सीतापुर।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 23 फरवरी को 9 जिलों की 60 सीटों पर मतदान होगा। आज 21 फरवरी की शाम छह बजे इन सभी सीटों पर प्रचार थम गया है। कद्दावरों की किस्मत का फैसला इस चरण में होना है, उनमें एक नाम सपा के राधेश्याम जायसवाल का भी है जो चार बार विधायक रह चुके हैं और पांचवी बार जीत की प्रबल संभावना है । कभी एक तख्ते पर चाय की दुकान चलाने वाले राधेश्याम जायसवाल आज भी उसी तख्ते पर लोगों से मिलते हैं।
बता दें कि 2017 में भाजपा के उम्मीदवार राकेश राठौर ने सपा के राधेश्याम जायसवाल को 24 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। विश्लेषकों का मानना है कि इस बार भाजपा की वैसी लहर नहीं है, लिहाजा लोकप्रिय नेता सीताराम जायसवाल की जीत की संभावनाएं प्रबल हैं। यदि वह जीते तो पांचवी बार विधानसभा में पहुंचेंगे। इससे पहले वह इस सीट 1996 से 2012 तक कुल 4 बार सपा के टिकट से विधायक चुने जा चुके हैं। इस बार भी यहां मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच ही है। राधेश्याम जायसवाल की टक्कर इस बार भी मौजूदा भाजपा विधायक राकेश राठौर से होना है।
61 वर्षीय राधेश्याम जायसवाल पुत्र स्व. श्री रामभरोसे जायसवाल आठवीं पास हैं। कभी स्टेशन रोड पर उनकी चाय की दुकान हुआ करती थी। राजनीति में उनका आगमन जनसंघ-जनता पार्टी-भाजपा नेता राजेंद्र गुप्त के समर्थक के रूप हुआ था जो सीतापुर सीट पर 1977 से लेकर 1993 तक लगातार विधायक रहे थे। राजेंद्र गुप्त ने ही 1995 में राधेश्याम जायसवाल को सीतापुर नगर पालिका चेयरमैन पद के लिए भाजपा का उम्मीदवार बनवाया था, यह सोचकर कि राधेश्याम जायसवाल के चेयरमैन बनने पर वह जो कहेंगे, वैसा ही होगा। भाजपा की लहर में राधेश्याम जायसवाल चेयरमैन निर्वाचित हो गए। लेकिन, चेयरमैन बनने के एक साल के अंदर ही राधेश्याम जायसवाल और राजेंद्र गुप्त में ठन गई। विपरीत हालात में राधेश्याम जायसवाल ने सपा ज्वाइन कर ली। 1996 में सपा ने राधेश्याम जायसवाल को राजेंद्र गुप्त के खिलाफ ही चुनाव मैदान में उतार दिया। राधेश्याम चुनाव जीत गए और उसके बाद लगातार 2012 तक चार बार सीतापुर से विधायक रहे।
राधेश्याम जायसवाल वर्तमान में विधायक भले ही न हों, लेकिन सीतापुर में उनका राजनीतिक रसूख कायम है। सीतापुर में अपने राजनीतिक प्रभाव से उन्होंने अपनी पत्नी को ब्लाक प्रमुख बनवाया, पुत्रवधु रश्मि जायसवाल सीतापुर नगर पालिका की अध्यक्ष बनवाया। और, खुद भी दोबारा नगर पालिका अध्यक्ष बने। सीतापुर के आर्यनगर में उनकी आलीशान कोठी बनी है. मगर जायसवाल यहां नहीं मिलते। वहआज भी मिलते हैं उसी तख्ते पर, जहां कभी उनकी चाय की दुकान चलती थी, जो बीस बरस से उनका दफ्तर है। मुंह पान से सना रहता है, अंदाज बेहद विनम्र, और वाणी में जैसे गुलकंद घुला हो।
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चौथा चरणः सीतापुर में कभी चाय की दुकान चलाते थे राधेश्याम जायसवाल, पांचवी बार बन सकते हैं विधायक; 23 फरवरी को मतदान
- by admin
- February 21, 2022
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