सिलीगुड़ी।
जायसवाल कलवार सेवा ट्रस्ट यानी जेबी सेवा ट्रस्ट में बीते दिनों से चल रहे विवाद का पटाक्षेप हो ही गया। ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्यों की मध्यस्थता से बुधवार को कलवार भवन में दोनों गुटों की बैठक हुई, जिसमें सभी ने माना कि पूर्व अध्यक्ष श्री विपिन बिहारी गुप्ता पर जो भी आरोप लगाए गए थे, महज शक की बुनियाद पर थे। अब उस पर कोई बात नहीं होगी। सभी ने अध्यक्ष के रूप में श्री विपिन बिहारी गुप्ता द्वारा कलवार भवन के उत्थान के लिए किए गए कार्यों की सराहना की। वहीं श्री विपिन बिहारी गुप्ता ने भी नई कमेटी को मान्यता प्रदान करते हुए उसे प्रभार सौंप दिया और नवनियुक्त कमेटी का स्वागत किया।
इस मौके पर एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई जिसमें कहा गया है कि ट्रस्ट के अंदर चल रहे सभी मतभेद समाप्त हो चुके हैं और पुरानी कार्यकारिणी ने 12 नवंबर की बैठक में नियुक्त नई कार्यकारिणी को शुभकामनाएं देते हुए प्रभार सौंप दिया है। पूर्व अध्यक्ष विपिन बिहारी गुप्ता, पूर्व सचिव राजेंद्र प्रसाद और पूर्व कोषाध्यक्ष ज्ञानप्रकाश प्रसाद के साथ नवनियुक्त अध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता, सचिव परीक्षित साह एवं कोषाध्यक्ष गणेश प्रसाद के हस्ताक्षर से जारी इस विज्ञप्ति से साफ है कि जेबी सेवा ट्रस्ट में अब किसी प्रकार का मतभेद या विवाद नहीं है। आज की मीटिंग के समाप्त होने पर सभी एक-दूसरे से गले मिले। पूर्व अध्यक्ष विपिन बिहारी गुप्ता ने नवनियुक्त अध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता को दुशाला ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। सिलीगुड़ी के कलवार समाज ने भी इस घटनाक्रम पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा है कि ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्यों का सम्मान रखते हुए जिस प्रकार दोनों गुटों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, वह सुखद है।
बता दें कि बीती 12 नवंबर को कलवार भवन में जेबी सेवा ट्रस्ट की बैठक में भारी हंगामा हुआ था। ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य अजीत प्रसाद गुप्ता की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में भारी हंगामा हुआ था। पूर्व अध्यक्ष बिपिन बिहारी गुप्ता पर आरोप लगा था कि वह और उनके साथ हंगामा कर बैठक का उपस्थिति रजिस्टर अपने साथ ले गए हैं। वहीं विपिन बिहारी गुप्ता का कहना था कि 12 नवंबर की मीटिंग से उन्हें ‘लगभग धक्का देकर’ निकाला गया। विपिन बिहारी गुप्ता ने शिवहरेवाणी से बातचीत में कहा था कि वह पूरी तरह पाकसाफ हैं और आने वाले दिनों में मामले का पटाक्षेप हो जाएगा। उनका कहना था कि उनका विरोध मीटिंग का कोरम को लेकर था। ट्रस्ट के 98 सदस्य हैं जबकि उस मीटिंग बमुश्किल 45 सदस्य थे। उन्होंने कहा कि वह अध्यक्ष बनना नहीं चाहते, और चुनाव में अपनी दावेदारी भी पेश नहीं करेंगे लेकिन चाहते हैं कि चुनाव पूरे नियम-कायदे से होने चाहिए।
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