November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

नागपुर वालों को याद रहेगी दीपक जायसवाल की यह होली; समाज के साथ यूं साझा कीं होली की दोहरी खुशियां

नागपुर।
यूं तो होली रंगों का त्योहार है, लेकिन इसका असली मकसद अंतस के उत्साह में छिपा है। किसी अपने, किसी पराए के दिल में मुसकान लाने के लिए थोड़ी नटखट, थोड़ी सी शरारत कर दो. मसखरी कर दो, गालों पर गुलाल की गुदगुदी कर दो, उनके अंतस के तार-तार में अबीर के आनंद का स्वर भर दो। और, उन्हें भीतर से हंसने का एक मौका दो। आपस में सब मस्ती में इतने खो जाओ कि किसी दु:ख दर्द का अहसास नजदीक तक न फटके। एक दिन के मस्तीभरे ये कुछ घंटे अंतर्मन को सालभर के लिए प्रेम, आत्मीयता और एकता की ऊष्मा से सराबोर कर देते हैं। यही सच्ची होली है।
समाज के साथ ऐसी ही ‘सच्ची होली’ खेली कलचुरी एकता समवर्गी संघ नागपुर के संरक्षक श्री दीपक गोविंद जायसवाल ने। जाने-माने उद्योगपति एवं समाजसेवी श्री दीपक जायसवाल के लिए होली का त्योहार इस बार दोहरी खुशियां लेकर आया, जिसे उन्होंने पूरे समाज के साथ धूमधड़ाके से साझा किया। होली के अगले दिन 9 मार्च को छोटे बेटे प्रतीक की सगाई हुई थी, और इसके अगले ही दिन 10 मार्च की शाम उन्होंने शहर के एक फार्म हाउस पर होली मिलन के ऐसे जश्न का आयोजन कर दिया, जो उसमें शरीक होने वालों के स्मृति पटल पर सामाजिक एकता की अविस्मरणीय होली के तौर पर हमेशा के लिए अंकित हो गया। श्री दीपक जायसवाल और उनकी जीवनसंगिनी श्रीमती दीप्ति जायसवाल के साथ ही उनके ज्येष्ठ पुत्र पीयूष, पुत्रवधु मनीषा, छोटे पुत्र प्रतीक और उसकी मंगेतर सुश्री प्रियंका, पुत्री पायल और दामाद श्री प्रखर जायसवाल ने अनगिन समाजबंधुओं का जिस आत्मीयता से स्वागत सत्कार किया, उससे सभी अभिभूत नजर आए। 

इस होली मिलन समारोह के लिए नागपुर में समाज के विभिन्न संगठनों को अपने सभी पदाधिकारियों व सदस्यों एवं उनके परिवारों के साथ आमंत्रित किया गया था। सभी के आदरणीय, ‘दीपक भैया’ के निमंत्रण को कौन टालता भला! लिहाजा निर्धारित समय पर पूरा फार्म हाउस परिसर होलीमय हो गया।  आगंतुकों ने प्रवेश द्वार में गणपति जी और सालासर प्रभु जी की पूजा-वंदना कर फार्म हाउस में प्रवेश किया तो वहां होली के अद्भुत नजारे सामने थे। विशाल स्टेज पर रंगबिरंगी लाइटों के बीच गीत-संगीत के रंगारंग प्रोग्राम चल रहे थे, तो पूरा परिसर अबीर-गुलाल और प्राकृतिक रंगों की रंगत से सराबोर था। और, इन सब रंगों पर हावी था आनंद और सौहार्द्र का रंग। रंगे-पुते ‘दीपक भैया’ और ‘दीप्ति भाभी’ अबीर-गुलाल लगाकर सभी का स्वागत कर रहे थे, और उनका यह रूप सभी को खुलकर होली खेलने के लिए लालायित कर रहा था। फिर क्या था, पूरे परिसर में होली की धमा-चौड़की मच गई। सभी ने एक-दूसरे को रंग लगाया, होली की शुभकामनाएं दीं। और गीत-संगीत पर डांस करने में मशगूल हो गए। मसाले वाली स्वादिष्ट ठंडाई व विभिन्न शीतल पेयों की चुस्कियां और नाना प्रकार के लजीज व्यंजनों के चटखारे साथ चलते रहे। 
आनंद और बेफिक्री इस माहौल में श्री दीपक जायसवाल का पूरा परिवार आगंतुको से होली खेलने के साथ ही उनकी आव-भगत में लगा था, हाथों में उनके रंग थे और जुबां पर कुछ खाने-कुछ पी लेने के उनके विनम्र आग्रह। मस्ती में 3-4 घंटे कब बीत गए, किसी को अहसास ही नहीं हुआ। सभी ने श्री दीपक जायसवाल के पूरे परिवार को होली की बधाई दी, छोटे पुत्र प्रतीक की मंगेतर सुश्री प्रियंका को शुभाशीष के रंग लगाए। मंगनी के अगले ही ससुरालीजनों और समाज के बीच ऐसी होली निश्चय ही उसके मन में अपनी ससुराल व विवाह संस्था के प्रति गौरव, सम्मान और समर्पण भाव को बढ़ाने वाली रही होगी।
होली मिलन समारोह में सालासर बालाजी से आए श्री दीपक जायसवाल के गुरुजनों, रिश्तेदारों और मित्रों के साथ नागपुर के जायसवाल संगठन, शिवहरे कलार संगठन, अखिल भारतीय क्षत्रिय मराठा कलार संगठन, झरिया कलार संगठन, डहरवाल कलार संगठन, कोसरे कलार संगठन, गौड़ कलार संगठन, राय चौकसे संगठन, जैनकलार संगठन, डडसेना सिन्हा कलार संगठन, साव कलार संगठन, तेलुगु कलार संगठन, सूर्यवंशी कलार संगठन समेत विभिन्न समाजिक संगठनों के पदाधिकारियों व सदस्यों ने परिवार के साथ भागीदारी की।

 

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