November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

Corona Warriors-7 दिल्ली के दिल पर छा गए श्याम गली के शिवहरे

शिवहरे वाणी नेटवर्क
नई दिल्ली। 
कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में भूख की जंग लड़ रहे 1200 लोगों को अब दिल्ली सरकार का सहारा मिला है। दिल्ली सरकार की एक कम्युनिटी किचन अब इनके भोजन की व्यवस्था करेगी। इन सब लोगों ने आज आखिरी दिल्ली की श्याम गली में चल रही रसोई का लाभ प्राप्त किया, तो बीती 24 मार्च के बाद के दिनों को याद कर भावुक हो गए. दिल से आभार जताया हेमन्त गुप्ता (शिवहरे) और उनके परिवार व साथियों का, जिन्होंने इतने दिनों तक उनका ख्याल रखा, उनके भोजन की व्यवस्था की। 
दिल्ली में गांधीनगर स्थित राजगढ़ कालोनी की श्याम गली में आज 21 अप्रैल को अंतिम रसोई बनी जिसमें रोज की तरह 1200 लोगों का भोजन बनाया गया। 24 मार्च से चल रही इस रसोई का संचालन मूल रूप से फीरोजाबाद में टूंडला के पास हट्टा का नगला (नगला सिंघी) के रहने वाले हेमंत गुप्ता मुन्ना (शिवहरे) द्वारा किया गया जो वर्तमान में अपने परिवार के साथ इसी श्याम गली में निवास करते हैं। इस पुण्य कार्य में उनके मित्रों जुगल किशोर शिवहरे (भिंड, मध्य प्रदेश), कैलाशचंद्र गुप्ता (रामबख्श का नगला, कुबेरपुर, आगरा), विष्णु गुप्ता एवं धर्मेद्र शिवहरे (भिंड) ने भरपूर सहयोग किया। ये सभी दिल्ली में हेमंत गुप्ता के पड़ोसी हैं। 
हेमंत गुप्ता एमसीडी में काम करते हैं। रोज 1200 लोगों को दोनों वक्त का भोजन उपलब्ध कराना निःसंदेह उनके अकेले के वश की बात नहीं थी। लेकिन, पुण्य कार्यों में बाधाओं को पराजित होना ही पड़ता है। शुरुआत अपने संसाधनो से की और उसके बाद आर्थिक रूप से क्षमतावान लोग इस कार्य में उनका सहयोग करते गए। 
हेमंत गुप्ता ने शिवहरेवाणी को बताया कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली में केवल मेहनत-मजदूरी करने वाले लोग ही नहीं फंसे, बल्कि तमाम ऐसे लोग भी हैं जो अपने किसी बीमार का उपचार कराने या उसकी तीमारदारी के लिए दिल्ली में थे। उन्होंने बताया कि 21 दिनी लॉकडाउन के लाखों गरीब-मजदूर दिल्ली से पलायन कर गए, लेकिन वे लोग यहीं रह गए जिन्होंने दिल्ली में रहने की छोटी-मोटी स्थायी व्यवस्था बना ली थी। हेमंत द्वारा चलाई गई रसोई का सबसे बड़ा लाभ इन लोगो को मिला है। 
हेमंत गुप्ता और उनके दोस्तों ने जरूरतमंद लोगों का दो प्रकार से सहयोग किया। जिनके घर मे सिलेंडर है लेकिन राशऩ नहीं है तो उन्हें राशन की किट उपलब्ध कराई गई। इसमें दस किलो आटा, चार किलो चावल, एक लीटर तेल, दो किलो चीनी, 100 ग्राम चाय की पत्ती, दो नमक की थैली औऱ मसालो के छोटे पैकेट दिए गए। इसके उलट, जिन लोगों के यहां सिलेंडर नहीं था या जो जिनके रहने औऱ खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं थी, उन्हें प्रतिदिन दोनों वक्त का भोजन मुहैया कराया। हेमंत गुप्ता ने बताया कि इसके लिए सभी लाभार्थियों को टोकन बना दिए गए थे, जिनके आधार पर उन्हें भोजन का पैकेट उपलब्ध कराया जाता था।
भोजन के निर्माण से लेकर वितरण तक की सभी व्यवस्थाओं में सोशल डिस्टेंसिंग औऱ हाइजीन का विशेष ध्यान रखा जाता था। दो हलवाई, चार हैल्पर लगातार काम में लगे रहे, पूड़ियां या रोटी बेलने के काम कालोनी की महिलाओं ने सहयोग किया। स्वयं हेमंत गुप्ता की पत्नी श्रीमती ममता गुप्ता, पुत्र शिवांशु शिवहरे और आदर्श शिवहरे भी 
चंद निजी लोगो द्वारा बड़े सुव्यवस्थित तरीके से 1200 लोगों के लिए दोनों वक्त का भोजन उपलब्ध कराने के लिए हेमंत गुप्ता की कम्युनिटी किचन की प्रिटं मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी खूब चर्चा हुई। कई चैनलों पर हेमंत गुप्ता और उनके साथियों से बातचीत प्रसारित की गई। यही नहीं, स्थानीय सांसद गौतम गंभीर औऱ विधायक अनिल कुमार वाजपेयी भी इस किचन मे आए और भोजन वितरण में सहयोग किया। 
हेमंत गुप्ता ने बताया कि उनके इलाके में अब दिल्ली सरकार की ओर से एक स्कूल में नई कम्युनिटी किचन 22 अप्रैल से शुरू हो रही है। अपनी रसोई के सभी लाभार्थियों को वहां शिफ्ट कर दिया गया है। इसीलिए आज अंतिम रसोई बनाई गई। सभी टोकन दिल्ली सरकार की कम्युनिटी किचन मे सहयोग करने वाली संस्था को सौंप दिए गए हैं। 
 

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