नागपुर।
जिस तरह एक संतरे के अंदर एक-दूसरे से जुड़ी कई फांकें होती हैं, और हर फांक का स्वाद एक जैसा। ठीक यही खासियत ‘संतरों के शहर’ नागपुर के कलचुरी समाज की भी है जो यहां बीती 31 जनवरी को कलचुरी एकता समवर्गी संघ, नागपुर के बैनर तले आयोजित ‘7वें सामूहिक विवाह एवं परिचय सम्मेलन’ में सामने आई। प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी श्री दीपक जायसवाल की माताजी ‘स्व. श्रीमती आशादेवी गोविंद प्रसाद जायसवाल की स्मृति’ में हुए इस कार्यक्रम को नागपुर के संपूर्ण कलचुरी समाज ने एकजुट होकर सफलता के अर्श पर पहुंचाया।
निर्मला सेलिब्रेशन लॉन में हुए इस सामूहिक विवाह में 19 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए माने नागपुर का संपूर्ण कलचुरी समाज उमड़ पड़ा। अनुमान है कि 5 हजार से अधिक समाजबंधु कार्यक्रम में पहुंचे। जायसवाल, शिवहरे, राय, चौकसे, डहरवार, कटकवार, चौरे, चौरेवार, पशीने, नशीने, उज्ज्वने, बोरले, धुवारे, दियेवार, डोगरे, डोहरे, खराटे, समदुलकर जैसे असंख्य सरनेम और उपवर्गों वाले नागपुर के कलचुरी समाज की एकजुटता और इस मांगलिक सामाजिक उत्सव के प्रति उनका उत्साह देखते ही बन रहा था। कार्यक्रम के संयोजक श्री दीपक जायसवाल के मार्गदर्शन में हुए इस सातवें सामूहिक विवाह की खास बात यह रही कि इस आयोजन के माध्यम से विवाह का शतक भी इस बार पूरा हो गया। इस बार 19 जोड़ों के विवाह के साथ इस सामूहिक विवाह में अब तक कुल 101 जोड़े परिणय सूत्र में बंध चुके हैं। आयोजन समिति ने इस उपलब्धि के सूत्रधार, प्रेरणास्रोत और मार्गदर्शक श्री दीपक जायसवाल एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती दीप्ति जायसवाल को मंच पर विशेष रूप से सम्मानित किया। इस आयोजन के प्रति श्री दीपक जायसवाल एवं श्रीमती दीप्ति जायसवाल की भावना का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दोनों ने एक तरह माता-पिता का फर्ज निभाते हुए19 वधुओं के कन्यादान की रस्म पूरी होने तक कुछ खाया-पिया नहीं, सभी कन्याओं की विदाई के बाद ही उन्होंने कुछ स्नैक्स और चाय ली ।
सामूहिक विवाह में परिणय सूत्र में बंधे सभी 19 वर-वधुओं के प्रति आयोजन समिति का प्रेमभाव और सम्मान भी देखते ही बन रहा था। दरवाजे पर बारात के आने पर दूल्हों की जोरदार तरीके से अगवानी की गई, फिर स्टेज पर वर-माला की रस्म हुई। वर-वधु अपने लिए निर्धारित विवाह वेदियों पर पहुंचे जहां मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने अग्नि के फेरे लिए। इसके बाद वरवधुओं को एक-साथ बिठाकर उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराया। सब बिल्कुल वैसे ही, जैसे बेटी अपने ही घर से विदा हो रही हो।
कार्यक्रम की समस्त व्यवस्थाएं श्री दीपक जायसवाल के मार्गदर्शन व निर्देशन में नागपुर अध्यक्ष श्री राजन कटकवार, महिला समिति अध्यक्ष श्रीमती स्नेहा अनूप राय, शिक्षण समिति अध्यक्ष श्री त्रिलोकीनाथ शिवहरे, पूर्व अध्यक्ष श्री अरविंद कुमार जायसवाल और युवा समिति अध्यक्ष श्री ओमकार सूर्यवंशी के नेतृत्व में की गईं। मंच संचालन श्री राजेश पशीने ने किया।
घर-गृहस्थी के पूरे सामान के साथ किया विदा
आयोजन समिति ने वर-वधु को घर-गृहस्थी के पूरे सामान के साथ विदा किया, जिनमें रेफ्रिजरेटर, गोदरेज की अलमारी, डबलबेड (गद्दे, चादर, पिलोकवर, कंबल बैग समेत), कूलर, वाशिंग मशीन, चांदी की पायल, सोने की लौंग, प्रेशर कुकर, इंडक्शन कुकर, पीतल की परात, स्टील का ड्रम (50 ली.), ट्रॉली बैग, साड़ी व सुहाग की सामग्री, लकड़ी का मंदिर, भगवान का आसन, मूर्ति एवं दीपक, डिनर सेट, इलेक्ट्रिक प्रेस, मिल्टन केसरोल, स्टेनलेस स्टील का हॉटपॉट, स्टेनलेस स्टील का किचन सेट, चौरंग, तांबे का लोटा, टिफिन, तीन डिब्बों का सेट समेत ढेरों सामान शामिल था।
