नई दिल्ली।
सामाजिक कार्यकर्ता श्याम मानव की चुनौती पर नागपुर से भाग खड़ा हुआ ‘नफरती बाबा’ धीरेंद्र शास्त्री अब कलचुरी समाज के आराध्य भगवान सहस्रबाहु अर्जुन के लिए घोर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने को लेकर विवादों में घिर गया है। पूरे हिंदू समाज को अज्ञानता, अंधविश्वास, असहिष्णुता और नफरत की खाई में धकेल देने की खतरनाक राष्ट्रविरोधी साजिश में शामिल ‘नफरती बाबाओं’ की फेहरिस्त में फिलहाल अव्वल चल रहे धीरेंद्र शास्त्री का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उसने भगवान सहस्रबाहु और उनके वंशजों यानी संपूर्ण कलचुरी समाज के लिए अपमानजनक और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है।
सभी हिंदुओं से हथियार उठा लेने की अपील करने वाला नफरती धीरेंद्र कृष्ण गर्ग उर्फ धीरेंद्र शास्त्री इस वीडियो में एक पर्चा पढ़ते हुए बोल रहा है कि हैहय वंश का राजा बहुत दुष्ट, कुकर्मी और महिलाओं पर बलात करने वाला था, इसीलिए परशुराम ने सहस्रबाहु और हैहयवंशियों पर फरसा उठाया था और उनका वध किया था। धीरेंद्र कृष्ण गर्ग कहता है कि परशुराम ने कभी बच्चों और महिलाओं के खिलाफ फरसा नहीं उठाया। हैहयवंशियों के बच्चे जब बड़े हो गए और पिता का बदला लेने के लिए परशुराम पर आक्रमण किया तो परशुराम ने उनका भी वध कर दिया, इसके बाद उनके बच्चे जवान हुए तो उनका भी वध किया। वह कहता है कि इस तरह परशुराम ने ‘आततायी’ हैहयवंशियों का 21 बार वध किया। धीरेंद्र कृष्ण गर्ग उर्फ धीरेंद्र शास्त्री का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और कलचुरी समाज में इसे लेकर रोष के स्वर उठने लगे हैं।
खास बात यह है कि धीरेंद्र कृष्ण गर्ग का यह वीडियो सामने आने से ठीक पहले शिवहरेवाणी पर साहित्यकार एवं विचारक श्री पवन नयन जायसवाल (अमरावती) का एक आलेख प्रकाशित हुआ था जिसमें उन्होंने बड़ी तार्किक तरीके से प्रतिपादित किया था कि परशुराम द्वारा सहस्रबाहु अर्जुन को मारने और 21 बार पृथ्वी को क्षत्रियों से विहीन करने का कोई प्रमाण नहीं है। साथ ही शास्त्रों में सहस्त्रबाहु अर्जुन के आततायी होने का भी कोई उल्लेख नहीं है। बल्कि, पुराणों में भगवान सहस्रबाहु को एक ऐसा चक्रवर्ती सम्राट और दानी प्रवृत्ति का प्रजापालक राजा बताया गया है जिसने हजारों यज्ञ कराए और ब्राह्मणों को दान किया।
खुद को हिंदुओं की एकता का पैरोकार बताने वाला धीरेंद्र शास्त्री अपने इस वीडियों में इस बात पर चिंता जाहिर करता है कि बुद्धि और तर्क वाले लोग ब्राह्मणों और क्षत्रियों को आपस में टकराने के उपाय करते रहते हैं। सवाल यह है कि धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोग इस तरह की चिंता जाहिर कर समाज को किस दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। हिंदू समाज जब हजारों साल के संघर्ष के बाद ब्राह्मण-क्षत्रियों की गुलामी से मुक्त हो रहा है, तब खुले मंच से छुआछूत का प्रदर्शन वाले धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोग प्रगतिशील हिंदू समाज को अज्ञानता-अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र और झाड़फूक में फंसाकर हजारों साल पीछे की स्थिति में ले जाने कोशिश में लगे हैं।
साहित्यकार एवं विचारक श्री पवन नयन जायसवाल ने शिवहरेवाणी से धीरेंद्र कृष्ण गर्ग के वीडियो पर गहन चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पूरे कलचुरी समाज को इसके खिलाफ एकजुट हो जाना चाहिए और हर गांव, ब्लॉक, नगर और जिले में धीरेंद्र कृष्ण के खिलाफ प्रदर्शन और हर थाने में एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। लेकिन ध्यान रहे, हमारा विरोध और प्रदर्शन सिर्फ और सिर्फ धीरेंद्र कृष्ण गर्ग उर्फ धीरेंद्र शास्त्री की अनर्गल टिप्पणी के खिलाफ होना चाहिए, ब्राह्मण या किसी वर्ग विशेष के खिलाफ नहीं। हम सहस्रबाहु अर्जुन के वंशज हैं, तर्क और बुद्धि वाले लोग हैं, हमारे बड़े दिल और बड़ी सोच में किसी के लिए नफरत नहीं।
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