November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

गाजीपुर में एक ‘विधायकजी’ जो बेचते हैं चाय; 1994 में चुनाव लड़ा था शंकर जायसवाल ने

गाजीपुर।
विधायक बनने के लिए विधानसभा का चुनाव जीतना होता है, लेकिन गाजीपुर में चाय की दुकान चलाने वाले शंकर जायसवाल चुनाव हारने के बाद विधायकजी के नाम से मशहूर हुए। उनके शंकर टी स्टाल अब ‘विधायकजी की चाय की दुकान’ के रूप में जाना जाता है। 
शंकर जायसवाल गाजीपुर के नवाबगंज इलाके में टी स्टाल चलाते हैं। पहले दुकान को शंकर टी स्टाल के नाम से जाना जाता था। लेकिन, 1994 में गाजीपुर के सदर विधानसभा सीट के उपचुनाव में शंकर जायसवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर दिया था। इस उपचुनाव में मुख्तार अंसारी भी भाकपा के टिकट पर खड़े हुए थे। अंसारी के राजनीतिक जीवन का यह पहला चुनाव था। 
शंकर उस दौर को याद करते हुए बताते हें कि कुछ शुभचिंतकों के कहने पर मैने अंसारी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल तो ठोक दी थी, लेकिन 25 हजार रुपये प्रचार मे खर्च किए। इस 25 हजार में मैंने अपनी छोटी सी बचत का पैसा लगा दिया, बाकी का पैसा शुभचिंतकों से चंदे के रूप में जुटा लिया। 
बता दें कि 1993 के विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा का राजनीतिक गठबंधन हुआ था। चुनाव से ठीक पहले बीएसपी प्रत्याशी विश्वनाथ मुनीब की हत्या हो गई थी। इस कारण गाजीपुर के सदर विधानसभा चुनाव टाल दिया गया था। 1994 में उपचुनाव हुए तो तत्कालीन प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजबहादुर ने सपा के टिकट से चुनाव लड़ा और विजयी हुए थे। मुख्तार अंसारी ने कड़ी टक्कर दी लेकिन दूसरे स्थान पर रहे। शंकर जायवाल भले इस उपचुनाव में हार गए लेकिन इसके बाद से उनके ‘शंकर टी स्टाल’ की पहचान ‘विधायक जी की चाय की दुकान’ के तौर पर हो गई।
 

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video