आगरा।
आगरा में शिवहरे समाज की धरोहर राधाकृष्ण मंदिर में इन दिनों आस्था, श्रद्धा और भक्ति की पवित्र त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है….500 किलोमीटर दूर श्योपुर (मध्य प्रदेश) से आए एक स्वजातीय संत के श्रीमुख से रामकथा का ‘अमृत’ बरस रहा है, मगर ‘राजनीति के रामभक्त’ शिवहरेबंधुओं को रामकथा सुनने का वक्त नहीं है शायद।
राधाकृष्ण मंदिर में ‘श्री राम कथा श्री हनुमान चरित्र ज्ञान यज्ञ सप्ताह’ के दूसरे दिन शुक्रवार (31 मार्च) को रामकथा मर्मज्ञ संत श्री अभिरामदासजी महाराज ने भगवान राम के तीनों भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के जन्म के साथ ही हनुमान जी के जन्म का रोचक वर्णन किया। आगरा में शिवहरे समाज की दोनों धरोहरों दाऊजी मंदिर और राधाकृष्ण मंदिर में भागवत कथा, अखंड रामायण और सुंदरकांड जैसे आयोजन तो कई बार हुए हैं लेकिन रामकथा संभवतः पहली बार हो रही है। वहीं श्री अभिरामदासजी महाराज (श्री बाबूलाल शिवहरे) भी रामकथा कहने वाले पहले स्वजातीय संत हैं। सुंदर वाणी, सरल भाषा और रोचक संवाद शैली उनकी खासियत है, बीच-बीच में भजनों की संगीतमयी प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने में सक्षम हैं। इसकी झलक राधाकृष्ण मंदिर के बेसमेंट हॉल में देखने को मिल रही है। जहां पहले दो दिन उपस्थिति भले ही कम रही, लेकिन व्यक्ति जब एक बार कथा सुनने आया तो तीन घंटे कब बीत गए, उसे पता नहीं चलता।
भगवान राम की कथा धर्म ही नहीं, संस्कार के भी सरोकार रखती है। सदियों से अभिभावक चाहते हैं कि उन्हें राम जैसा पुत्र मिले, युवतियां राम जैसा वर चाहती हैं, और प्रजा चाहती है कि उनका राजा राम जैसा हो….क्यों? क्योंकि, राम ने हर जगह आदर्श स्थापित किए हैं। सर्वशक्तिमान होते हुए भी वह विनम्र हैं, श्रेष्ठ धनुर्धर होते हुए भी सहनशील हैं, विकट परिस्थितियों में भी उन्होंने अपने आदर्श और मर्यादा को नहीं छोड़ा। यही वजह है कि राम कथा सुनने से जीवन का मार्ग मिलता है, और प्रबुद्ध समाजबंधुओं को इसके लिए समय निकालना चाहिए। मुख्य आयोजक दाऊजी मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष श्री भगवान स्वरूप शिवहरे ने सभी समाजबंधुओं से रामकथा के श्रवण का पुण्यलाभ अर्जित करने का अनुरोध समाजबंधुओं से किया है।
दूसरे दिन की कथा में श्री भगवान स्वरूप शिवहरे, अनूप शिवहरे, आलोक शिवहरे, मुन्नालाल शिवहरे, वीरेंद्र गुप्ता एडवोकेट के अलावा शिवहरे महासभा के अध्यक्ष श्री मनोज शिवहरे, रवि शिवहरे, मास्टर राजेंद्र शिवहरे, जगदीश गुप्ता, रामगोपाल गुप्ता, विपिन शिवहरे, मोतीलाल शिवहरे समेत कई समाजबंधु उपस्थित रहे।
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