शिवहरे वाणी नेटवर्क
नई दिल्ली।
छोटी सी उम्र में कभी किराने की दुकान पर काम किया तो कभी गोलगप्पे बेचे…लेकिन क्रिकेटर बनने का जुनून कम नहीं हुआ। महज 17 वर्ष की उम्र में कड़ी मेहनत और लगन से क्रिकेट में अपना नाम चमकाने वाले यशस्वी जायसवाल के लिए तंगी के दिन दिन फिरने वाले हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2020 के लिए 19 दिसंबर को कोलकाता में होने वाली नीलामी यशस्वी जायसवाल को करोड़पति बना सकते हैं। देश-विदेश के 917 खिलाड़ियों की नीलामी के बीच यशस्वी जायसवाल को उन चंद क्रिकेटरों में शुमार किया जा रहा है जो आईपीएल की चार टीमों की मोस्ट फेवरेट लिस्ट में हैं। जाहिर है कि यशस्वी जायसवाल के लिए ये टीमें बोली लगाने में पीछे नहीं हटेंगी।
बता दें कि यशस्वी बड़े-बड़े शॉट्स खेलने के लिए जाने जाते हैं। घरेलू वनडे टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में खेले गए 6 मैचों में यशस्वी ने 25 छक्के मारे। उनके ज्यादा छक्के सिर्फ केरल के विष्णु विनोद ने ही मारे, जो आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर का हिस्सा रहे हैं। साथ ही उन्होंने झारखंड के खिलाफ रिकॉर्ड दोहरा शतक भी बनाया, जिसमें उन्होंने वरुण एरॉन, शाहबाज नदीम और अनुकुल रॉय जैसे गेंदबाजों के खिलाफ जमकर रन बनाए।
जानकारों के मुताबिक, पिछले कुछ सालों का ट्रेंड देखें तो पता चलता है कि आईपीएल खेलने वाली टीमों की नजर नए और कम उम्र के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों पर रहती है, और उनके लिए बड़ी बोलियां लगाने से भी नहीं चूकतीं। मसलन बीते वर्ष किंग्स इलेवन पंजाब ने वरुण चक्रवर्ती जैसे अनजान खिलाड़ी को 8.4 करोड़ रुपये में खरीदा था। वहीं आरसीबी ने महज 16 साल के लेग स्पिनर रे बर्मन को 1.5 करोड़ में खरीदा। इस तरह के और भी उदाहरण हैं।
ऐसे में यशस्वी के लिए बड़ी बोलियां लगने की पूरी संभावना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीएल की किंग्स इलेवन पंजाब, रॉयस चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी), कोलकाता नाइट राइर्ड (केकेआर) और चेन्नई सुपरकिंग्स ने यशस्वी को अपनी फेवरेट लिस्ट में रखा है। वैसे, यशस्वी का बेस प्राइज अभी तय नहीं है लेकिन पूरी संभावना है कि उनके लिए बोली उनके बेस-प्राइज से कई गुना तक जा सकती है। यूपी में भदोही के रहने वाले यशस्वी जायसवाल बायें हाथ के बल्लेबाज हैं औ लेगब्रेक बॉलिंग कराते हैं। छह फुट लंबे यशस्वी के नाम लिस्ट-ए मैचों मे सबसे कम उम्र में दोहरा शतक बनाने का विश्व रिकार्ड है। उन्हें अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया में बरकरार रखा गया है।
यूपी में भदोही के गांव सूर्यावान में पेंट की छोटी सी दुकान चलाने वाले भूपेंद्र जायसवाल का सपना था कि उनका बेटा यशस्वी बड़ा क्रिकेटर बने। इसके लिए उन्होंने दस वर्ष का आय़ु में ही यशस्वी को मुंबई में एक रिश्तेदार के यहां भेज दिया। यहां यशस्वी को संघर्ष के उस दौर से गुजरना पड़ा जिसकी कल्पना कम उम्र लड़के से नहीं की जा सकती। कभी भूखा सोया, कभी किसी किराना की दुकान पर नौकरी की, गोलगप्पे बेचे लेकिन पिता के सपने को पूरा करने की धुन नहीं छो़ड़ी। यशस्वी का यह संघर्ष उस समय मीडिया की चर्चा में आया, जब महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने उसे अपने घर बुलाया और क्रिकेट के गुर दिए। इसके बाद यशस्वी अंडर-19 टीम में चुनकर श्रींलंका गया और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। यशस्वी का बड़ा भाई तपस्वी भी क्रिकेट की ट्रेनिंग ले रहा है।
शिक्षा/करियर
इस बार यशस्वी को करोड़पति बनाएगा आईपीएल…चार टीमों का है मोस्ट फेवरेट प्लेयर
- by admin
- October 29, 2016
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- 8 years ago
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