सोम साहू
आगरा।
हम ऐसे दौर में आ गए हैं, जब एक आम आदमी के वैवाहिक जीवन में प्रेम की प्राथमिकता ‘हंगर इंडेक्स में भारत की रैंक की तरह’ तेजी से नीचे आ रही है। लगभग हर मध्यमवर्गीय शख्स एक ही चुनौती से जूझता नजर आता है, किसी तरह परिवार चलानेभर का कमा लेने की चुनौती। ऐसे मुश्किल दौर में हर किसी के वैवाहिक जीवन में करवा चौथ का दिन पहले कहीं अधिक अहम हो जाती है।
दरअसल आज के दौर में करवा चौथ को महज धर्म, संस्कृति, परंपरा और अखंड सौभाग्य से ही न जोड़िये, बल्कि यह एक ऐसा दिन है जब हताशा के वातावरण में वैवाहिक जीवन में प्रेम और रोमांस के दुर्लभ होते भाव स्वाभाविक रूप से उमड़ आते है, यूं कहिये कि वैवाहिक जीवन की ‘बासी कड़ी’ में भी उबाल आ जाता है।
महिलाएं तो सदियों से इस दिन पति की दीर्घायु के निर्जला व्रत रखती आ रही हैं, इक्कीसवीं सदी में पतियों ने भी पत्नी की दीर्घायु के लिए व्रत रखना शुरू कर दिया है। और, पिछले कुछ वर्षों से यह ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। आगरा के शिवहरे समाज में कई पुरुषों को मैं जानता हूं जो करवा चौथ का व्रत रखने लगे हैं, कुछ मेरे मित्र भी हैं। इसमें हर्ज भी क्या है, पति के लिए पत्नी व्रत रखती है, तो पत्नी के लिए पति भी व्रत रख सकता है। वैसे भी, जब दोनों व्रत रखकर चांद से एक-दूसरे की दीर्घायु की कामना करेंगे, तभी उनका वैवाहिक जीवन दीर्घायु को प्राप्त हो सकेगा। एक बार मैंने भी कोशिश की थी, लेकिन वह व्रत निर्जला नहीं हो पाया। मैं मानता हूं कि प्रेम के लिए महिला जैसा तप, त्याग और तपस्या पुरुष कभी कर ही नहीं सकता।
फिर भी, पुरुषों के व्रत रखने के पीछे ‘पत्नी से प्रेम’ तो होगा ही, लेकिन एक और वजह सामने आई है, बताता हूं…। मेरा एक मित्र इस बार पहली दफा करवा चौथ का व्रत रखने वाला है। मैंने कारण पूछा तो उसने कहा, ‘घरवाली को खुश करना है। अब तक मैं करवा चौथ पर उसे गोल्ड का कोई न कोई गिफ्ट देता था, इस बार हालत पतली है…काम-धंधे की वाट लगी पड़ी है, सोने का भाव तो देख ही रहे हो। कोई गुंजाइश ही नहीं बन रही।‘ मैंने तपाक से अपनी मजबूरी को बुद्धिमानी का चोला पहना दिया, कहा-‘बेट्टा अब झेल …इसीलिए तो मैंने कभी यह झंझट पाला ही नहीं। उसने कहा- ‘हां..हां, उसे बता दिया है यार, और वह सुनकर ही खुश हो गई, इतना खुश तो सोने का गिफ्ट मिलने पर भी कभी नहीं हुई।‘
मुझे उन लोगों पर अफसोस है जो कहते हैं और मानते हैं कि महिलाओं को सोने और आभूषण से सबसे ज्यादा प्यार होता है। जबकि, हर साल करवा चौथ पर सोने का गिफ्ट लेने वाली भाभाजी इस बार मित्र के व्रत रखने की बात सुनने भर से प्रफुल्लित हो गईं। भाभीजी ने मेरी इस धारणा पर मोहर लगा दी कि हर आम महिला को सबसे अधिक प्यार अपने पति से, अपने परिवार से और उनसे मिलने वाले प्रेम से होता है।
तो भाइयों..धंधा मंदा है कोई बात नहीं, पत्नी के लिए गोल्ड या महंगी चीज नहीं ले पा रहे तो अफसोस मत करो। करवा चौथ का व्रत रख लो…अपनी सहधर्मिणी को जता दो, ‘मेरा जीवन तुम्हारे लिए बहुमूल्य है, तुम्हारा होना भी मेरे लिए अमूल्य है।’फिर देखना..इस करवा चौथ पर उसके चेहरे की दमक के आगे चंद्रमा भी फीका नजर आएगा। झिझकिए मत..पति-पत्नी के रिश्ते में समानता का भाव लाने की आपकी यह सराहनीय सामाजिक पहल होगी। व्रत रखिये, और हमें बताइये..करवा चौथ के दिन अपनी जीवनसाथी के साथ एक सेल्फी हमें 8218069962 या 9719325664 पर व्हाट्सएप कीजिये, दोनों के नाम और पते के साथ। हम शिवहरेवाणी पर इसकी एल्बम पोस्ट करने वाले हैं।
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