शिवहरे वाणी नेटवर्क
छिंदवाड़ा।
सेवा का भाव किसी समारोह या आयोजन का मोहताज नहीं होता, बल्कि यह भाव तो सेवा का उचित स्वयं अवसर तलाश ही लेता है। सामाजिक सेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए बीते दिनों भोपाल में सावित्री बाई फुले अवार्ड से नवाजीं गईं श्रीमती आशा राय ने इसी की एक मिसाल पेश की है। छिंदवाड़ा में बीते दिनों ओबीसी के तत्वाधान में आयोजित छिंदवाड़ा टेलेंट अवार्ड समारोह में श्रीमती आशा राय को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया गया था। श्रीमती आशा राय ने इसी समारोह में कलचुरी समाज के 60 मेधावी बच्चों को अपनी ओर से सम्मानित कर दिया।
आमतौर पर देखा जाता है कि विभिन्न समाजों की संस्थाएं स्वजातीय मेधावी छात्र-छात्रा सम्मान समारोह आयोजित करती हैं। इसके लिए आयोजन और प्रचार प्रसार पर खासा खर्च किया जाता है। क्या ही अच्छा हो कि अगर इन खर्चे को रोककर उस पैसे का उपयोग मेधावी बच्चों या निर्धन बच्चों की शिक्षा पर या समाज के हित में किसी अन्य कार्य में किया जाए। भारतीय कलचुरी जायसवाल समवर्गीय महासभा (बीकेजेएसएम) की महिला महासचिव श्रीमती आशा राय की सोच भी यही थी।
शिवहरे वाणी से बातचीत में उन्होंने बताया कि बीते दिनों भोपाल के रविंद्र हाल में हुए एक कार्यक्रम में उन्हें सावित्रीबाई फूले अवार्ड दिया गया था। इसके लिए छिंदवाड़ा में ओबीसी ने उन्हें सम्मानित करने का निर्णय किया। इसके लिए उन्हें ओबीसी के तत्वावधान में होने वाले टेलेंट अवार्ड समारोह में आमंत्रित किया गया था।
जब निमंत्रण उनके पास आया, तो उन्हें लगा कि क्यों न इसी समारोह में कलचुरी समाज के मेधावी बच्चों को सम्मानित कर दिया जाए। सो उन्होंने आयोजकों से बात कर उस कार्यक्रम के लिए चयनित कलचुरी समाज के 60 बच्चों को अपनी ओर से सम्मानित करने का फैसला किया।
समारोह में श्रीमती आशा राय ने कलचुरी समाज के बच्चों को मूमेंटो और प्रमाण पत्र प्रदान करने के साथ ही उनके माता-पिता का शॉल व श्रीफल से सम्मान किया। इस दौरान श्रीमती मीना राय उनके साथ रहीं।
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