ये जोड़े हुए एक-दूजे के
सौ.कां. दामिनी (पाराशिवनी, नागपुर) संग चि. युवराज (दत्तवाडी, नागपुर), सौ.कां. माधुरी सोनगड़े (मानकापुर, नागपुर) संग चि. योगेश जयसवाल (तिरोड़ी, बालाघाट), सौ.कां. पूनम डोहले (भिलाई, दुर्ग) संग चि. इंद्रकिशोर पालेवार (रामपायली, बालाघाट), सौ.कां. डिलेश्वरी नगरगड़े (वारासिवनी, बालाघाट) संग चि. जयपाल माहौर सूर्यवंशी (हरनाखेड़ी, छिंदवाड़ा), सौ.कां. पूर्णिमा चौरागड़े (ग्राम दुर्री, गोंदिया) संग चि. ऋषि धपाड़े (मोहगांव, गोंदिया), सौ.कां. आयुषा भोयर (दवनीवाड़ा, गोंदिया) संग चि. किशोर शेंडे (पाराशिवनी, नागपुर), सौ.कां. हर्षिता चौरीवार (पाराशिवनी, नागपुर) संग चि. विठोबा बायवार (आकोट, अकोला), सौ.कां. अंजली मावले (आमला, बैतूल) संग चि. धीरेंद्र जायसवाल (छिंदवाड़ा), सौ.कां. मोनाली जमाईवार (बालाघाट) संग चि. निलेश दियेवार (जयताला, नागपुर), सौ.कां. रोशनी चौरावार (बालाघाट) संग चि. राजेश यादवार (नागपुर), सौ.कां. गायत्री कावरे (अकोला) संग चि. नीलेश चवरे (अंजनगांव सुर्जी), सौ.कां. कशिश चवरे (अकोला) संग चि. शुभम बारेवार (नागपुर), सौ.कां. तेजस्विनी सौनवाने (पारासिवनी, नागपुर) संग चि. कमलेश बारेवार (सावनेर, नागपुर), सौ.कां. मोनिका सोनवाने (नागपुर) संग चि. रवि चौरीवार (रायपुर), सौ.का. सोनाली वारावने (तुमसर, भंडारा) संग चि. नितेश शिवने (बिनाकी, नागपुर), सौ.कां. राजश्री राय (धामनगांव, अमरावती) संग चि. सुरेश जायसवाल (आमझरी, सिवनी), सौ.कां. तिजा डहाके (लौंगपारा, बालाघाट) संग चि. सुरेंद्र चौरीवार (बिड़गांव, नागपुर), सौ.कां. नीतु जायसवाल (शहडोल) संग चि. हितेश उजवने (गोंदिया)।
ये थे समारोह के अतिथि
महाराष्ट्र के सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री ओमप्रकाश जायसवाल के मुख्य आतिथ्य और सेवानिवृत्त न्यायाधीश डा. संतोष कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में नागपुर के विख्यात चिकित्सक डा. निर्मल जायसवाल, वर्धा की डीम्ड यूनीवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक डा. उमेश शिवहरे, राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ मध्य प्रदेश के अध्यक्ष राकेश राय (सीहोर), जायसवाल क्लब के अध्यक्ष मनोज जायसवाल, कलचुरी महासंघ ग्वालियर के अध्यक्ष सतीश जायसवाल, समाजसेवी अरुण नाडर (तमिलनाडु), आगरा के शिवहरेवाणी के संपादक श्री सोम साहू, अहमदाबाद के युवा समाजसेवी श्री अनिल जायसवाल, साईनाथ जायसवाल (हैदराबाद), कृष्णकांत जायसवाल (मुंबई), आमंत्रित अतिथियों में अमरावती के पवन नयन जायसवाल, श्री सुनील खराटे (अमरावती), श्री ललित समदुलकर (अमरावती), श्री कमल मालवीय (अमरावती), ग्वालियर से महिला मंडल अध्य़क्ष श्रीमती अर्चना जायसवाल, उज्जैन से प्रकाशित कलचुरी वार्ता के संपादक श्री राजेश राय, ग्वालियर से युवा समाजसेवी श्री हरिओम राय, हैदराबाद से श्री साइनाथ जायसवाल, बालाघाट से श्री अमृतलाल धुवारे, श्री नंदलाल कावरे, मुकेश थानथराटे (भंडारा), डा. अभय शेंडे, नीरज कटकवार (गोंदिया), संतोष राय (छिंदवाड़ा) डा. राहुल डगवार (नागपुर), आनंद भमोरे (अमरावती), मनोज जायसवाल (यवतमाल), गणेश राय (अमरावती), बेनीप्रसाद डोहरे (नागपुर), विनायक गजघाटे (गोंदिया),
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