November 1, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

बैकफुट पर धीरेंद्र शास्त्री मगर माफी नहीं मांगी; कहा-हम शास्त्र की बात करते हैं; देशभर में प्रदर्शन कर रहा कलचुरी समाज

भोपाल।
भगवान सहस्रबाहु अर्जुन के लिए बेहद अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने वाला धीरेंद्र शास्त्री कलचुरी समाज के तीव्र प्रतिरोध के आगे बैकफुट पर आ गए लगता है। उनके दो वीडियो सामने आए हैं जिनमें वह कह रहा है कि सहस्रबाहु सनातन के भगवान हैं, शायद मेरे कहने में या समझाने में कुछ गलती हो लेकिन उनकी अव्हेलना नहीं कर सकता। हालांकि वीडियो में उसने माफी बिल्कुल नहीं मांगी है बल्कि दूसरे वीडियो में तो यह भी कह रहा है कि वह वही बोलता जो शास्त्र में है। फिर भी, धीरेंद्र शास्त्री के नरम पड़े लहजे और चेहरे पर चिंता के भावों से लगता है कि कलचुरी समाज समेत समस्त हैहयवंशी अपना विरोध जारी रखेंगे तो पटना में 13 मई से होने वाली कथा में किसी रोज यह नाटकीय कथावाचक कलचुरी समाज से सार्वजनिक माफी मांग सकता है।
फिलहाल, धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कलचुरी समाज का विरोध आज 12 मई को भी जारी रहा। नागपुर से बेतूल और पटना तक कलचुरी समाजबंधु अपना विरोध प्रदर्शित कर रहे हैं। इस बीच धीरेंद्र शास्त्री को कानूनी नोटिस भेजने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कलचुरी समाज का विरोध इतना तीव्र और व्यापक है कि सोशल मीडिया पर आ रहे समाचारों को संकलित करना मुश्किल कार्य साबित हो रहा है। धीरेंद्र शास्त्री के नरम तेवरों के बावजूद ज्यादातर कलचुरी बंधु मान रहे हैं कि समाज का आंदोलन कोर्ट में उसके खिलाफ केस दर्ज होने और उसके जेल जाने तक जारी रहना चाहिए। 
वैसें धीरेंद्र शास्त्री ने तो शायद यही सोचकर वीडियो जारी किया होगा कि हैहयवंशी उसकी नाटकीय विनम्रता और मासूमियत के फेर में आ जाएंगे और मामला शांत हो जाएगा। कोशिश तो अच्छी थी लेकिन नाटक काम नहीं कर पाया। बल्कि इसके उलट, धीरेंद्र शास्त्री की माफी न मांगने की  हठधर्मिता उजागर हो गई। एक वीडियो में वह कह रहा है कि ‘हमारे ही सनातनी हिंदू धर्म के अभिन्न अंग के कुछ लोग मन में इस तरह का भाव बनाए हुए हैं कि बागेश्वर वाले महाराजजी ने सनातन धर्म के सहस्रबाहु अर्जुन जी के बारे में कुछ गलत कहा है। हमारा स्वप्न में भी यह ध्येय नहीं है कि हम अपने हिंदुओं के इष्टों को आघात पहुंचाएं या किसी तरह उनकी भावनाओं को आहत करें, हमारा सिद्धांत है सनातनी हिंदू एक हों हर हाल में। पर हो सकता है कि हमारे समझाने में अथवा हमारे कहने में सहस्रबाहु अर्जुन को लेकर कुछ ऐसी बात हो गई होगी जिसे समझने में भी कुछ त्रुटि हो सकती है अथवा समझाने में शब्द शैली में भी, जिसमें हमारा ही अंग हमारे ही प्राचीन सनातन वैदिक धर्म के पुरोधा जिनमें कलचुरी समाज, राय समाज, ताम्रकार समाज, शिवहरे समाज हैहयवंश के जितने भी लोग हैं, उन्हें लगा कि गुरुजी ने कुछ अल्टा कह दिया। आप कभी ऐसा विचार मत रखना, न मन में खेद रखना, आप हमारी आत्मा हो, हमारे प्राण जब तक रहेंगे सनातनी हिंदुओं की एकता के लिए कार्य करते रहेंगे।‘
धीरेंद्र शास्त्री का एक अन्य वीडियो कथा के मंच से है, जिसमें वह कह रहा है कि हमने सहस्रबाहु की अव्हेलना नहीं की, सहस्रबाहु भगवान तो वहीं हैं जिनकी वार्ता हमारे हनुमानजी ने रावण को सुनाई थी.. सहस्रबाहु संग पड़ी लड़ाई…हे रावण तुझे पता भी है भगवान सहस्रबाहु से जब तुम्हारी लड़ाई पड़ी तो तुम्हारा क्या हाल हुआ। आगे धीरेंद्र शास्त्री कहता है कि हम कभी भी जीवन में हिंदुओं को बांटने का काम नहीं करेंगे। हम प्रार्थना कर दें कि हम कभी ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे आपको नीचा मुंह करना पड़े। हम शास्त्र की बात करते हैं, सत्य बोलना धर्म है हमारा, व्यास पीठ से सत्य नहीं बोलेंगे तो कौन सत्य बोलेगा।

 

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