November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

श्याम नारायण चौकसे की याचिका पर हाईकोर्ट सख्त, सीपीडब्लूडी के अफसरों के पसीने छूटे

शिवहरे वाणी नेटवर्क
नई दिल्ली। 
जाने-माने गांधीवादी चिंतक श्री श्याम नारायण चौकसे ने एक बार फिर अधिकारियों के पसीने छुड़ा दिए हैं। नई दिल्ली में महात्मा गांधी के समाधिस्थल राजघाट की दुर्दशा को लेकर दायर की गई श्री चौकसे की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय निर्माण कार्य विभाग (सीपीडब्लूडी) के अधिकारियों को राजघाट में विभिन्न गणमान्य अतिथियों द्वारा किए गए वृक्षारोपण की सूची पेश करने को कहा है। अदालत ने इन वृक्षारोपण की तारीख, वृक्ष की प्रजाति और उसकी वर्तमान स्थिति की तालिकाबद्ध सूची मामले की अगली सुनवाई की तारीख 26 जुलाई तक प्रस्तुत करने को कहा है। 
श्री श्याम नारायण चौकसे ने याचिका में आरोप लगाया था कि महात्मा गांधी स्मारक का रखरखाव ठीक तरीके से नहीं किया जा रहा है। उन्होंने महात्मा गांधी के स्मारक पर रोपित किए गए वृक्षों की संख्या की जानकारी मांगते हुए यह भी पूछा था कि इनमें कितने जीवित बचे हैं। मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट की कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस हरी शंकर की बैंच ने निर्देश दिया है कि राजघाट की स्थिति को सुधारने की दिशा में निष्क्रियता बरतने के लिए अधिकारियों की जमकर खिंचाई की। बैंच ने कहा राजघाट समाधि समिति और सीपीडब्लूडी अपने वैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करने में नाकाम रहे हैं। 
बता दें कि 77 वर्षीय श्री श्याम नारायण चौकसे की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के वक्त खड़े होने का निर्देश दिया था। हालांकि बाद में यह फैसला वापस ले लिया गया। इसके बाद श्री चौकसे ने महात्मा गांधी के समाधिस्थल के रखरखाव को लेकर कई याचिकाएं दायर कीं, जिन पर अदालत ने कई अहम फैसले भी दिए हैं। भोपाल निवासी श्री चौकसे सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन में डिजायनर के पद पर कार्यरत थे और वर्ष 2000 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। वर्तमान में वह एक एनजीओ चलाते हैं। 
 

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