November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

पूरा पढ़ें..कोरोना से जंग में आगे आया आगरा का शिवहरे समाज…जनता कर्फ्यू में इस बी की तलाश

शिवहरे वाणी नेटवर्क
आगरा।
पूरी दुनिया में दस हजार से अधिक जानें ले चुका कोरोनावायरस को भारत में फिलहाल कड़ी चुनौती मिल रही है। हालांकि यह वायरस अब तक 200 से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है और पांच लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन सख्त निगरानी और सावधानी के चलते हालात अभी नियंत्रण में हैं। यदि 31 मार्च तक यही सतर्कता जारी रही तो कोई कारण नहीं कि कोरोनावायरस की चेन टूट न पाए। ऐसे में कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को जनता कर्फ्यू की अपील काफी कारगर हो सकती है। आगरा में शिवहरे समाज ने तमाम राजनीतिक मतभेदों से ऊपर ऊठकर जनता कर्फ्यू का पूर्ण समर्थन किया है। 
पूर्व भाजपा महानगर अध्यक्ष विजय शिवहरे ने शिवहरे वाणी के माध्यम से समाज के लोगों से अपील की है कि वे रविवार 22 मार्च को  अपने-अपने घर से बाहर नहीं निकलें, जैसा कि पीएम मोदी ने कहा है। प्रधानमंत्री ने जनहित, राष्ट्रहित और समाजहित में यह अपील की है। उन्होंने उन तमाम चिकित्सकों और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त किया जो कोरोना संक्रमित लोगों के बचाव में लगे हुए हैं। मंदिर श्री दाऊजी महाराज प्रबंध समिति के अध्यक्ष भगवान स्वरूप शिवहरे का कहना है कि प्रधानमंत्री के जनता कर्फ्यू की अपील का तात्पर्य यह है कि रविवार के दिन हम किसी से मुलाकात न करें। यह समय बड़ी गंभीरता के साथ सावधानी और सतर्कता बरतने का है। उन्होंने समाजबंधुओं से आग्रह कि इस नवरात्र में हम सब अपने-अपने घर में देवी मां से इस आपदा से बचाए रखने की प्रार्थना करें। मंदिर श्री राधाकृष्ण प्रबंध समिति के अध्य़क्ष अरविंद गुप्ता ने कहा कि पूरे देश में एक दिन के सोशल डिस्टेंस का बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है, हम सभी लोगों को इसमें योगदान करना चाहिए।
खास बात यह है कि शिवहरे समाज ने कोरोना की गंभीरता को काफी पहले ही समझ लिया था और सबसे पहले होली मिलन समारोह निरस्त करने का निर्णय किया था। इसके अलावा भी कई शिवहरे समाजबंधु कोरोना वायरस को लेकर छिड़ी इस जंग में सराहनीय योगदान कर रहे हैं। मसलन राधाकृष्ण मंदिर प्रबंध समिति के महासचिव मुकुंद शिवहरे सिकंदरा में जिस पुष्पांजलि गार्डेनिया सोसायटी में रहते हैं, वह उसकी रेजीडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने पूरी बिल्डिंग को सेनाटाइज कराया है, इसके अलावा बिल्डिंग की लिफ्ट के स्विच और अन्य प्वाइंट्स जहां लोग टच करते हैं, को दिन में कई बार सेनेटाइज करने की व्यवस्था की है। कोरोना वायरस के जंग में यदि कोई शिवहरे बंधु सामूहिक बचाव के लिए इस तरह की कोई पहल पहल या प्रयास कर रहा है, तो शिवहरे वाणी को अवगत करा सकता है। समाजहित में शिवहरेवाणी पर इसे प्रकाशित किया जाएगा।
फिलहाल हम आपको बता रहे हैं कि जनता कर्फ्यू किस तरह कोरोन संक्रमण को रोकेगा। इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं। मान लीजिए चार व्यक्ति हैं- ए, बी, सी, डी
1. मान लीजिए कोई एक व्यक्ति ‘ए’ कोरोनावायरस से संक्रमित है। चूंकि, कोरोनावायरस विदेशों से फैला है। इसलिए ‘ए’ यानी विदेश से देश में आए नागरिक को ढूंढना काफी आसान है। हालांकि, मान लीजिए कि ‘ए’ किसी तरह घर पर आइसोलेशन के नियम तोड़ कर ‘सी’ से मिलने गया। इस दौरान रास्ते में उसका संपर्क एक अनजान शख्स ‘बी’ से हुआ। इस तरह के संपर्क एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, पब्लिक टॉयलेट, टैक्सी, सैलून, शॉपिंग मॉल और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाके में हो सकता है।
2. ‘बी’ से संपर्क में आने के बाद ‘ए’ ‘सी’ से मिलने पहुंचा। यह ‘सी’ उसके परिवार, दोस्त, साथी, पड़ोसी, फूड डिलीवरी वाले, सिनेमा काउंटर के स्टाफ और बैंक कैशियर हो सकते हैं। सरकार ‘ए’ से पूछताछ के बाद ‘सी’ का पता लगा सकती है। ऐसे कितने भी लोग हों, उन्हें क्वारैंटाइन यानी अलग-थलग रखा जा सकता है।
3. ‘डी’ वह शख्स है, जो संक्रमण के माहौल के बीच घर से अब तक बाहर ही नहीं निकला और पूरी तरह स्वस्थ है।
4. लेकिन सरकार और जांचकर्ताओं के सामने समस्या उस ‘बी’ को ढूंढने की है, जिससे ‘ए’ बीच रास्ते में कहीं संपर्क में आया। क्योंकि ‘बी’ के संक्रमण के बारे में खुद उसे भी नहीं पता है।
5. मान लीजिए ‘डी’ किसी काम से घर से बाहर निकलता है। इस दौरान उसका संपर्क ‘बी’ से हो जाता है। ऐसे में अब वह भी कोरोनावायरस से संक्रमित हो गया। यानी अपनी स्थिति के बारे में एक अनजान शख्स ‘बी’ से संक्रमण दूसरे अनजान शख्स ‘डी’ तक पहुंच गया।
इस स्थिति में अगर ‘ए’ का पता लगा कर उन्हें क्वारैंटाइन में रख लिया जाए, तो पहले ‘बी’ को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है। लेकिन अगर संक्रमण ए, बी और सी तीनों में फैल गया हो तो जनता कर्फ्यू के जरिए तीनों खुद को घरों में ही बंद कर लेंगे। ऐसे में अधिकारियों को ‘बी’ को ढूंढने का समय मिल जाएगा। और इस तरह संक्रमण की चेन को भी तो़ड़ा जा सकेगा। 
 

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