November 22, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

शिक्षाविद जय नारायण चौकसे और संत श्री हरिहर दास को ‘कलचुरी रत्न’ सम्मान; पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा-हम गौरवशाली अतीत के वाहक

नई दिल्ली।
कलचुरी समाज के जाने-माने समाजसेवी एवं शिक्षाविद श्री जय नारायण चौकसे और वृंदावन के स्वजातीय संत श्री हरिहर दास को प्रथम ‘कलचुरी रत्न’ अवार्ड से सम्मानित किया गया है। अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार महासभा के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन में बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने उन्हें यह अवार्ड प्रदान किया। दिल्ली में रविवार को हुए अधिवेशन में इनके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली स्वजातीय हस्तियों को ‘कलचुरी गौरव’, ‘कलवार श्री’ तथा ‘विशिष्ट कार्य सम्मान’ से नवाजा गया।

दिल्ली में कश्मीरी गेट स्थित तिकोना पार्क में रविवार को हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान समेत देशभर की स्वजातीय हस्तियों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि अतीत मे समाज की गौरवशाली हस्तियों का स्मरण इस आयोजन की खास बात है जो उनके दिल को छू गई है। हम अपने गौरवशाली अतीत से जुड़कर ही विभिन्न वर्गों में एकता कायम कर सकते हैं, और इस तरह आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर सभी वर्गों को एक मंच पर लाने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में कलवार, कलाल, कलार समाज के लोग असंख्य अलग-अलग सरनेम लगाते हैं जो हमारी विखंडन को नहीं, बल्कि हमारी विशालता को दर्शाता है। 

इसलिए ‘कलचुरी रत्न’ हैं जय नारायण चौकसे 
एलएनसीटी ग्रुप ऑफ कालेजेज के चेयरमैन श्री जयनारायण चौकसे का शिक्षा में सबसे बड़ा योगदान यह रहा है कि उनके विभिन्न शिक्षण संस्थानों से 2500 से अधिक स्वजातीय बच्चे इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त कर देश-विदेश में अपने सफल करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यही नहीं, उनके मेडिकल कालेजों से भी सैकड़ों स्वजातीय बच्चे  डाक्टर बनकर समाज को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा श्री जयनारायण चौकसे का नाम कलचुरी समाज में परिचय सम्मेलन और सामूहिक विवाह जैसे आयोजनों की  परंपरा शुरू करने वालों में शुमार रहा है। उनका मानना रहा है कि जब तक संपन्न वर्ग के लोग अपने बच्चों का ब्याह सामूहिक विवाह जैसे आयोजनों में नहीं करेंगे, तब तक ऐसे आयोजनों को बढ़ावा नहीं मिल सकता। इसके लिए उन्होंने  स्वयं अपने कई परिवारीजनों और निकट संबंधियों के बच्चों की शादियां सामूहिक विवाह में करवा कर एक मिसाल कायम की। 

‘कलचुरी रत्न’ सम्मान से अभिभूत श्री चौकसे ने आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कलचुरी समाज का अंग होना उनके लिए हमेशा से ही गौरव का विषय है, और इस तरह के नागरिक सम्मान उन्हें और अधिक कार्य करने की ऊर्जा प्रदान करते हैं। अपने संक्षिप्त उदबोधन में उन्होंने समाज के सभी वर्गों की एकजुटता पर जोर देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश मे हाल में हुए नगर निकाय चुनावों में 160 स्वजातीय पार्षदों का चुना जाना इसकी एकता का परिणाम है। 

