November 23, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

नाकाम हुए मगर नाउम्मीद नहीं…आखिरकार जज बनकर ही रहे कानपुर के तुषार जायसवाल

शिवहरे वाणी नेटवर्क
कानपुर।
कभी-कभी कड़ी मेहनत, समर्पण और लगन के बावजूद प्रयास विफल हो जाते हैं। और, कभी-कभी तो ऐसा होता है कि तमाम कोशिशों के बाद भी लगातार नाकामी ही हाथ लगती है। नाकामी पर अफसोस होना लाजिमी है लेकिन हौसला नहीं टूटना चाहिए, नाउम्मीद नहीं होना चाहिए। दुनियाभर में ऐसी कई प्रेरक गाथाएं हैं ..और इन्हीं में ताजा शुमार हुई है तुषार जायसवाल की कहानी। कानपुर के तुषार जायसवाल ने 17 साल बिना हार माने कोशिश की और हर बार असफलता से सीखा, गलतियां दूर कीं और आज उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की पीसीएस-जे क्वालिफाई कर जज बनने का सपना पूरा कर लिया है। 
कानपुर के लाल बंगला निवासी होटल व्यवसायी अशोक जायसवाल और श्रीमती कल्याणी जायसवाल के होनहार पुत्र तुषार जायसवाल ने  1997 में जयपुरिया स्कूल से हाईस्कूल और 1999 में इंटरमीडियेट किया।  इसके बाद 2002 में पीपीएन कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की। तभी से सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए। कई बार प्री क्वालीफाई करके मेंस और फिर इंटरव्यू तक में शामिल हुए लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। ऐसे में तुषार का निराश होना स्वाभाविक था लेकिन उन्होंने अपनी कोशिशों को निढाल नहीं पड़ने दिया। 2012 में डीसी लॉ कॉलेज से तुषार ने एलएलबी की पढ़ाई की, और अपनी दिशा को थोड़ा बदलते हुए पीसीएस-जे की तैयारी शुरू कर दी। अंततः उनके संघर्ष को मंजिल का सुख मिल ही गया, जब बीते शनिवार को घोषित पीसीएस-जे के रिजल्ट में उनका नाम अंकित था।  इस कामयाबी ने नाकामी के सारे मलाल धो दिए, तुषार बेहद खुश हैं। और, कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता के साथ ही पत्नी रिचा जायसवाल को भी देते हैं जिसने संघर्ष के दिनों में हर कदम पर उसका साथ दिया। 
 

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