आगरा।
दिवाली का उत्साह सबसे पहले बाजार पर दिखाई देता है, और वह नजर आने लगा है। दुकानें सजने लगी हैं, उम्मीद है कि मंदे के मौजूदा दौर में यह दिवाली ठंडे पड़े धंधों को गरमा सकती है। फिलहाल, हर परिवार त्योहार की तैयारियां में जुटा है। और, त्योहार की यह उमंग बरकरार रहे, इसके लिए जरूरी है कि आप हर तरह से सुरक्षित रहें, चाहें वह आपके स्वास्थ्य का मामला हो, या फिर आपके आर्थिक निर्णयों का। इसके लिए कुछ बहुत सामान्य मगर बेहद उपयोगी सुझाव हम भी दे सकते हैः-
1. बाजार में ठगना नहीं है, सही दाम पर खरीदें सामानः-
दिवाली पर लोग जमकर खरीदारी करते हैं, और त्योहार के उत्साह में अक्सर बाजार में ठग जाते हैं। दिवाली पर बाजार में नए-नए आइटम आते हैं जिन पर दुकानदार अधिक दाम वसूल लेते हैं। ऐसे में आप कोई भी चीज खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता और सही दामों की सही जानकारी हासिल करें। बड़े बाजारों के बजाय छोटे बाजारों में जाना बेहतर होता है जहां वैरायटी भी अधिक होती है और आप दुकानदार से मोलभाव भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आप कुछ पैसे बचा सकते हैं जो त्योहार में काम आएंगे।
2. मिलावटी मिठाइयों से बचें, पेठा या गजक बेहतर विकल्प
चूंकि यह बिंदु सीधे आपके स्वास्थ्य से जुड़ा है, इसीलिए बहुत सावधान रहने की जरूरत है। दीवाली और उसके बाद दौज पर मिठाइयों की खूब बिक्री होती है, हलवाई पहले से मिठाई बनाकर रख लेते हैं। पूर्ति के लिए मिलावट भी खूब होती है। जरूरी है कि ताजी और शुद्ध मिठाई ही खरीदें। मावे या दूध की मिठाई से परहेज ही करें, तो अच्छा। पेठा और गजक जैसी मिठाई खरीदना अच्छा विकल्प हो सकता है।
3. चीनी सामान नहीं, लोकल का माल खरीदें
दिवाली पर डेकोरेशन के लिए इलेक्ट्रॉनिक समानों की खरीद भी खूब होती है। इस मार्केट पर चीनी सामान का कब्जा है। सीमा पर चीन जो हरकत दे रहा है, उससे चीनी सामान के बहिष्कार की अपील कई मंचों से की जा चुकी है। आप भी चीनी सामान से बचें। लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, अटरिया, गमले, दीये जैसे सामान भी लोकल कलाकारों और कुम्हारों से खरीदें, इससे उनकी दिवाली भी अच्छी मन जाएगी।
4. गाइडलाइंस ध्यान में रखें और स्वस्थ रहें
हालांकि माना जा रहा है कि कोरोना अब जा चुका है, फिर भी आप एहतियात कम न करें। बाजारों में फिजिकल डिस्टेस बनाएं रखें, मास्क का उपयोग करें। बदलते मौसम में खान-पान में भी सावधानी और संयम बरतें।
5. आतिशबाजी नहीं चलाएं, बच्चों पर ध्यान दें
दिवाली पर पटाखों से कई प्रकार के प्रदूषण फैलते हैं जिसकी वजह से श्वांस संबंधी दिक्कतें खासतौर पर बढ़ जाती हैं। पटाखे चलाने से बचना चाहिए, आतिशबाजी इस त्योहार की मूल परंपरा का हिस्सा नहीं है। आपके पटाखों का धुआं आपको या आपके पड़ोसी को बीमार कर सकता है। इसके अलावा पटाखों से कई बार आग लगने की घटनाएं भी हो जाती हैं। कई बार बच्चे भी दिया, मोमबत्ती या फूलझड़ियां जलाते में हादसे का शिकार हो जाते हैं। लिहाजा बच्चो पर ध्यान देने की जरूरत है।
Leave feedback about this