शिवहरे वाणी नेटवर्क
चित्तौड़गढ़।
राजनीतिक दल अक्सर विभिन्न सामाजिक और जातीय सगठनों को साधने का प्रयास करते हैं, ताकि चुनावों में उस समाज या जाति के वोट उसे मिल सकें। दूसरी तरफ, सामाजिक और जातीय संगठनों की हालत यह है कि उनके नेतृत्व का राजनीतिक रुझान ही उन संगठनों का राजनीतिक रूख बन जाता है, और वे किसी राजनीतिक दल के पक्ष में खुलकरआ जाते है। यह आदर्श स्थिति नहीं है और अंततः उस समाज के लिए नुकसानदेह भी। अच्छी बात यह है कि कलचुरी समाज के सामाजिक संगठन इस बुराई से दूर हैं और सियासत पर समाज को प्राथमिकता देते हैं। राजस्थान के विधानसभा चुनाव में यह फिर साबित हुआ है।
उत्तर प्रदेश जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के एक दल ने हाल में चित्तौड़गढ़ का दौरा किया। यह दल चित्तौड़गढ़ जिले की बड़ी सादणी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी श्रीप्रकाश चौधरी का चुनाव प्रचार के लिए आया था। दल ने बड़ी सादणी क्षेत्र में स्थानीय स्वजातीय बंधुओं से मिलकर श्रीप्रकाश चौधरी के पक्ष में मतदान की अपील की। कल 7 दिसंबर को यहां वोटिंग होनी है। दो बार विधायक रह चुके श्रीप्रकाश चौधरी अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में महासभा के संरक्षक हैं।
श्रीप्रकाश चौधरी के चुनाव प्रचार के लिए आए दल में उत्तर प्रदेश जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष कपिल जायसवाल (कानपुर), उत्तरप्रदेश महासभा के कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र राज शिवहरे (आगरा) और दूसरे वरिष्ठ कार्यकारी अध्यक्ष ओम प्रकाश जायसवाल (लखनऊ) के पुत्र सुनील कुमार जायसवाल शामिल थे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा बीते दिनों अपने कुछ कार्यक्रमों में यूपी की मौजूदा भाजपा सरकार के मंत्रियों ने भागीदारी की थी जिसे लेकर भाजपा के लिए काम करने के आरोप उस आरोप लगे। लेकिन, प्रतापगढ़ में जायसवाल बंधुओ की हत्या समेत कई मामलों में महासभा ने योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए और सख्ती से अपनी मांगों को रखा। अब श्रीप्रकाश चौधरी के पक्ष में प्रचार कर महासभा ने ऐसे आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
सच तो यह है कि सामाजिक और जातीय संगठनों की यही आदर्श स्थिति है। राजनीतिक दलों के काम आने के बजाय राजनीतिक दलों से समाज को लाभ दिलाना और राजनीति में समाज को आगे बढ़ाना ही सामाजिक एवं जातीय सगठनों का वास्तविक ध्येय होना चाहिए। यह रुख अंततः समाज को राजनीतिक लाभ प्रदान करता है।
हाल में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में यह बात साबित हुई। यहां कलचुरी समाज ने राजनीतिक महासम्मेलन का आयोजन कर समाज के लोगों को अधिक से अधिक टिकट देने की मांग राजनीतिक दलों से की थी। इसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे, हालांकि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कमलनाथ नहीं आ सके थे। महासम्मेलन के बाद भाजपा ने चार सीटों पर कलचुरी समाज के व्यक्ति को टिकट दिया, जो किसी एक राजनीतिक दल द्वारा कलचुरी समाज को दिया गया अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व है। महासम्मेलन के संयोजक राजाराम शिवहरे का कहना है कि महासम्मेलन में यदि कमलनाथ आते तो कांग्रेस से भी कलचुरी समाज को प्रतिनिधित्व मिल सकता था। मजे की बात यह है कि महासम्मेलन में, उसके बाद और विधानसभा चुनाव होने तक किसी भी मौके पर, किसी भी मंच से कलचुरी समाज से किसी पार्टी विशेष के पक्ष में मतदान करने की अपील उसके किसी सामाजिक संगठन ने नहीं की।
समाचार
सियासत में सयाने हैं हम…यूपी के कलचुरियों ने राजस्थान में किया प्रचार
- by admin
- October 29, 2016
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- 9 years ago


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