शिवहरे वाणी नेटवर्क
नागपुर।
ब्रह्मांड में केवल पृथ्वी ही है जहां वायु, जल, जीवन है, और इसलिए हम भी हैं। लेकिन, हम इंसानों ने अपनी ही पृथ्वी पर वायु, जल और जीवन से जैसे जंग छेड़ रखी है। आर्थिक विकास को लेकर हमारी होड़ हमारे ही जीवन के लिए खतरे पैदा कर रही है। ऐसे में नागपुर एक मिसाल के तौर पर उभर रहा है, जहां ग्रीन विजिल फाउंडेशन नाम के संगठन ने जन-जागरूकता और जन-सहयोग के माध्यम से महानगर में वायु, जल और जीवन को बचाने की मुहीम छेड़ी हुई है। युवा पर्यावरणविद और ग्रीन विजिल की टीम लीडर सुश्री सुरभि जायसवाल के नेतृत्व में चलाए गए 200 से अधिक अभियानों का नतीजा यह है कि महानगर की हरियाली लौट रही है। पर्यावरण संरक्षण में आम जनता अपनी भूमिका को लेकर जागरूक हुई है तो नगर प्रशासन ठोस कदम उठाने को बाध्य हुआ है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़नवीस ने पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए बीती 29 जून को सुश्री सुरभि जायसवाल को सम्मानित किया।
नागपुर के जाने-माने डेंटिस्ट और कलचुरी समाज के सक्रिय सदस्य डा. प्रकाश जायसवाल एवं श्रीमती मीरा जायसवाल की होनहार पुत्री सुरभि जायसवाल पिछले करीब नौ साल से ग्रीन विजिल फाउंडेशन से जुड़कर नागपुर में पर्यावरण और उससे जुड़े मुद्दों पर काम कर रही हैं। सुरभि ने नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण और अन्य मुद्दों पर नागपुर के लोगों को जागरूक करने का काम किया। नागपुर की प्रसिद्ध फुटाला झील को बचाने के लिए सुरभि ने गणेश महोत्सव के दौरान वहां विसर्जन नहीं करने के लिए लोगों को प्रेरित किया।
यूं तो पर्यावरण शुरू से ही सुरभि का पसंदीदा विषय रहा है। उन्होंने राष्ट्रसंत तुकोजी महाराज यूनीवर्सिटी से पर्यावरण विज्ञान में एमएससी टॉप किया जिसके लिए उन्हें स्वामीनाथन मैमोरियल गोल्ड मैडल से नवाजा गया था। सुश्री सुरभि ने शिवहरे वाणी को बताया कि 2011 में बीएससी एनवायरमेंट साइंस की पढ़ाई के दौरान उन्हें लगा कि किताबों से ज्यादा इस विषय की समझ उन्हें अपने असल जीवन में पर्यावरण से जुड़कर मिलेगी। उसके बाद से वह ग्रीन विजिय फाउंडेशन से जुड़कर लगातार इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। उनका कहना है कि हमारे पास एक ही पृथ्वी है और हमें इसी पर रहना है, लिहाजा इसका संरक्षण हमारा दायित्व है। उनका मानना है कि मात्र पेड़ लगाना ही पर्यावरण बचाना नहीं है, बल्कि पेड़ों की कटाई रोकना भी उतना ही जरूरी है। वह मानती हैं कि पर्यावरण को बचाने की दिशा में महिलाएं बहुत सकारात्मक भूमिका निभा सकती हैं। क्योंकि वह प्रकृति के कहीं अधिक करीब रहती हैं।
नागपुर पहले कभी महाराष्ट्र का सबसे हरा-भरा शहर हुआ करता था लेकिन बीते कुछ वर्षों में यहां निर्माण गतिविधियों के चलते पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई, आबादी के बढ़ते बोझ से हर तरह का प्रदूषण भी बढ़ा है। ग्रीन विजिल फाउंडेशन द्वारा चलाए गए अभियानों से हालात फिर बदलने लगे हैं। एक ओर पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोग नागपुर के लोग जागरूक हुए तो वहीं नागपुर की महानगर पालिका भी चेती है। और इन सबका श्रेय जाता है ग्रीन विजिल फाउंडेशन और उसकी टीम लीडर सुश्री सुरभि जायसवाल को जिनके नेतृत्व में 'स्वच्छ भारत', 'कचरा वर्गीकरण', 'ऊर्जा बचत', 'हरितम' और इस तरह के कई अभियानों से पर्यावरण संरक्षण में आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित की गई।
सुरभि जायसवाल को इसके लिए कई अवार्डों से नवाजा जा चुका है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें 'बडिंग एनवायरमेंट एक्टिविस्ट' के रूप मे सम्मानित किया गया। नागपुर महानगर पालिका द्वारा 'यूथ रोल मॉडल' और 'पर्यावरण संरक्षक', फार्च्यून द्वारा 'यंग एनवायरमेंट एक्टिविस्ट', महाराष्ट्र राज्य शहर एवं ग्रामीण पत्रकार संघ द्वारा 'महाराष्ट्र ज्योति गौरव पुरस्कार', अर्थ डे नेटवर्क द्वारा 'अर्थ डे नेटवर्क राइजिंग स्टार' आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
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