November 23, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाज

रामकथा वाचक कलचुरी संत अभिराम दास देशभर में कहेंगे एकदिनी सहस्त्रबाहु कथा; आज प्रयागराज से शुरू होगा सिलसिला; रामलखन जायसवाल की लिखी कथा के सार की चार घंटे की संगीतमयी प्रस्तुति

प्रयागराज।
हाल ही में वृंदावन (मथुरा) में रामकथा का वाचन करने वाले कलचुरी संत अभिराम दासजी महाराज अब सहस्त्रबाहु कथा का देशभर में वाचन करेंगे। इस सिलसिले की शुरुआत पवित्र प्रयागराज नगरी से होगी, जहां मंगलवार 19 अप्रैल को कटघर स्थित जायसवाल धर्मशाला में पहली बार सहस्त्रबाहु कथा कहेंगे, जिसके बाद हवन किया जाएगा। 

संतअभिराम दासजी बीती शाम प्रयागराज पहुंचे जहां रेलवे स्टेशन पर जायसवाल बुद्धिजीवी परिषद के अध्यक्ष कमलेंद्र जायसवाल के नेतृत्व में जाने-माने वरिष्ठ समाजसेवी टीएन जायसवाल, बृजेशचंद्र जायसवाल, धर्मेंद्र जायसवाल एवं समाज के पंडा गुड्डन आदि ने उनका स्वागत किया। कटघर स्थित जायसवाल धर्मशाला में स्थानीय समाजबंधुओं ने आज स्वामी अभिराम दासजी महाराज से मुलाकात की। इस दौरान कमलेंद्र जायसवाल और महासभा के अन्य सदस्यों ने अभिराम दासजी महाराज को सहस्त्रबाहु कथा का वाचन करने का सुझाव दिया, जिस पर अभिराम दासजी ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान की। बता दें कि इलाहाबाद के वरिष्ठ समाजसेवी एवं बीएसएनएल से रिटायर्ड इंजीनियर रामलखन जायसवालजी ने सहसस्त्रबाहु कथा एवं सहस्त्रबाहु चालीसा की रचना की है, और अभिराम दासजी महाराज इसी के आधार पर सहस्त्रबाहु कथा का वाचन करेंगे। 

कमलेंद्र जायसवाल ने शिवहरेवाणी को बताया कि सहस्त्रबाहु कथा भी भागवत कथा की तरह सप्ताहभर की है लेकिन तय किया गया है कि संत अभिराम दासजी महाराज यहां एक दिवसीय कार्यक्रम में भगवान सहस्त्रबाहु कथासार की संगीतमयी प्रस्तुति देंगे। संत अभिराम दासजी महाराज ने शिवहरेवाणी को बताया कि वह चार घंटे का कथासार तैयार कर रहे हैं जिसमें भगवान सहस्त्रबाहु कथा से जुड़े मंत्रों को कंपोज कर रहे हैं। कल संगीतमयी सहस्त्रबाहु कथा की प्रस्तुति देंगे, जिसके बाद एक घंटे का भगवान सहस्त्रबाहु बीज मंत्र एवं अन्य मंत्रोच्चार के साथ हवन करेंगे। कलेंद्र जायसवाल ने बताया कि आने वाले दिनों में संत अभिराम दासजी के देशभर में विभिन्न स्थानों पर स्वजातीय समाज द्वारा सहस्त्रबाहु कथा का आयोजन कराया जाएगा। उन्होंने प्रयागराज के कलवार, कलाल, कलार समाज से 19 अप्रैल को प्रातः 10 बजे से सहस्त्रबाहु कथा के श्रवण एवं हवन-यज्ञ का लाभ अर्जित करने का आग्रह किया है। 

कौन हैं अभिराम दासजी महाराज
54 वर्षीय संत अभिराम दासजी महाराज का मूलनाम बाबूलालजी शिवहरे है जो मध्य प्रदेश के श्योपुर के रहने वाले हैं और गृहस्थ संत हैं। जन्म श्योपुर के गांव प्रेमसर में हुआ, पिता स्व. श्री मदनलाल शिवहरे किसान थे, माताजी श्रीमती परताबाई गृहणी थीं। गांव में ही संत श्री श्री 1008 संत शिरोमणि श्री जानकीदासजी महाराज का आश्रम था, जहां बचपन से जाते थे। 16 साल की आयु में कैलाशीबाई से विवाह हुआ। उनका परिवार अब श्योपुर में रहता है। उनके तीन पुत्र देवेश, गौरव कृष्ण, रवि शिवहरे और सबसे छोटी पुत्री भारती शिवहरे (15 वर्ष) हैं। देवेश विवाहित हैं और भाई गौरव के साथ मिलकर मोटर पार्ट्स की दुकान करते हैं। रवि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, जबकि बेटी हाईस्कूल में है। बेटी के जन्म के बाद श्री बाबूलालजी का मन रामकथा और रामभक्ति में रम गया, और अपने गुरु संत शिरोमणि श्री जानकीदासजी महाराज के आदेश पर उन्होंने भगवा धारण कर लिया। गुरुजी ने ही अध्यात्म की दुनिया में उनका नामकरण ‘संत श्री अभिरामदासजी महाराज’ कर दिया। तब से वह श्री राम कथा का वाचन कर रहे हैं। वह चित्रकूट में दो बार रामकथा कह चुके हैं, जिसका आयोजन शिवहरे समाज द्वारा किया गया। इसके अलावा देशभर में कई अन्य जगहों पर असंख्य बार श्री रामकथा का वाचन कर चुके हैं। भजनों की संगीतमयी प्रस्तुति उनकी रामकथा का विशेषता है।
 

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