नागपुर।
महाराष्ट्र की उप-राजधानी नागपुर में कलार समाज अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सड़कों पर उतरा। बीते मंगलवार को समाज ने सहस्त्रबाहु मंडल आयोग के गठन समेत अपनी सभी पुरानी मांगों को लेकर इंदोरा मैदान से विधानभवन तक ‘ध़ड़क मोर्चा’ निकाला। प्रदर्शन में कलार समाज के सभी वर्गों और उपवर्गों ने समान भागीदारी कर सामाजिक एकता की मिसाल प्रस्तुत की।
महाराष्ट्र कलाल कलार समाज संगटना के बैनर तले मराठा कलार संगठन, झरिया कलार संगठन, डहरवाल कलार संगठन, कोसरे कलार संगठन, गौड़ कलार संगठन, राय चौकसे संगठन, जायसवाल संगठन, शिवहरे कलार संगठन, जैनकलार संगठन, डडसेना सिन्हा कलार संगठन, साव कलार संगठन, तेलंग लिंगायत कलार संगठन, सूर्यवंशी कलार संगठन समेत सभी कलार संगठनों के सदस्य और पदाधिकारी सुबह इंदोरा स्टेडियम पर एकत्र हुए और यहां से हजारोंं की संख्या में कलारबंधु जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए विधानभवन पहुचे। प्रदर्शन में महिलाओं और युवाओं ने बड़ी संख्या में भागीदारी की। बता दें कि गत वर्ष भी कलार समाज ने अपनी मांगों को लेकर इसी तरह जोरदार प्रदर्शन किया था और उद्योगमंत्री उदय सावंत को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा था। लेकिन, इन मांगों पर सरकार की ओर से कोई विचार तक नहीं किया गया। लिहाजा कलार समाज ने एक बार फिर एकजुट होकर सरकार को अपनी शक्ति का अहसास कराया है। कलार समाज की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैः-
(1) कलाल-कलार समाज के लिए 1967 के नियम मे परिवर्तन कर जाति वैधता प्रमाण-पत्र तत्काल उपलब्ध कराया जाए
(2) मजदूर, किसान, विद्यार्थियों एवं विधवाओं की समस्याओं के निवारण के लिए भगवान सहस्रबाहु के नाम से आर्थिक महामंडल की स्थापना की जाए
(3) कलाल-कलार समाज के संरक्षण के लिए स्वतंत्र कानून बनाएं
(4) समाज के विद्यार्थियों हेतु छात्रावास के लिए जिला स्तर पर जमीन उपलब्ध कराई जाए
(5) सरदार सरवाई पापन्ना गौड़ का भव्य स्मारक बनाया जाए।
(6) सभी सरकारी कार्यालयों में संत सावजी महाराज की जयंती मनाई जाए
(7) शिक्षित बेरोजगारों को ब्याज मुक्त व्यावसायिक ऋण दिया जाए
(8) कलाल/कलार समाज को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए राज्य आबकारी विभाग में 30% निःशुल्क आरक्षण दिया जाए
(9) नागपुर में भगवान सहस्रबाहु का 100 करोड़ रुपये का स्मारक बनाया जाए
(10) सरदार सरवाई पापन्ना गौड़ और संत सावजी महाराज के नाम से प्रदेश में कलाल समाज योजना शुरू की जाए

इन मांगों को लेकर कलार समाज का ‘धड़क मोर्चा’ सामाजिक एकता की मिसाल के रूप सामने आया। जय कलार, एक कलार के नारे लिखी पीले रंग की टोपी पहने सैकड़ों पुरुष और महिलाए नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। विधानभवन पहुंचकर समाज के वरिष्ठ जनों ने मोर्चा को संबोधित किया। वक्ताओं ने तीखे तेवर में कहा कि हमारा समाज जब भी सरकार से किसी मांग को लेकर कोई प्रदर्शन करे, तो सभी संगठनों को इसी तरह एकजुट हो जाना चाहिए। कलाल समाज इसी तरह एकजुटता प्रदर्शित करता रहा तो अपना अधिकार लेकर रहेगा। वक्ताओं ने कहा कि राजनीति में कलार समाज का प्रतिनिधित्व उसकी संख्या के अनुपात में लगभग नगण्य है, हमारी एकजुटता ही हमें प्रतिष्ठा दिला सकती है। इसीलिए ‘एक बनो, नेक बनो’, ‘सरकार से सवाल करो और अपना हक अर्जित’ करो। धरना-प्रदर्शन के आयोजन में सागर समुद्रकर, नरेंद्र ध्रुवारे, अनिल अहिरकर, शेखऱ आदमने, महेंद्र डोहारे, शेखर डहरवाल, खिलेंद्र बिठले आदि की प्रमुख भूमिका रही।
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