December 3, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शख्सियत समाचार

‘रीयल सिंघम’ कृष्ण प्रकाश ने रचा इतिहास, पुलिस की प्रताड़ना ने बना दिया आईपीएस, वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज

मुंबई।
महाराष्ट्र के रीयल सिंघम के रूप से लोकप्रिय आईपीएस अधिकारी  कृष्ण प्रकाश ने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। वह भारत के किसी भी सुरक्षा बल के एकमात्र अधिकारी हैं जिसने बेहद मुश्किल ‘आयरनमैन’ और ‘अल्ट्रामैन’ ट्रायथलान स्पर्धाओं को अपने नाम किया। उनकी इस उपलब्धि पर कलचुरी समाज ने हर्ष व्यक्त किया।

मूल रूप से हजारीबाग के रहने वाले कृष्णप्रकाश 1998 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में पिंपरी चिंचवड़ के पुलिस आयुक्त हैं। उनकी पहचान महाराष्ट्र के बेहद सख्त पुलिस अधिकारी की है जो पूर्व में मुंबई में अपनी तैनाती के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख की पैरवी को स्टेशन डायरी में इंट्री करने, दाऊद इब्राहिम के भाई पर मामला दर्ज कर गिरफ्तार करने की वजह से मीडिया की सुर्खियों में रहे। गढ़चिरोली में अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान नक्सलियों के खिलाफ साहसिक अभियान के लिए भी चर्चा में रहे। उनके बारे में कहा जाता है कि वह अपने काम के बीच किसी को नहीं आने देते हैं, चाहे वह सीएम ही क्यों न हों। अपने अब तक के कार्यकाल में वह लोगों में पुलिस की खौफ को कम करने और भरोसा बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनकी एक पहचान मोटीवेशनल स्पीकर के रूप में भी है और यूट्यूब पर उनकी कई वीडियो बहुत लोकप्रिय हुए हैं। 

कृष्ण प्रकाश ने 2017 में फ्रांस में आयरनमैन ट्रायथलान स्पर्धा जीती थी। इस एकदिनी स्पर्धा में प्रतियोगी को 16 घंटे के अंदर पहले 3.6 किलोमीटर की तैराकी करनी होती है, उसके तत्काल बाद 180 किलोमीटर साइकिलिंग और फिर 42 किलोमीटर की रनिंग करनी होती है। कृष्णप्रकाश ने 14 घंटे 8 मिनट में यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया था।
इसके अगले ही वर्ष 2018 में कृष्णप्रकाश ने आस्ट्रेलिया में अल्ट्रामैन चैंपियनशिप जीती। इसे दुनिया का सबसे मुश्किल स्पर्धा माना जाता है। इस तीन दिनी स्पर्धा के अंतर्गत पहले दिन 12 घंटे में 10 किमी स्विमिंग के साथ 146 किलोमीटर साइकिलिंग करनी होती है। दूसरे दिन फिर 12 घंटे में 275 किलोमीटर साइकिल चलानी होती है। तीसरे दिन 84 किलोमीटर की अल्ट्रा-मैराथन रेस होती है। कृष्णप्रकाश की जीत इसलिए भी अधिक अहम है कि स्पर्धा से ठीक पहले वह चोटिल हो गए थे और डाक्टरों के मना करने के बावजूद उन्होंने इसमें न केवल भाग लिया, बल्कि टाइटल भी अपने नाम कर लिया। 

कृष्णप्रकाश का जन्म हजारीबाग के कोरानबेई गांव के एक कलचुरी परिवार में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई गांव में ही हुई और माध्यमिक शिक्षा हजारीबाग के कैथोलिक स्कूल से ग्रहण की। स्नातक हजारी बाद के ही सेंट कोलंबस कालेज से किया जिसमें इतिहास उनका मुख्य विषय था। कालेज के बाद उन्होंने दो साल नेहरू युवा केंद्र से जुड़कर सोशल वर्क किया।

कृष्ण प्रकाश ने 1995 में यूपीएससी की परीक्षा दी। 1998 में अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने आईपीएस बनने का सपना पूरा कर लिया। अपने  कई मोटीवेशनल वीडियो में उन्होंने बताया कि कालेज के दिनों में एक प्रभावशाली पड़ोसी द्वारा सार्वजनिक कुएं की चारदीवारी बनाए जाने का विरोध करने पर उन्हें पुलिस की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा था। इस घटना ने उसके युवा मस्तिष्क में पुलिस की छवि को धूमिल कर दिया, और तब उन्होंने एक ईमानदार पुलिस अधिकारी बनने का संकल्प लिया था। 

कृष्ण प्रकाश को पुलिस अधिकारी के रूप में उनके कामों को देखते हुए राजीव गांधी प्रशासकीय गतिमानता पुरस्कार,  सांगली के परिसर को ग्रीन रखने के लिए हरित पुरस्कार, सरकारी पत्रिका चित्रलेखा की ओर से प्रथम श्रेष्ठ अधिकारी का सम्मान, महात्मा गांधी पीस अवार्ड मॉनरिटी कमीशन की ओर मालेगांव और बुलढाणा में शांति एवं एकता स्थापित करने के लिए मिला। मेरिटोरियस सर्विस के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल राज्यपाल के हाथों मिला।

कृष्णप्रकाश अपनी सफलता में अपनी धर्मपत्नी श्रीमती सुनयना की भूमिका को अहम मानते हैं। उनकी 14 वर्षीय बेटी शौर्या प्रकाश भी पिता के नक्शे कदम पर है और पिता की तरह मैराथन रनर बनना चाहती हैं।

 

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video