पटना।
कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में कहर बरपाया, सरकारें और व्यवस्था लाचार नजर आई। हर तरफ इस कदर त्राहिमाम था, कि जनसेवा के दावे करने वाले हमारे जनप्रतिनिधियों ने खुद को अपने घर में क्वारंटीन कर रखा था। और ऐसे में, बिहार के ढाका विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अपनी जनता जनार्दन के रहनुमा बनकर उभरे। चाहे वह परदेस में फंसे लोगों की वापसी का मामला हो या जरूरतमंदों तक पैसे या राहत सामग्री पहुंचाने का, या फिर मानव सेवा का कोई और मौका…विधायक पवन जायसवाल ने अपने कामों से लोगों का दिल जीत लिया। संकटकाल में जनसेवा के उनके कामों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली। अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड लंदन ने मानव सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए उनका नाम दर्ज कर उन्हें सम्मानित किया है।
बता दें कि पवन जायसवाल पूर्वी चंपारण जिले के ढाका विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने वाले वह बिहार के पहले विधायक बन गए हैं। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड ने इन्हें राजनीति के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ घोषित उन्हें ‘सर्टिफिकेट ऑफ कमिटमेंट’ दिया है।
कोरोना संकट में सराहनीय सेवा
- कोरोना की पहल लहर में राज्य से बाहर फंसे 4400 ऐसे लोगों के खाते में 500-500 रुपये भेजे जिन्हें सरकारी स्तर से 1-1 हजार रुपये की सरकारी सहायता नहीं मिल सकी थी.।
- राज्य के बाहर फंसे लोगों की मदद के लिए अपने स्तर से कोविड-19 हेल्प ग्रुप बनाया। एक लिंक और 12 संपर्क नंबर जारी कर करीब 14 हजार 700 लोगों की घर वापसी कराई।
- पहले चरण में क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे करीब 15000 प्रवासी मजदूरों के बीच खाद्य-सहायता पैकेट का वितरण कराया ।
- पवन जायसवाल ने अपने स्तर से पहले और दूसरे चरण में जिलेभर के करीब 250 पंचायतों में सेनेटाइजेशन का काम करवाया।
- कोरोना से मृतक के परिजनों को मिलने वाली 4 लाख रुपये की सरकारी सहायता दिलाने को लेकर काफी प्रयास किया, जिससे कई परिवारों को वाजिब राहत मिल सकी।
- कोरोना काल में पीड़ितों को चिकित्सीय सुविधा मिल सके, इसको लेकर चिकित्सकों से ऑनलाईन परामर्श की व्यवस्था की ।
इस तरह के सामाजिक कार्यों का नतीजा हुआ कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड लंदन ने विधायक पवन जायसवाल के इन कार्यों की सराहना की और उन्हें एक आदर्श जनप्रतिनिधि के तौर पर सम्मानित किया।
बता दें कि पवन कुमार जायसवाल ने 2010 में पहली बार विधायक चुने जाने के बाद से एक जनसेवी और मेहनती जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी सशक्त पहचान बनाई है। उनके प्रयास से क्षेत्र में सड़कों, बिजली, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार हुए। मानवसेवा और सामाजिक सौहार्द के लिए उन्होंने ‘राम-रहीम सेना’ का गठन किया। वह कई सामूहिक विवाह भी करा चुके हैं और इनमें ‘एक विवाह ऐसा भी’ नाम से कराया गया समारोह काफी चर्चित भी रहा जिसमें 105 जोड़ों की शादी कराई गई थी जिनमें 5 मुस्लिम जोड़े भी थे। उन्होंने सेवा कार्यो के लिए ‘आदर्श युवा विधायक’ समेत कई अवार्डों से नवाजा चुका है। पवन कुमार जायसवाल की धर्मपत्नी श्रीमती प्रियंका जायसवाल पूर्वी चंपारण जिला परिषद की अध्यक्ष हैं और बिहार प्रदेश जिला परिषद अध्यक्ष संघ की सह संयोजिका भी हैं। मानवसेवा और सियासत में वह पति के कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं।
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