November 24, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

दाऊजी मंदिर में भागवत कथा में उमड़ रही भक्तों की भीड़; भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूपों पर रीझीं महिलाएं; आज कंसवध एवं रुक्मणि विवाह

आगरा। 
आगरा में शिवहरे समाज की धरोहर दाऊजी मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा में बीते दो दिनों से भारी भीड़ उमड़ रही है। भागवत कथा के तीसरे दिन 22 जुलाई को जहां ‘श्रीकृष्ण जन्म एवं नन्दोत्सव’ में भक्तों की उमंग और उत्साह देखते ही बन रहा था। श्रीकृष्ण के शिशु और बाल स्वरूपों की बलियां लेने के लिए महिलाओं में होड़ लग गई। गेंदों, खिलौनों, टॉफियो, चॉकलेट और सीटियों की जमकर बारिश हुई। वहीं चौथे दिन 23 जुलाई को भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला और गोवर्धन पूजा का वर्णन किया गया। आज पांचवे दिन कंस वध एवं रुक्मणी विवाह का वर्णन होगा।
आपको बता दें कि दाऊजी मंदिर में 19 जुलाई से श्रीमद भागवत कथा चल रही है जिसमें युवा कथावाचक पंडित आकाश मुदगल विभिन्न कथाओं का रोचक वर्णन कर रहे हैं। कथा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, भक्तों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। 22 जुलाई को श्रीकृष्ण जन्म एवं नन्दोत्व में मंदिर का शिवहरे भवन सभागार खचाखच भर गया। मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री बिजनेश शिवहरे के नवजात पौत्र को श्रीकृष्ण का शिशु स्वरूप बनाया गया। कंस की कारागार में वासुदेव- देवकी के भादो मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। कंस के कोप से बचाने के लिए वासुदेव ने नवजात कृष्ण को सूप में रखकर उफनाई गंगा पार की थी। इस प्रकरण को नाट्यरूप देते हुए श्री बिजनेश शिवहरे के पुत्र सीए दीपक शिवहरे अपने पुत्र को लेकर कथास्थल पर पहुंचे तो नवजात कृष्ण की बलइयां लेने की होड़ नजर आईं। विधायक श्री विजय शिवहरे के पौत्र (श्री उमंग शिवहरे के पुत्र) ने बाल-कृष्ण का स्वरूप धरा था। इस दौरान दाऊजी मंदिर का शिवहरे भवन सभागार खचाखच भरा था। इस दौरान शिशु कृष्णा की बलाएं लेकर खिलौने, गेंदे, सीटियां और टॉफियां लुटाई गईं तो बच्चों के साथ महिलाएं भी इन्हें लूटते नजर आए। जिसके हाथ जो भी लगा, उसे अपना सौभाग्य समझकर रख लिया। अंत में सभी भक्तों को भगवान कृष्ण के प्रिय माखन-मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया। चौथे दिन 23 जुलाई को भी कथास्थल भक्तों से खचाखच भरा नजर आया। कथावाचक पंडित श्री आकाश मुदगल ने भगवान श्रीकृष्ण के बचपन और रासलीलाओं के साथ गोवर्धन पूजा का भी वर्णन किया। रासलीला में कृष्ण और राधा के स्वरूपों के नृत्य ने लोग भक्तिभाव में लीन नजर आए। 
 

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