November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

आगराः श्री किशन शिवहरे ने माता के मंदिर का कराया जीर्णोद्धार; पिता की धरोहर है यह मंदिर; धूमधाम से प्राण-प्रतिष्ठा

आगरा।
आगरा में शिवहरे समाज की प्रमुख धरोहर दाऊजी मंदिर की प्रबंध समिति के पूर्व अध्यक्ष श्री किशन शिवहरे ने ताजगंज में गुम्बद वाली पथवारी में माता मंदिर का जीर्णोद्धार कराया है जिसे 40 वर्ष पूर्व उनके माता-पिता ने बनवाया था। शनिवार 13 मई को मंदिर में माता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा धूमधाम से संपन्न हुई। इस अवसर पर माता की चौकी और भंडारे का आयोजन भी किया गया। इस दौरान किशन शिवहरे परिवार के सभी सदस्य, रिश्तेदारों और समाजबंधुओं के साथ ही खासी संख्या में स्थानीय निवासियों की भी उपस्थिति रही।
आपको बता दें कि ताजगंज में सब्जीमंडी से आगे मार्केट में स्थित प्रसिद्ध गुंबद वाली पथवारी मंदिर में श्री किशन शिवहरे के पिताजी स्व. श्री शिवनारायण शिवहरे और माताजी स्व. श्रीमती सत्यवती शिवहरे ने करीब 40 वर्ष पूर्व बनवाया था। सड़क किनारे करीब 10 फुट लंबे और इतने ही चौड़े भूखंड पर बना यह माता मंदिर क्षेत्र के हिंदू रहवासियों के लिए नियमित पूजा-पाठ का स्थल बना हुआ था लेकिन इतने समय में कई बार सड़क का निर्माण होने के चलते मंदिर का लेवल सड़क के लेवल से नीचा हो गया था। समय के साथ मंदिर भी जर्जर होता जा रहा था, साथ ही बरसात में पानी भरने की नई समस्या भी आने लगी थी जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी होती थी।
ऐसे में श्री किशन शिवहरे ने स्वर्गवासी माता-पिता की इस धरोहर को संरक्षित करना अपना कर्तव्य समझा और इसका पुनर्निर्माण कराने का निर्णय किया और अपने दोनों पुत्रों अंकित शिवहरे व अमन शिवहरे को इसकी जिम्मेदारी दी।  भूखंड पर मिट्टी से भरत कर उसके लेवल को सड़क से करीब चार फुट ऊपर कर सफेद पत्थऱ से एक सुंदर मंदिर का निर्माण कराया गया। सुंदर चिकने पत्थऱ का फर्श, चमचमाते पत्थर की दीवारें और आकर्षक लाइटिंग व झूमर से  युक्त फालसीलिंग छत। संगमरमर के पत्थर का माता का दरबार और उसमें माता की संगमरमर की बेहद सुंदर प्रतिमा, जिसकी प्राण-प्रतिष्ठा 13 मई के शुभ मुहूर्त में धूमधाम से कराई गई। इससे एक दिन पूर्व शुक्रवार को श्री किशन शिवहरे और उनके भाइयों के परिवारों की उपस्थिति में मूर्ति स्थल की पूजा-पाठ कराई गई। इस दौरान देवतुल्य स्वर्गवासी पिताजी एवं माताजी के चित्र पर माल्यार्पण कर सभी परिवारीजनों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शनिवार सुबह हवन-यज्ञ के साथ माता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा हुई। 
मंदिर के निर्माण की गुणवत्ता और खूबसूरती, तथा दुर्गा मां की मूर्ति की आभा ने समारोह में आए लोगों का मन मोह लिया। वहां नियमित रूप से पूजा पाठ करने वाले श्रद्धालुओं ने मंदिर के जीर्णोद्धार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए स्वर्गवासी माता-पिता के प्रति पुत्रों के श्रद्धाभाव की मुक्त-कंठ से सराहना की। दोपहर को भंडारा शुरू हुआ जो देर शाम तक चलता रहा। इसके बाद रात को माता की चौकी हुई जिसमें लोगों ने माता की भेंटों का आनंद लिया।

 

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