आगरा।
भगवान श्रीकृष्ण पर्यावरण के सच्चे हितैषी और संरक्षक हैं। आगरा में शिवहरे समाज की दोनों धरोहरों में भगवान श्रीकृष्ण के ‘प्रकृति प्रेम’ को ही जन्मोत्सव की थीम बनाया है।
सदरभट्टी चौराहा स्थित दाऊजी मंदिर जहां ताजा फूलों की खुश्बू से महकने लगा है, पूरे मंदिर परिसर को रंग-बिरंगे प्राकृतिक फूलों से आच्छादित कर दिया गया। शाम को आकर्षिक लाइटिंग और फव्वारा परिसर की शोभा में चार चांद लगाने का काम करेंगे। सभी स्वरूप नई पोशाकों और श्रृंगार में दिव्य दर्शन देंगे, इस बार भी चांदी के हिंडोले में लड्डू-गोपाल के दर्शन आकर्षण का केंद्र होंगे।
वहीं राधाकृष्ण मंदिर में भगवान कृष्ण ‘हरे-भरे वृक्षों’ से आच्छादित वृन्दावन की प्राकृतिक सुषमा के बीच दर्शन देंगे। राधाकृष्ण दरबार को हरे पेड़ों की ताजा टहनियों, पत्तियों और फूलों की आकर्षक पृष्ठभूमि दी गई है, और भगवान के श्रृंगार भी प्रकृति प्रेम व प्रकृति संरक्षण के उनके संदेश को प्रतिध्वनित करेंगे। याद कीजिए गीता में भगवान श्रीकृष्ण प्रकृति के साथ अपने अभेद को व्यक्त करते हुए कहते है- “अश्वथ सर्ववृक्षाणां” अर्थात वृक्षों में वह अपने को पीपल, ऋतुओं में बसन्त, नदियों में गंगा की बताते हैं। “वन में देहरूपकम” कह कर वह वृन्दावन को अपनी देह के समान बतलाते हैं। 200 से अधिक गमले मंदिर परिसर को उपवन का रूप दे रहे हैं और ऐसे में आकर्षक फव्वारे के पीछे राधाकृष्ण के दिव्य दर्शन निश्चय ही आपका मन मोह लेंगे।
बताने को बहुत कुछ है, बहुत बेहतर होगा कि आज यानी 19 अगस्त की रात्रि को आप स्वयं दोनों धरोहरों में जाकर भगवान के दिव्य दर्शन का लाभ प्राप्त करें। दोनों ही मंदिरों में सायं 7 बजे से दर्शन होंगे। मध्य रात्रि को भगवान के अभिषेक और पूजा अर्चना के पश्चात प्रसाद वितरित होगा। समाचार लिखे जाने तक दोनों ही मंदिरों की कार्यकारिणी के पदाधिकारी एवं सदस्य मंदिर परिसरों की साज-सज्जा को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
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