November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर समाचार

छतरपुर के आदित्य शिवहरे की ई-साइकिल से ई-व्हीकल मार्केट में खलबली; कम कीमत से सहमे ब्रांड; महज 10 पैसे के खर्च पर सबको पीछे छोड़ेगी

छतरपुर।
छतरपुर के 20 वर्षीय पॉलिटेक्निक छात्र आदित्य शिवहरे इन दिनों सुर्खियों में हैं। महंगे पेट्रोल का मुकाबला करने के लिए आदित्य ने एक ऐसी ई-साइकिल यानी इलेक्ट्रिक साइकिल तैयार की है जिससे महज दस पैसे प्रति किलोमीटर के खर्च पर आप अपना सफर तय कर सकते हैं। आदित्य की प्लानिंग सफल रही तो उनकी यह ई-साइकिल ‘आदित्य ईवीज’ के नाम से जल्द ही मार्केट में दस्तक देगी, जिसकी कीमत इस जैसी अन्य ई-बाइक्स और ई-साइकिल से बहुत कम होगी। आदित्य की ई-साइकिल के इसके बेहतरीन फीचर्स, कम लागत और शानदार रनिंग एवरेज को देखते हुए ई-व्हीकल मार्केट में अभी से खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि यह ई-साइकिल मार्केट के स्थापित ब्रांड्स को बड़ी चुनौती दे सकती है।
छतरपुर के बस स्टैंड के निकट कृष्णा कालोनी निवासी साधारण प्रॉपर्टी डीलर श्री खूबचंद शिवहरे एवं गृहणी श्रीमती विमला शिवहरे के होनहार पुत्र आदित्य शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि वह अपनी ई-साइकिल के मॉडल में अभी कुछ और मॉडीफिकेशन करने वाले हैं, जिसके बाद इसका पेटेंट कराएंगे और ‘आदित्य ईवीज’ के नाम से इसे मार्केट में उतारेंगे। उन्होंने बताया कि कुछ प्राइवेट इनवेस्टर्स ने उनके प्रोजेक्ट में रुचि जाहिर की है, बहुत जल्द उनसे मीटिंग भी होनी है। उन्होंने बताया कि उनकी प्लानिंग इंदौर में फैक्ट्री डालने की है।
आदित्य शिवहरे ने बताया कि उन्हें यह मॉडल तैयार करने में एक महीने का समय लगा, और इसकी कुल लागत लगभग 20 हजार रुपये आई है। जबकि मार्केट में अन्य ई-बाइक्स की कीमत इससे कई गुना अधिक है। यानी ऐसे लोग जो ई-बाइक्स खरीदने में सक्षम नहीं हैं, वे भी उनकी ई-साइकिल खरीदकर अपने जीवन को आसान बना सकते हैं। आदित्य शिवहरे ने इस इलेक्ट्रिक बाइक में 250 वॉट की क्षमता वाली इलेक्ट्रिक मोटर लगाई है। 5 घंटे में यह साइकिल की बैट्री फुल चार्ज हो जाएगी और एक बार फुलचार्ज होने पर यह 30 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। इसे चलाने में 10 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से खर्च आएगा जो पेट्रोल से चलने वाले दोपहिया वाहनों के मुकाबले बहुत कम है। इस ई-साइकिल में ब्रेक, लाइट, हॉर्न और मोबाइल स्टैंड की सुविधा भी दी है, लाइट वेट की वजह से इसे कंट्रोल करना बहुत आसान है। इसमें एक समय में दो लोग आसानी से बैठ सकते हैं। बच्चे के बैठने के लिए आगे एक सीट अलग से लगाई है। हैडलाइट होने की वजह से इसे रात के समय भी आसानी से चलाया जा सकता है।
आपको बता दें कि आदित्य शिवहरे वर्ष 2019 में भी चर्चा आए थे, जब उन्होंने बिना तार की बिजली के निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार किया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने उनके इस प्रोजेक्ट की सराहना की थी। आदित्य शिवहरे ने छतरपुर के ही शीलिंग पब्लिक स्कूल से माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद इसी वर्ष भोपाल के सरदार बल्लभ भाई पटेल पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में दाखिला लिया है।
आदित्य शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि वह डिप्लोमा में जो पढ़ रहे हैं, उसे इंटरमीडियेट करने के दौरान ही पढ़ लिया है। शुरु से ही आदित्य की रुचि इंजीनियरिंग में थी। बच्चे खेलने को लालायित रहते थे, और आदित्य की घर की छोटी-छोटी मशीनों और उपकरणों में खुर-पेच करता था। अपनी इसी रुचि के चलते उसने इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल की जानकारी हासिल कर ली, जो ई-साइकिल का मॉडल तैयार करने में काफी काम आई है। उन्होंने बताया कि वह इलेक्ट्रिक साइकिल व बाइक्स के अभी और भी मॉडल तैयार करेंगे।

 

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