने का काम करते हैं।
साहित्य में बड़ा नाम है ‘कलचुरी रत्न’ श्री चंद्रकिशोर जायसवाल
‘कलचुरी रत्न’ से सम्मानित श्री चंद्रकिशोर जायसवाल एक कथाकार औऱ उपन्यासकार के रूप में विख्यात हैं। बिहार के मधेपुरा में जन्मे और वर्तमान में पूर्णिया में रह रहे श्री चंद्रकिशओर जायसवाल को गत वर्ष उन्हें 11 लाख रुपये के प्रतिष्ठित श्रीलाल शुक्ल स्मृति सम्मान मिला था। इसके अलावा भी साहित्य के कई बड़े अवार्डों से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। भागलपुर अभियंत्रणा महाविद्यालय, भागलपुर से प्राध्यापक के रूप में सेवानिवृत्त श्री चंद्रकिशोर जायसवाल के उपन्यास ‘गवाह गैरहाजिर’ पर राष्ट्रीय फ़िल्म विकास निगम द्वारा निर्मित फ़िल्म ‘रूई का बोझ’ और कहानी ‘हिंगवा घाट में पानी रे!’ पर दूरदर्शन द्वारा निर्मित फ़िल्में काफी चर्चित रही हैं। ‘रूई का बोझ’ नेशनल फ़िल्म फेस्टिवल पैनोरमा (1998) के लिए चयनित हुई थी और अनेक अन्तराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सवों में प्रदर्शित हो चुकी है। इनके अलावा भी उन्होंने कई चर्चित उपन्यासों का लेखन किया है, उनके कई कहानी संग्रह, नाटक औऱ एकांकी भी प्रकाशित हो चुके हैं। 85 वर्षीय श्री चंद्रकिशोर जायसवाल स्वास्थ्य कारणों से कलचुरी रत्न सम्मान प्राप्त करने दिल्ली नहीं आ सके, लेकिन कलचुरी रत्न सम्मान के लिए उनका चयन करने पर आयोजकगण निश्चय ही बधाई के पात्र हैं।
सही मायने में ‘कलचुरी रत्न’ हैं ब्रिगेडियर डीके अहलुवालिया
सहारनपुर में जन्मे और वर्तमान में पंचकूला रह रहे ब्रिगेडियर डीके अहलुवालिया ने भारतीय सेना को 34 वर्ष अपनी गौरवशाली सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने ज्यादातर कार्यकाल ‘जज एडवोकेट जनरल डिपार्टमेंट’ में रहते हुए सतर्कता एवं न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग प्रदान किया। उनकी सेवाओं के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें अपने कार्यकाल में सेना के शीर्ष नेतृत्व से 11 मैडल्स प्राप्त हुए। 1988 में कमिशन प्राप्त सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर डीके अहलुवालिया ने 11 वर्ष जम्मू कश्मीर में बिताए जब वहां आतंकवाद चरम पर था। तीन वर्ष दिल्ली में रहे जहां सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट में सेना संबंधी केस देखने के साथ ही आर्म्स फोर्सेस ट्रिब्यूनल में काम किया। नागपुर स्थित आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में सैन्य अधिकारियों को लीगल ट्रेनिंग प्रदान की। आपने अपने कार्यकाल में विदेशी सेनाओं के साथ कई एमओयू तैयार करने में अहम भूमिका प्रदान की। ‘कलचुरी रत्न’ सम्मान के लिए उनका चयन सही मायनों में सराहनीय एवं प्रशंसनीय निर्णय है।

