November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

सुख भी मुझे प्यारे हैं दुःख भी मुझे प्यारे हैं…; कथा के दूसरे दिन सुशीलजी महाराज ने बताई मानव जीवन की सार्थकता

आगरा।
लोहामंडी रोड स्थित अग्रसेन भवन में मालौनिया शिवहरे परिवार की ओर से आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक आचार्य सुशीलजी महाराज (वृंदावन वालों ने व्यासपीठ से परीक्षित जन्म और सुखदेव आगमन की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। कुंती प्रसंग की व्याख्या करते हुए आचार्य सुशीलजी महाराज ने कहा कि कुंती ने भगवान से दुःख और विपत्ति का वरदान मांगा, इसलिए कि सुख में लोग भगवान को भूल जाते हैं, और दुःख में सदैव प्रभु का स्मरण करते हैं।
सुख भी मुझे प्यारे हैं दुःख भी मुझे प्यारे हैं
छोड़ूं मैं किसे भगवान दोनों ही तुम्हारे हैं…..
अग्रसेन भवन के भूतल हॉल में दूसरे दिन की कथा के दौरान आस्था और आनंद के वातावरण में कई बार श्रोता भावुक भी हुए। कथा के बीच-बीच आचार्य सुशीलजी महाराज के मधुर भजन का ऐसा जादू चला कि श्रोता आनंद में झूम उठे। मुख्य जजमान श्री विकास गुप्ता रामसिया और श्रीमती पूनम गुप्ता के साथ बैठे श्रोताओं को परीक्षित जन्म और सुखदेव जन्म की कथा सुनाते हुए आचार्य सुशीलजी महाराज ने कहा कि कथा सुनने से धन की प्राप्ति नहीं होती, बल्कि आनंद मिलता है। धन तो कोई भी कमा लेता है मगर धन से सुख, नींद, चैन, संतोष आदि नहीं खरीदा जा सकता। ये आत्मिक सुख तो कथा सुनने से ही मिलता है। 
प्रसंग पर आते हुए कथावाचक संत ने बताया कि परीक्षित का जन्म अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ से हुआ। परीक्षित बड़े होकर सुख वैभव से समृद्ध राज्य के राजा बने। एक बार एक मुनि ने उनसे क्रोधित होकर उन्हें सात दिन के अंदर मृत्यु का श्राप दिया था। ऐसा ज्ञात होने पर राजा परीक्षित ने विद्वानों से राय मांगी। उस समय विद्वानों ने उन्हें समाधान के लिए सुखदेव का नाम सुझाया। इस प्रकार सुखदेव का आगमन हुआ। सुखदेव ने कहा कि राजन जिस व्यक्ति की मृत्यु सातवें दिन होनी है, उसको श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए तभी उसका कल्याण संभव है। तब वेदव्यास रचित श्रीमद भागवत पहली बार सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित को सुनाई थी।  
आज की कथा का समापन मुख्य यजमान विकास गुप्ता रामसिया और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पूनम गुप्ता ने व्यासपीठ की आरती की। आज की कथा में आगरा के अलावा फिरोजाबाद और मैनपुरी से समाजबंधु पधारे हुए थे। आचार्य सुशीलजी महाराज कथा के तीसरे दिन सोमवार 9 अक्टूबर को बामन अवतार का वर्णन करेंगे। आज कथा आयोजन में रिषभ गुप्ता, हिमांशु शिवहरे और राजीव गुप्ता आदि ने संभाली। 
 

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video