November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार समाज

आगरा के शिवहरों को संत श्री अभिरामदासजी का ‘प्रणाम’ और ‘आभार’; आगरा से लौटकर श्योपुर से भेजा है यह संदेश

आगरा।
राधाकृष्ण मंदिर में रामकथा कहने वाले स्वजातीय संत श्री अभिरामदासजी महाराज (श्री बाबूलाल शिवहरे) आगरा के शिवहरे समाज से खासे प्रभावित होकर लौटे हैं। अब अपने शहर श्योपुर पहुंच चुके संत श्री अभिरामदासजी महाराज ने शिवहरेवाणी के माध्यम से आगरा के स्वजातीय बंधुओं को प्रणाम और आभार भेजा है। बकौल संतश्री, आगरा के स्वजातीय समाजबंधुओं ने जिस अपनत्व और सम्मान से उन्हें नवाजा है, उससे वह अभिभूत हैं और उनकी धर्मपरायणता व भगवान राम के प्रति उनकी आस्था के सम्मुख श्रद्धावनत हैं।
बता दें कि दाऊजी मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष श्री भगवान स्वरूप और उनके परिवार की ओर से राधाकृष्ण मंदिर में 30 मार्च से छह अप्रैल तक रामकथा का आयोजन कराया गया था जिसमें संत श्री अभिरामदासजी महाराज ने व्यासपीठ से रामकथा का वर्णन किया था। छह अप्रैल की शाम को ही श्री अभिरामदासजी ने वरिष्ठ समाजसेवी श्री सतीश शिवहरे ठेकेदार के नाई की मंडी स्थित निवास पर सुंदरकांड का पाठ किया जिसके बाद भंडारे का आयोजन किया गया था। अगले दिन भाजपा विधायक श्री विजय शिवहरे ने भी संत श्री को अपने आवास पर आमंत्रित कर अपने भाइयों समेत पूरे परिवार के साथ उनकी शानदार आवभगत की, पूरे सम्मान के साथ उन्हें विदा किया।
संत श्री ने बताया कि वह देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग सौ बार रामकथा कह चुके हैं, इनमें ज्यादातर कथाएं स्वजातीय समाज के बीच ही हुईं। लेकिन, आगरा की रामकथा में जितने स्वजातीय बंधु उपस्थित रहे, उतने अन्य जगहों पर हो नहीं पाते। रामकथा के अंतिम दिनों में तो समाजबंधुओं की उपस्थिति काफी उत्साहजनक रही। श्री अभिरामदासजी महाराज ने शिवहरेवाणी से बातचीत में कहा कि उन्होंने सोचा नहीं की थी कि आगरा का शिवहरे समाज इतना उत्साही, प्रेरणादायी, धर्मपरायण और सहृदयी मेजबान है। लोहामंडी में गोपाल डेयरी के संचालक चंदन शिवहरे का उन्होंने खास आभार जताया जिन्होंने संतश्री और उनके साजिंदों की टीम के लिए प्रतिदिन भोजन और चाय-पानी की व्यवस्था की। उन्होंने राधाकृष्ण मंदिर के अध्यक्ष श्री अरविंद शिवहरे, श्री मुकुंद शिवहरे, श्री वीरेंद्र  गुप्ता एडवोकेट, श्री मुन्नालाल शिवहरे, श्री सुदामा शिवहरे, भाजपा नेता श्री विकास गुप्ता, श्री राजेंद्र शिवहरे (राज इलेक्ट्रिकल्स, लोहामंडी) का भी आभार व्यक्त किया है। 
संत श्री के मुताबिक, भाजपा विधायक श्री विजय शिवहरे के आमंत्रण पर उनके घर जाना और उनके भाइयों व उनके परिवारों से मिलना उनकी इस आगरा यात्रा की सुखद यादों में शामिल हैं। विधायकजी के परिवार के साथ उनके सभी भाइयों श्री बिजनेश शिवहरे (अध्यक्ष, दाऊजी मंदिर समिति), श्री मुकेश शिवहरे, श्री रवि शिवहरे, श्री अजय शिवहरे का प्रेमभाव भी दिल को छू गया। प्रतिष्ठित समाजसेवी श्री सतीश शिवहरे ठेकेदारजी का जिक्र करते हुए संत श्री ने कहा, ‘सतीशजी भाईसाहब का तो कहना ही क्या, उनके जैसे प्रेमभाव वाले व्यक्ति जीवन में संयोग से ही मिलते हैं। मेरे लिए तो उनका विशेष अनुराग है, आगरा और आसपास के प्रतिष्ठित समाजबंधुओं से मेरी पहचान कराने वाले ही वही शख्स हैं, मैं उनके प्रति अपनी कृतज्ञता को अभिव्यक्ति देने में असमर्थ पाता हूं। साथ ही उनके भाइयों श्री विमल शिवहरे, श्री धर्मेंद्र शिवहरे, श्री देवेंद्र शिवहरे की भावना का भी सम्मान करता हूं।’
संत श्री अभिरामदासजी महाराज कहते हैं कि रामकथा के आयोजन के लिए श्री भगवान स्वरूप शिवहरे और उनके परिवार का समर्पणभाव भी नमनीय है। कथा प्रारंभ होने से पहले श्री भगवान स्वरूप शिवहरे की धर्मपत्नी श्रीमती मालती शिवहरे की तबीयत काफी बिगड़ गई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इसके बावजूद पूरा परिवार पहले दिन से पूरी रामकथा में मौजूद रहा और इंतजाम संभाला। श्रीमती मालती शिवहरे तीसरे दिन रामकथा में पहुंचीं, तब भी काफी बीमार थीं, लेकिन रामजी की कृपा से कथा में आने के बाद हर दिन उनकी तबीयत बेहतर होती गई। उनके चारों पुत्रों श्री अनूप शिवहरे, आलोक शिवहरे, शैलेष शिवहरे और सुनील शिवहरे व उनके परिवारों ने भी संतों के प्रति सेवा के भाव और ईश्वर के प्रति समर्पण ने प्रभावित किया है। 
 

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