जयपुर।
शिक्षा, धर्म और संस्कृति की बुनियाद पर ही एक सशक्त समाज का निर्माण होता है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में ‘राजस्थान हैहयवंशी कलाल महासभा भवन’ इसकी नई मिसाल बनकर उभरा है। वैसे तो यह भवन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्वजातीय बच्चों को हॉस्टल सुविधा प्रदान करने को समर्पित है, लेकिन अब सहस्रबाहु अर्जुन मंदिर इसकी एक और नई पहचान है। 971 वर्गमीटर के इस परिसर के एक हिस्से में इस नवनिर्मित मंदिर में भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की 5 फीट की संगमरमर की मूर्ति विराजमान कराई गई है।
बीती 11 दिसंबर को यहां देशभर से पहुंचे प्रतिष्ठित समाजसेवियों और स्वजातीय संतों की उपस्थिति में मंदिर के लोकार्पण एवं मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। समारोह में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में 90% से अधिक अंक अर्जित करने वाले समाज के मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया गया। खास बात यह है कि समाज के भामाशाह श्री शिवचरण हाडा (पूर्व आयकर अधिकारी) एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती इंदुबाला हाडा की ओर से मेधावी बच्चों को सम्मान के तौर शील्ड और प्रमाण-पत्र के साथ 5100 रुपये का पारितोषिक भी प्रदान किया गया। बता दें कि सहस्रार्जुन मंदिर के निर्माण का बीड़ा भी श्री शिवचरण हाडा ने ही उठाया था और, खुले मन से यह कार्य कराया है। मंदिर का मुख्य द्वार शानदार नक्काशी से सुसज्जित धौलपुर पत्थर से तैयार कराया है, फर्श पर महंगे चमकदार ग्रेनाइट पत्थर बिछवाए। इस तरह सहस्रबाहु अर्जुन मंदिर को राजस्थानी कला के गौरव से जोड़ा है। और इस काम का पूरा खर्च श्री शिवचरण हाडा दंपति ने वहन किया है। वहीं भगवान सहस्रबाहु अर्जुन की संगमरमर की मूर्ति की स्थापना वृंदावन के स्वजातीय संत श्री हरिहरदासजी महाराज और श्री वेदप्रकाशजी धनेटवाल के सौजन्य से कराई गई है।
कुल मिलाकर जयपुर का ‘राजस्थान हैहयवंशी कलाल महासभा भवन’ अब कलवार, कलाल, कलार समाज के सामाजिक सहयोग की मिसाल के साथ ही ‘धर्म, संस्कृति और शिक्षा’ के नए केंद्र के रूप में सामने आया है। मुख्य अतिथि के रूप में भगवान सहस्रबाहु अर्जुन के अनन्य भक्त, प्रतिष्ठित शिक्षाविद एवं समाजसेवी श्री जय नारायण चौकसे (कुलाधिपति, जेएलएन यूनीवर्सिटी, भोपाल), अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक जायसवाल (इंदौर), इसी संगठन के वरिष्ठ राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री अजय कुमार जायसवाल (वरिष्ठ पत्रकार, लखनऊ), राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ के राष्ट्रीय संयोजिका डा. अर्चना जायसवाल (इंदौर) के साथ अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासभा के अध्यक्ष श्री अशोक गुप्ता, ध्रुवदास अग्रवाल और गोपाल गुप्ता की उपस्थिति ने लोकार्पण समारोह को गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान कलाल महासभा के अध्यक्ष श्री कन्हैयालाल पारेता ने की।
स्वजातीय संत महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी श्री संतोषानंदजी महाराज (हरिद्वार), संत श्री हरिहर दासजी महाराज एवं रामकथा मर्मज्ञ संत श्री बाबूलालजी शिवहरे (श्योपुर, मध्य प्रदेश) के मार्गदर्शन में मंदिर लोकार्पण एवं मूर्ति अनावरण कार्यक्रम संपन्न हुए।
वाटर कूलर का लोकार्पण, लाइब्रेरी और तीसरी मंजिल के लिए दानवीरों की घोषणा
कार्यक्रम के दौरान भवन में रहने वाले छात्रों के लिए एक बड़े वाटर कूलर का लोकार्पण भी किया गया जिसे गणेश नारायणजी (लवाण वाले) ने दान किया है। मंच संचालन कर रहे महामंत्री श्री उत्तमचंद चौधरी की अपील कर विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे बांसवाड़ा के प्रतिष्ठित समाजसेवी श्री हरीश कलाल ने लाइब्रेरी के लिए 11 हजार रुपये के आर्थिक सहयोग का ऐलान किया। कार्यक्रम में शीघ्र ही भवन की तीसरी मंजिल के निर्माण का कार्य शुरू करने का ऐलान किया गया, जिस पर श्रीमती माया सुहालका ने एक कमरा बनवाने की घोषणा की। इसके अलावा लोकेश मेवाड़ा, सत्यनारायण चौधरी, कैलाश चौधरी, गिरवर मेवाड़ा, एससी कलवार ने भी 11-11 हजार रुपये के आर्थिक सहयोग की घोषणा की। मानकचंद मेवाड़ा (पाली), जगदीश मेवाड़ा, सत्यनारायण (केकड़ी), गणपत देवीलाल मेवाड़ा, कपिल सोलंकी, मोहनलाल बांसवाड़ा, पूनम जायसवाल, भरत मेवाड़ा (सुमेरपुर), बाबूलाल मेवाड़ा (जोधपुर) ने 5100-5100 रुपये की घोषणा की।
कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में केके जायसवाल, कमलकिशोर जायसवाल, ओमप्रकाश जायसवाल (दूरदर्शन), राजपाल जायसवाल, महेशजी, गोविंदजी, गणेशजी, सुरेंद्रजी और अन्य समाजबंधुओं का विशेष सहयोग रहा।
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