गुरुग्राम।
महिला वकील प्रीती जायसवाल ने आत्महत्या की थी या उसकी हत्या की गई थी, यह सवाल एक महीने बाद भी अनसुलझा है। मृतका के परिजन धारा 302 के तहत मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं, जिस पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं है। अब जायसवाल समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने मृतका के परिजनों के साथ गुरुग्राम की कमिश्नर से मुलाकात की और मामले की तीव्र व निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच की मांग का ज्ञापन उन्हें सौंपा।
जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा दिल्ली-एनसीआर (पंजीकृत) के अध्यक्ष एडवोकेट शैलेंद्र जायसवाल के नेतृत्व में समाज के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुग्राम की कमिश्नर आईपीएस सुश्री कला रामचंद्रन से मिलकर थाना राजेंद्र नगर पुलिस पर मामले की जांच में लीपापोती करने का आरोप लगाया। प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे मृतका के परिजनों ने कमिशनर को पूरे मामले की तफ्सील से जानकारी दी। कमिश्नर ने पूरे मामला जानने के बाद सहायक पुलिस आयुक्त गुरुग्राम सेंट्रल से बात कर मामले की निष्पक्ष जांच कर सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया।
बता दें कि राजस्थान के कोटा निवासी 35 वर्षीय सुश्री प्रीती जायसवाल दिल्ली की द्वारिका कोर्ट में प्रेक्टिस करती थी और यही सेक्टर-108 स्थित एक सोसायटी में किराये के फ्लैट पर रहती थी। पति से उसका तलाक का मामला चल रहा है। बीती 5 फरवरी को उसका शव फ्लैट में लटका मिला था। प्रीती का एक कथित सुसाइड नोट भी वहां मिला था जिसे राजेंद्रनगर पुलिस ने बरामद किया। परिजनों ने प्रीती के मित्र पर हत्या का आरोप लगाया था, जिस पर पुलिस ने उसके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि प्रीती की जिस प्रकार हत्या की गई, वह साफ तौर पर एक सुनियोजित साजिश का इशारा करती है।
प्रतिनिधिमंडल में भाजपा पूर्वांचल मोर्चा के जिला संयोजक विपिन जायसवाल, राष्ट्रीय मानवाधिकार एक्शन फोरम के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी इंजी. आरके जायसवाल, सामाजिक कार्यकर्ता व भाजपा महिला नेत्री सुश्री रश्मि राय चौकसे, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुमन प्रसाद जायसवाल, संत लाल कलवार, अजय कुमार जायसवाल, एडवोकेट राजेश कुमार के साथ ही कोटा से आये पीड़िता के चाचा नरेंद्र भास्कार, भाई देवब्रत भास्कार, रिश्तेदार महेश पारेता आदि अन्य सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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