झांसी।
बच्चे जलवायु परिवर्तन के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं। डब्लूएचओ की एक स्टडी के अनुसार, बीमारी के मौजूदा वैश्विक बोझ का 88% बच्चों को प्रभावित करने वाले जलवायु परिवर्तन से जुड़ा है। वहीं, जलवायु परिवर्तन को रोकने का सबसे कारगर उपाय यही हो सकता है कि बच्चों में इसके प्रति चेतना का विकास किया जाए, ताकि बड़े होकर वे पर्यावरण के साथ खिलवाड़ न करें। अपने बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना विकलित करने के संकल्प के साथ झांसी की कलचुरी महिलाओं ने ‘वर्ल्ड अर्थ डे’ मनाया, जिसकी थीम थी ‘चलो बचपन की यादों की ओर’।
राष्ट्रीय कलचुरी जायसवाल सर्ववर्गीय सभा झांसी और कलचुरी महिला सभा झांसी के संयुक्त तत्वावधान में होटल एम्बियेंस में आयोजित समारोह में कलचुरी महिलाओं ने छोटे बच्चों की तरह वेषभूषा पहनकर बचपन को जीने का प्रयास किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं डाक्टर केश गुप्ता ने शिवहरेवाणी को बताया कि कार्यक्रम में महिलाओं ने बच्चों के खेल खेले और पर्यावरण चेतना से जुड़ी बाल कविताएं पढ़ीं। सभी महिलाओं ने संकल्प लिया कि वे घरेलू कार्यों में पानी की अधिकतम बचत करेंगी और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने का प्रयास करेंगे। साथ ही अपने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक भी करेंगी।
कार्यक्रम में ज्योति ओमहरे, सीमा राय, श्रद्धा गुप्ता, करुणा राय, रेनू शिवहरे, सीमा शिवहरे, हेमाराय, रूबी, वंदना, रमा, डॉली, रंजना, उमा ,रजनी ,मीठी,स्वेता, नीतू राय, सुमन, रंजना, तान्या, हिमानी, पूजा, रेखा, किरन, केश गुप्ता, अनिता , रीना,रिमी,सुरभि, किरन, कविता अर्चना उपस्थित रहे।
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