शिवहरे वाणी नेटवर्क
छिंदवाड़ा
इतिहास का महत्व हरेक व्यक्ति के लिए है। इस दुनिया में हर चीज का, हर व्यक्ति का, हर समस्या का अपना इतिहास होता है। इतिहास दरअसल एक ऐसा डाक्टर है, जो आपको उज्ज्वल भविष्य की राह बताता है, आपकी मौजूदा मुश्किलों का सही समाधान देता है। कोई भी राष्ट्र, देश, समुदाय, जाति अथवा व्यक्ति ही क्यों न हो, उसका उन्नतिशील, सजीव और गतिशील होना बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि अपने इतिहास को लेकर उसके ज्ञान कितना है, उसे कितनी गंभीरता से लिया है। अपने इतिहास से अनभिज्ञ व्यक्ति की तुलना उन लावारिसों से की जा सकती है जिन्हें अपने माता-पिता का नाम नहीं मालूम। खैर, ये सब बातें इसलिए कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा के श्री राजेंद्र राय ने इन दिनों एक मुहीम छेड़ी है कलचुरी समाज उसके इतिहास का बोध कराने की, और उसे प्रगतिशील, गतिशील औऱ जीवंत बनाए रखने की।
श्री राजेंद्र राय ने सहस्त्रबाहु कथा का परिपाटी शुरू की है, उनकी कोशिश है कि कलचुरी समाज के लोग मांगलिक कार्यक्रमों में सहस्त्रबाहु कथा कराएं। कथा उन्होने स्वयं तैयार की है और उसके प्रकाशित कराकर समाज में वितरित करा रहे हैं। सत्यनारायण कथा की भांति यह श्री सहस्त्रबाहु कथा भी पांच अध्याय में है। इसमें भगवान श्री सहस्त्रबाहु के जीवन के वृतांत हैं। श्री राजेंद्र राय ने विभिन्न पौराणिक ग्रंथों में भगवान सहस्त्रबाहु के बारे में दिए गए उल्लेखों को संकलित कर इस कथा को तैयार किया है। कथा में भगवान सहस्त्रबाहु की आरती के साथ ही पूजा का विधि-विधान भी दिया गया है। यही नहीं, राजेंद्र राय ने भगवान सहस्त्रबाहु की पत्थर की डेढ़-डेढ़ फुट की भी बनवाई हैं, जिन्हें समाजबंधु अपने घर के मंदिर में स्थापित कर सकते हैं।
बीते दिनों कलचुरी सेना के श्री विपिन राय भोपाल से छिंदवाड़ा गए तो राजेंद्र राय से उन्होने मुलाकात की। उनहोंने शिवहरे वाणी को फोन कर श्री राजेंद्र राय के इस अभियान की जानकारी दी। शिवहरे वाणी ने राजेंद्र राय से बात की तो उन्होंने बताया कि मंदिर में प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ श्री सहस्त्रबाहु कथा अनिवार्य रूप से कराई जानी चाहिए। राजेंद्र शिवहरे को अपनी इस मुहीम में खासी सफलता मिली है। उनका कहना है कि अब तक कई कलचुरी परिवार अपने घर में बने मंदिर में भगवान सहस्त्रबाहु प्रतिमा को स्थापित कर चुके हैं।
श्री राजेंद्र राय का मानना है कि हम अक्सर भगवान सहस्त्रबाहु की अष्टधातु या कीमती पत्थर की विशाल प्रतिमा स्थापित करने की बात करते हैं। ये काफी कीमती पड़ती हैं और इसकी वजह से कई बार देखा गया है कि ऐसे कार्यक्रम लंबे खिंच जाते है और कई बार विचार ही विलुप्त हो जाता है। इसके अलावा विशाल प्रतिमाओं की नियमित पूजा-पाठ भी नहीं हो पाती है। ऐसे में छोटी प्रतिमाओं को स्थापित करने का विचार उनके मन में आया और यह काफी सफल भी रहा। उनका मानना है कि हर गांव-मोहल्ल-शहर में जहां भी कलचुरी आबादी है, वहां भगवान सहस्त्रबाहु का छोटा सा मंदिर बने, या किसी बड़े मंदिर में छोटे से स्थान पर मूर्ति की स्थापना की जाए। यह काम महज पंद्रह-बीस हजार में हो सकता है। अब तक कई गावों में बने मंदिरों में भी भगवान सहस्त्रबाहु की प्रतिमाएं स्थापित हो चुकी हैं। अब तक कई लोग उनसे ये प्रतिमाएं ले जा चुके हैं। साथ ही भगवान श्री सहस्त्रबाहु कथा का पाठ भी समाज में तेजी से विस्तार पा रहा है।
इस मुहीम के पीछे आपका लक्ष्य क्या है? इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि यूं तो कलचुरी समाज एक विशाल समाज है लेकिन समाज के युवाओं की बात तो छोड़िये, पुरानी पीढ़ी को भी अपने इतिहास का ज्यादा ज्ञान नहीं है। वे भगवान सहस्त्रबाहु के गौरवशाली जीवन के बारे में बहुत कम जाते हैं। हम सहस्त्रबाहु के वंशज हैं और इसलिए हमें इसकी जानकारी होनी चाहिए। वर्तमान में समाज की परिस्थितियों को समझने तथा सुधारने के लिए यह आवश्यक है कि हम समाज के प्राचीन इतिहास से परिचित हों तथा उसके उत्थान एवं पतन के कारणों तथा परिस्थितियों से अवगत हों। उन्होंने बताया कि इस समय देशभर से लोग उनसे सहस्त्रबाहु कथा की प्रतियां मांग रहे हैं, जिन्हें वे कुरियर से पहुंचा देते हैं।
श्री राजेंद्र शिवहरे सौलर पैनल का व्यवसाय करते हैं, साथ ही नेशनल लेवल आउटरीच सोशल ऑर्गेनाइजेशन के नाम से एक एनजीओ है जिसके जरिये वे सरकार के स्किल डेवलप प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हैं। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मीना राय छिंदवाड़ा का पूर्व भाजपा मेयर हैं। श्रीमती मीना राय राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग संघ की प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। श्री राजेंद्र राय ओबीसी महासभा के छिंदवाड़ा जनपद अध्यक्ष हैं। उनकी दो बेटियां हैं जिनमें एक बेटी का विवाह वह कर चुके हैं, छोटी बेटी नागपुर बीटेक कर रही है।
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