आगरा।
चिकित्सक का काम रोग का उपचार करना होता है लेकिन शरीर को निरोगी कैसे रखें, इसका रहस्य तो केवल योग में है। यही वजह है कि सिंधु घाटी सभ्यता के दौर से चली आ रही भारत की इस प्राचीन कला और विज्ञान का पूरी दुनिया लोहा मान रही है। आज 21 जून को अंतरराष्ट्री योग दिवस पर आगरा के प्रतिष्ठित योग गुरू श्री अजय शिवहरे ‘अग्गू’ने एसएन मेडिकल कालेज के डॉक्टर्स, स्टाफ और मेडिकल स्टूडेंट्स को योग के बारे में विस्तार से जानकारी दी, और उनसे जमकर योग भी कराया। अजय शिवहरे की ‘योग क्लास’ के बाद सभी ने प्रतिदिन योग करने का संकल्प लिया। एसएन प्रशासन ने श्री अजय शिवहरे को स्मृति चिह्न के साथ एक गमला प्रदान कर सम्मानित किया।
भाजपा विधायक (एमएलसी) श्री विजय शिवहरे के छोटे भाई श्री अजय शिवहरे‘अग्गू’पिछले करीब 12 वर्षों से लोगों को योगा सिखा रहे हैं और अब तक सैकड़ों लोगों का जीवन बदल चुके हैं। यहां तक कि उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती अंजना शिवहरे को भी योग के माध्यम से गंभीर शारीरिक कष्ट से मुक्ति दिलाने में कामयाबी हासिल की है। इन दिनों संजय प्लेस स्थित अवध बैंक्वेट हॉल में प्रतिदिन सुबह 7 बजे से उनकी योग क्लास चलती है। एक घंटे की इस क्लास में ‘अग्गू’भाई योग प्रशिक्षुओं को सामान्य व्यायाम, योगासन, प्राणायाम और ध्यान (मेडिटेशन) का प्रशिक्षण देते हैं।
सिल्वर चेन कारोबारी एवं होटल व्यवसायी श्री अजय शिवहरे‘अग्गू’ने शिवहरेवाणी को बताया कि योग की शुरुआत उन्होंने करीब 15 वर्ष पहले की थी, जब वह स्वयं को निरोगी और चुस्त-दुरुस्त रखने के इरादे से फादर जॉन फरेरा की शरण में गए थे। फादर जॉन फरेरा वैसे तो पादरी हैं लेकिन अब योग गुरू बनकर योगासन के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। यम (संकल्प) और नियम (आत्मअनुशासन) के पक्के श्री अजय शिवहरे ‘अग्गू’ने फादर जॉन फरेरा की देखरेख में बहुत जल्द योगासान पर अपनी पकड़ बना ली और महज तीन साल में फादर ने उन्हें अपनी संस्था से योग-गुरु की उपाधि प्रदान कर दी। तब से श्री अजय शिवहरे ‘अग्गू’निरंतर लोगों को योग की ट्रेनिंग देते आ रहे हैं। उन्होंने लगातार दस साल तक सेंट पीटर्स कालेज में योग शिविर चलाया। पिछले दो वर्षों से संजय प्लेस के अवध बैंक्वेट हॉल में प्रतिदिन सुबह लोगों को योग सिखाते हैं।
शिवहरेवाणी से बातचीत में श्री अजय शिवहरे‘अग्गू’ने बताया कि योग के चमत्कार को उन्होंने स्वयं देखा है। उनकी पत्नी श्रीमती अंजना शिवहरे करीब पांच वर्ष पूर्व पीठ के दर्द से बेहद परेशान थी। बड़े-बड़े प्रतिष्ठित डाक्टरों ने उन्हें बेड-रेस्ट की सलाह देते हुए ऑपरेशन तज्वीज किया था। लेकिन श्री अजय शिवहरे ने योग के माध्यम से पत्नी की बीमारी को दूर किया। आज श्रीमती अंजना शिवहरे पूरी तरह स्वस्थ हैं और पीठ के दर्द से उन्हें पूरी तरह राहत मिल गई है। बीते दिनों वह अपने परिवार के साथ थाईलैंड गए तो वहां भी उनकी पत्नी को कोई दिक्कत पेश नहीं आई। श्री अजय शिवहरे के तीनों बच्चे पुत्र संस्कार, पुत्री वैष्णवी और पुत्र राघव भी योग में रुचि रखते हैं।
श्री अजय शिवहरे कहते हैं कि योग ऐसी पद्यति है जिसकी शुरुआत बिना गुरु के नहीं करनी चाहिए। योग क्रियाओं में जरा भी गलती और मुद्राओं में त्रुटि योग के उद्देश्य को तबाह कर सकते हैं। इसीलिए योग के साथ सटीकता जरूरी है और यह स्थित तभी संभव है जब आपका योग गुरु आपके सामने हो। वह कहते हैं कि एक बिजनेसमैन होने के नाते दिनभर उनकी भागदौड़ चलती है और देर रात घर पहुंचते हैं। यह योग ही है जिसकी वजह से वह हरदम अपने को स्फूर्त महसूस करते हैं। वह दावे से कहते हैं कि सुबह जल्द उठकर योग और व्यायाम करने वाला व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहता है और जीवन में प्रगति की ओर अग्रसर करता है।
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