आगरा।
आगरा में ताजमहल के 500 मीटर परिधि क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ताजगंज के 4 से 5 हजार परिवारों की दिवाली संकट में पड़ती नजर आ रही है। इनमें एक दर्जन से अधिक परिवार शिवहरे समाज के भी हैं। सोमवार से इस क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां बंद कर दी जाएंगी। हालांकि प्रभावित दुकानदारों की संघर्ष समिति को उम्मीद है कि सोमवार को सुप्रीमकोर्ट में उनकी याचिका दाखिल हो जाएगी, और हो सकता है कि अदालत उन्हें कुछ फौरी राहत भी दे दे।
फिलहाल आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) सुप्रीमकोर्ट के आदेश का सख्ती से अनुपालन कराने की तैयारी मे है। एडीए ने दुकानदारों को 17 अक्टूबर तक अपने प्रतिष्ठान बंद कर देने के नोटिस जारी किए थे। 17 अक्टूबर को यदि कोई व्यापारी अपने प्रतिष्ठान खोलेगा तो एडीए उसे बलपूर्वक बंद कराएगा और मुकदमे भी दर्ज कराएगा। इस निर्णय से शिवहरे समाज के जो दुकानदार प्रभावित हो रहे हैं, उनमें सचिन शिवहरे पुत्र स्व. श्री विजय प्रकाश (मारबल इम्पोरियम, पूर्वी गेट), डब्बू शिवहरे पुत्र श्री अशोक शिवहरे (पानी का प्लांट, घीआई मंडी), अजय शिवहरे पुत्र स्व. श्री महेश शिवहरे ठेकेदार (शिवहरे गारमेंट्स, खद्दर भंडार), गौरव शिवहरे पुत्र स्व. श्री हरिओम शिवहरे (गौरव गिफ्ट सेंटर, खद्दर भंडार), राहुल शिवहरे पुत्र स्व. श्री अरविंद शिवहरे (पेठा स्टोर, पुरानी मंडी), अभिषेक शिवहरे एवं अमित शिवहरे पुत्र स्व. श्री अरुण शिवहरे (मूनलाइट रेस्टोरेंट, थाना ताजगंज के निकट), अनूप शिवहरे पुत्र स्व. श्री रामलखन शिवहरे (कोल्ड ड्रिंक्स शॉप, थाना ताजगंज के निकट), कुलदीप शिवहरे स्व. श्री विनोद शिवहरे (रेस्टोरेंट एवं ई-स्कूटर शोरूम, पुरानी मंडी), रामकुमार शिवहरे पुत्र स्व. श्री शिवनारायण शिवहरे (गायत्री घृत भंडार, नंदा बाजार एवं गायत्री टेंट हाउस, मालीपाड़ा), अरुण शिवहरे पुत्र श्री रामकुमार शिवहरे (रिंकू टेंट हाउस, गल्ला मंडी), अमित शिवहरे पुत्र श्री रामकुमार शिवहरे (आशु टेंट हाउस, गल्ला मंडी) और राजीव शिवहरे पुत्र स्व. श्री चंद्रभान शिवहरे (शिवहरे ज्वैलर्स, खद्दर भंडार) शामिल हैं।
प्रभावित दुकानदार ताजगंज डेवलपमेंट फाउंडेशन के नाम से संघर्ष समिति का गठन कर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने के साथ ही अदालत में कानूनी लड़ाई की तैयारी भी कर रहे है। संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी युवा भाजपा नेता अमित शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एडीए के पक्षकार की गैरहाजिरी में यह अहम फैसला दिया है। एडीए ने भी इसके अनुपालन में दुकानदारों को बहुत कम समय दिया है। सुप्रीमकोर्ट मे दाखिल होने वाली याचिका मे अन्य बिंदुओं के साथ इन दो बिंदुओ पर भी जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ताजगंज के प्रभावित दुकानदारों ने सर्वश्रेष्ठ वकील किए हैं, और उम्मीद है कि अदालत का फैसला अंततः दुकानदारों के पक्ष में ही आएगा।
युवा भाजपा नेता अमित शिवहरे संघर्ष समिति की लीगल सेल के साथ ही राजनीतिक समर्थन जुटाने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के साथ ही प्रशासन का रुख भी व्यापारियों के प्रति काफी संवेदनशील है। लेकिन कानूनी निर्णय में वे कोई दखल नहीं दे सकते। फिलहाल प्रभावित दुकानदारों की सांस जैसे हलक में अटकी हुई है, और वे जल्द से जल्द इस आफत निकलना चाहते हैं। व्यापारी सड़कों पर जुलूस और मशान जुलूस निकाल चुके हैं। इस संघर्ष में कुलदीप शिवहरे और रोहित शिवहरे भी अग्रणी दिखाई दिए।
अमित शिवहरे ने बताया कि जिन 4000 से अधिक दुकानदार इस निर्णय से प्रभावित हो रहे हैं, उनमें ज्यादातर तो दशकों से यहां दुकान कर रहे हैं जो उनकी रोजीरोटी का एकमात्र आधार है। ज्वैलर कारोबारी राजीव गुप्ता कहते हैं कि ऐन दिवाली से पहले इन दुकानदारों के भविष्य पर अनिश्चितता का अंधकार छा गया है। इस बार दिवाली काली होती नजर आ रही है। वहीं अमित शिवहरे का कहना है कि संघर्ष समिति जल्द से जल्द सुप्रीमकोर्ट से राहत हासिल करने की कोशिश कर रही है। अगर सुप्रीमकोर्ट से जल्द राहत मिल जाती है तो प्रभावित दुकानदार और उनके परिवार पूरे उत्साह और खुशी से दीपावली मनाएंगे, लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो उनकी दिवाली काली हो जाएगी।
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