आगरा।
आगरा में शिवहरे समाज की पहचान ‘दाऊजी मंदिर’ इस बार दाऊजी पूनो के पर्व पर अपने पूर्ण वैभव में नजर आएगा। जीर्णोद्धार की नई रंगत और चमक-धमक के बीच सभी देव अपने-अपने दरबार में नई पोशाक में दर्शन देंगे। मंदिर के सबसे प्राचीन देव केसरीनंदन हनुमान भी नए चोले में दर्शन देंगे। दाऊजी पूनो की पूर्व संध्या पर यानी शनिवार 18 दिसंबर की शाम को हनुमानजी का चोला बदला जाएगा। इस दौरान सुंदरकांड पाठ का आयोजन भी किया गया है जिसमें मंदिर कार्यकारिणी के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहेंगे।
बता दें कि सदरभट्टी चौराहे पर दाऊजी मंदिर का निर्माण वर्ष 1893 (तार्किक अनुमान के आधार पर) में हुआ था। इससे पहले इस जगह अखाड़ा हुआ करता था जो वर्षों से चला आ रहा था, और इसी अखाड़े में हनुमानजी की यही प्रतिमा ठीक इसी जगह विराजमान थी। अनुमान है कि हनुमानजी की प्रतिमा 150 वर्ष से अधिक पुरानी है। मंदिर का निर्माण चरणबद्ध तरीके से होता रहा लेकिन हनुमानजी की प्रतिमा को कभी विस्थापित नहीं किया गया। तब से असंख्य बार हनुमानजी को सिंदूरी चोला चढ़ाया जा चुका है और हर वर्ष कई अवसरों पर नया चोला चढ़ाया जाता है। सिंदूरी चोला चढ़ाने से प्रतिमा का संरक्षण भी होता है। शनिवार को सिंदूरी चोले के साथ हनुमानजी को मोतियों की खूबसूरत माला भी धारण कराई जाएगी।
इस तरह दाऊजी की पूनो के पावन दिन जब मंदिर के सभी देव दरबार अपनी भव्यता में नजर आएंगे और सभी देव स्वरूप नए वस्त्र और श्रृंगार धारण कर दिव्य दर्शन देंगे, तब हनुमानजी की सिंदूरी आभा भी देखते ही बनेगी। वैसे, दाऊजी पूनो की सुबह पूजा-अर्चना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए दाऊजी मंदिर का नवीन रूप निश्चित रूप से विस्मयकारी होगा।
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