May 15, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
धरोहर समाचार

हैहयवंश के जनक भगवान श्री एकवीर हैहय का अवतरण दिवस; चंद्रवंशी या यदुवंशी नहीं, हैहयवंशी क्षत्रिय हैं हम

जय श्री कार्तवीर्याजुन।
रविवार, दिनांक 15 अक्टूबर 2023, कलचुरि संवत् 1775, शरद ऋतु, आश्विन (क्वांर) मास, प्रतिपदा तिथि, नवरात्रों  घटस्थापना को भगवान श्री एकवीर हैहय का जन्म अवतरण दिवस माना जाता है।
॥ ॐ लक्ष्मीपुत्राय विद्महे विष्णुनन्दनाय धीमहि तऽन्नो हैहय प्रचोदयात् ॥
देवी भागवत पुराण के पंचम अध्याय के अनुसार भगवान श्री एकवीर हैहय, भगवान श्री हरि विष्णु और जगत जननी श्री स्वरूपा माता लक्ष्मी के नियोगी संतान है।
भगवान श्री एकवीर हैहय से ही हैहयवंश का प्रारंभ हुआ। इसी वंशावली में…
एकवीर हैहय
धर्म
धर्मनेत्र
कुन्ती
सहजीत (संहत)
महिष्मान (माहिष्मतीपुरी के संस्थापक)
रुद्रश्रेण्य  (भद्रश्रेण्य)
दुर्दम
कनक (धनक)
कृतवीर्य
अर्जुन..
अर्जुन जो कृतवीर्य के पुत्र होने के कारण कार्तवीर्य और भगवान श्री दत्तात्रेय के सहस्र (हजार) भुजाधारी होने के वरदान के कारण सहस्रार्जुन और सहस्रबाहु कहलाए।
हैहयवंशी क्षत्रियों को यह जानना, समझना बहुत आवश्यक है कि हम हैहयवंशी क्षत्रिय हैं। हम चंद्रवंशी, यदुवंशी नहीं है क्योंकि हैहयवंश यह भगवान श्री हरि विष्णु और श्री स्वरूपा भगवती माता लक्ष्मी की नियोगी संतान हैहय से प्रारंभ हुआ है। हैहयवंश को चंद्रवंश से या यदुवंश से जोड़ना गलत है।
(प्रमाण-> देवी भागवत पुराण के पंचम अध्याय पेज 70, 71)
भगवान श्री अर्जुन कार्तवीर्य, सहस्रार्जुन, सहस्रबाहु इसी हैहयवंश के कुलदीपक और हम हैहयवंशी क्षत्रियों के आराध्य है। इतिहास साक्षी है, इस क्षत्रिय वंश के वीर प्रतापी राजाओं ने कलचुरि साम्राज्य की स्थापना कर 1200 वर्ष तक अखंड भारतवर्ष के बहुत बड़े भूभाग पर शासन किया और कलचुरि संवत् चलाया। वर्तमान में कलचुरि संवत् 1775 चल रहा है। दीपावली पाडवा, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से कलचुरि संवत् का वर्ष 1776 का प्रारंभ होगा।
©- पवन नयन जायसवाल
राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष- अखिल भारतीय जायसवाल (सर्ववर्गीय) महासभा
संयोजक- भगवान श्री सहस्रार्जुन जन्मोत्सव जागरूकता अभियान

संपर्क, संवाद, संदेश-
9421788630
pawannayanjaiswal@gmail.com
 

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