दस हस्तियों को कलचुरी गौरव सम्मान
सुश्री हर्षिता जायसवाल (वाराणसी), डा. रामदास गोविंद राव चवरे (पुणे), श्रीमती मृतुला जगदीश पटेल (जबलपुर), श्री सोहन सुवालका (उदयपुर), सुश्री साक्षी जायसवाल (छत्तीसगढ़), श्रीमती रमिला कलाल (उदयपुर), श्री सुनील जायसवाल (इंदौर), श्री अशोक पोरवाल (उज्जैन), श्रीमती कंचन जायसवाल (मुंबई), डा. नरेंद्र भाई कृति भाई पटेल (पाटन, गुजरात)
इनको कलवार श्री सम्मान
श्री सुनील चौथमल (अमरावती), श्री सीताराम जायसवाल (यूपी), इंजी. आरके जायसवाल (गुड़गांव), श्री अरविंद भगत (दिल्ली), श्रीमती डॉली मालवीय (भोपाल), श्रीमती मीनू गुप्ता (दिल्ली), श्री रवि मोहन (मुंगेर, बिहार), डा. अरविंद जायसवाल (जयपुर), इंजी. नवीन प्रकाश जायसवाल (अलवर, राजस्थान), श्री मोहित सोमवंशी (अलवर, राज.), श्रीमती कविता राय (उज्जैन), श्री गुणवंत लाल कलाल (डुंगरपुर), श्री राजकुमार जायसवाल (कोलकाता), श्रीमती इंदिरा प्रमल (इंदौर), श्री लालबाबू प्रसाद (मुजफ्फरपुर), श्री एसपी सुहालका (उदयपुर), श्री राजेश जायसवाल (गाजीपुर, यूपी), श्री रजनीश कलाल (बांसवाड़ा), भोपाल की मेयर श्रीमती
विशेष सम्मान से ये हुए विभूषित
श्रीमती संगीता चौधरी (सीतामढ़ी, बिहार), श्री संजय सिन्हा (सीतामढ़ी), श्री अरविंद बालेश्वर (डुंगरपुर), श्री राकेश कुमार (दिल्ली), श्री दिनेश भगत (फारबिसगंज, बिहार), श्री जितेंद्र कलाल (बांसवाड़ा), श्री नरेश राज (सीतामढ़ी), श्री कलपेश कलाल (बांसवाड़ा), श्री केशरीमल कलाल (डुंगरपुर), जगदीश राय (ललितपुर, यूपी)
इनको मिला कर्मयोद्धा सम्मान
श्रीमती प्रभा चौकसे, श्रीमती सारिका चौकसे, श्रीमती मधु पारेता, श्रीमती सुशीला चौकसे, श्रीमती नैंसी शिवहरे, श्री जितेंद्र प्रसाद (दिल्ली), श्री प्रेम गुप्ता (दिल्ली), श्री संजीव ब्याहुत (दिल्ली), श्री अनिल भगत (दिल्ली), श्री गोपाल कुमार (सीतामढ़ी) श्री राजपाल सिंह जायसवाल (जयपुर)।

महासभा के आधिकारिक ध्वज का विमोचन
समारोह की शुभारंभ कलचुरी समाज के आराध्य देव सहस्रबाहु अर्जुन और बलभद्र महाराज की पूजा-अर्चना से हुआ। इस अवसर पर महासभा के आधिकारिक ध्वज का विमोचन किया गया। इस दौरान महिला कार्यकर्ताओं ने समाज गान प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही नवीन कार्यकारिणी सदस्यों का शपथ-ग्रहण और सम्मान भी हुआ।
दिल्ली में समाज की धर्मशाला बनाने का प्रस्ताव
मुख्य अतिथि रविंद्र जायसवाल ने अपने उदबोधन में दिल्ली में समाज की धर्मशाला बनाए जाने का प्रस्ताव रखा जिसका सभी ने स्वागत किया। ग्लोबल अहलूवालिया कलाल कलार कलवार फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य मंत्री उत्तराखंड राम कुमार वालिया ने प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक सराहनीय पहल होगी तथा समाज के सभी लोगों को इसमें सहयोग करना चाहिए। उन्होंने ऐलान किया कि ग्लोबल अहलूवालिया कलाल कलार कलवार फाउंडेशन समाज उत्थान के ऐसे कार्यों में हरसंभव सहयोग करेगा।

ये भी रहे उपस्थित
कार्यक्रम में नेपाल समाज के अध्यक्ष रामचंद्र शाह, महासभा के अध्यक्ष मनीष राय, गोविंद वालिया, सुशील कर्णवाल, रमेश वालिया, संत हरिहर दास (वृंदावन), दलीप भगत (बिहार), सोहन सुहलका (राजस्थान), पवन जायसवाल (छत्तीसगढ़), अटल गुप्ता (कोयंबटूर) आशीष राय (ओड़ीशा), बाबू राव कलाल (महाराष्ट्र), ओंगना गोडा (कर्नाटक), भाजपा नेत्री सीमा शिवहरे (शिवपुरी), हरिओम राय (ग्वालियर) समेत देशभर से सैकड़ों समाजबंधु शामिल हुए।
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