इन्हें ‘कलचुरी गौरव’ सम्मान
समारोह में अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार महासभा ने पद्मश्री बनवारी लाल चौकसे (भोपाल), नाना साहेब आत्माराम उज्ज्वने (अकोला, महाराष्ट्र), बाल वैज्ञानिक पीयूष जायसवाल (छत्तीसगढ़), सुश्री चंदन कुमारी जायसवाल (जमशेदपुर, झारखंड), धर्मदेव विद्यार्थी (जींद, हरियाणा) और निहालचंद शिवहरे (झांसी) को ‘कलवार गौरव’ से सम्मानित किया।
इन हस्तियों को ‘कलचुरी श्री’ 
इसी तरह परशुराम प्रसाद ब्याहुत (मुजफ्फरपुर, बिहार), सुश्री हर्षिता जायसवाल (वाराणसी, यूपी), सचिन गौरव (सीतामढ़ी, बिहार), घनश्याम जायसवाल (रायबरेली, यूपी), नरेश पूर्बिया (उदयपुर), मुकेश वालिया (नारायणगढ़, हरियाणा) और प्रकाश मालवीय (भोपाल) को ‘कलचुरी श्री’ अवार्ड प्रदान किया गया। 
विशिष्ट कार्य सम्मान प्रदान किया
इनके अलावा अमृत जायसवाल (छत्तीसगढ़), हरेराम चौधरी (समस्तीपुर, बिहार), इंजी. नवीन प्रकाश जायसवाल (अलवर, राजस्थान), बजरंग गुप्ता (बलरामपुर, छत्तीसगढ़), अरविंद कुमार भगत (दिल्ली), बाबूलाल जायसवाल (गंगारामपुर सिटी, राजस्थान) और डा. हरीशंकर शिवहरे (ग्वालियर, मध्य प्रदेश) को ‘विशिष्ट कार्य सम्मान प्रदान’ किया गया। 

अखिल भारतीय कलवार कलाल कलार महासभा के राष्ट्रीय महासचिव किशोर भगत ने शिवहरेवाणी को बताया कि संगठन ने अपने पहले अधिवेशन से नागरिक सम्मान की परंपरा शुरू की है जो तीन श्रेणियों ‘कलचुरी रत्न’, ‘कलचुरी गौरव’ और ‘कलवार श्री’ में प्रतिवर्ष दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सर्वे और रायशुमारी की लंबी कवायद के आधार पर हमने विभिन्न नागरिक सम्मानों के लिए नाम तय किए हैं। प्रयास उन हस्तियों को सामने लाना है जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से जमीन पर वास्तविक काम करते हुए समाज की सच्ची सेवा है। ऐसे प्रेरणादायी व्यक्तित्व समाज को प्रेरित करने का काम करते हैं। 
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय कुमार जायसवाल (लखनऊ), अखिल भारतीय जायसवाल समवर्गीय महासभा के अध्यक्ष लालचंद गुप्ता (मुंबई), दिल्ली के पूर्व डिप्टी मेयर विजय भगत, युवा समाजसेवी हरीश कलाल (बांसवाड़ा), शैलेंद्र जायसवाल (दिल्ली), जज आईसी सुधीर, कृष्णा भगत (कोलकाता), तियाराम डनसना (ओडीशा), सत्यनारायण प्रसाद (किरन प्रकाशन, दिल्ली), गणेश जायसवाल (गोरखपुर), अवार्ड विनिंग शार्ट फिल्म के डायरेक्टर डा. उत्पल कलाल (उदयपुर), फिल्म एक्टर एवं डायरेक्टर मुकेश चौकसे, विश्वनाथ भगत (झारखंड), रमिला कलाल (उदयपुर)  आदि उपस्थित रहे।  
महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर भाई पटेल (अहमदाबाद) ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन कोषाध्यक्ष मनीष राय (भोपाल) ने किया। सम्मेलन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश चंद्र अहलुवालिया (हरियाणा), रविंद्र जायसवाल (दुद्धी, यूपी) और रवि जायसवाल (दिल्ली) ने अतिथियों का स्वागत किया। राष्ट्रीय राष्ट्रीय सचिव गोपाल कुमार (बिहार), प्रभुचरण जायसवाल (इंदौर), हरीशभाई पटेल (पालनपुर, गुजरात), ललित समदुरकर (अमरावती, महाराष्ट्र), वीरेंद्र प्रसाद (सिक्किम), सत्यनारायण मेवाड़ा (केकड़ी, अजमेर), भावना सुवालका (उदयपुर), विकास कुमार गुड्डू (पटना), संजय कुमार भगत (आरा, बिहार) के अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रमेश कुमार जायसवाल (जमनिया, बिहार), धनंजय सत्यदेव (गोपालगंज, बिहार), रमाशंकर प्रसाद (रांची), गिरजाशंकर राय (झांसी) और निशांत जायसवाल (नागपुर) ने आयोजन के कुशल संचालन में अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। 

 

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