रायबरेली।
रायबरेली की स्मृति जायसवाल ने CLAT परीक्षा-2022 में 36वीं रैंक हासिल की है। इस परीक्षा का परिणाम हाल ही में घोषित किया गया था। स्मृति जायसवाल न्यायिक सेवा में जाना चाहती हैं।
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रायबरेली में गोरा बाजार स्थित सम्राटनगर निवासी स्मृति अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां श्रीमती आरती जायसवाल को देती हैं जो स्वयं भी हिंदी की जानी-मानी कवि एवं कथाकार है, और सोशल एक्टिविस्ट भी हैं। स्मृति के पिता अनित जायसवाल व्यवसायी हैं। रायन इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा स्मृति जायसवाल ने हाईस्कूल की परीक्षा में 96.6 प्रतिशत अंक हासिल कर रायबरेली जनपद में टॉप किया था। इस साल उन्होंने इंटरमीडियेट की परीक्षा दी है जिसका परिणाम अभी घोषित नहीं हुआ है।
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स्मृति का कहना है कि उन्होंने हाईस्कूल का परिणाम आते ही क्लैट की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा कि क्लैट के लिए काफी पढ़ना पड़ता है और मां ने उन्हें हमेशा पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है। वहीं आरती जायसवाल ने कहा कि क्लैट की रिजल्ट आने पर हम सबकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। स्मृति दो साल से क्लैट की तैयारी में जुटी थी। हमारी पूरी कोशिश रही कि उसे पढ़ाई का परेफ्क्ट वातावरण उपलब्ध कराएं ताकि वह पूरी एकाग्रता से तैयारी कर सके। स्मृति अपनी सफलता में अपने टीचर्स और सहपाठियों के योगदान को भी बहुत अहम मानती है। स्मृति ने क्लैट की तैयारी के दौरान के अपने अनुभव शिवहरेवाणी से शेयर किए हैं, जो भावी अभ्यर्थियों के लिए बहुत उपयोगी हो सकते हैं। पेश है उनसे बातचीत के अंश-
प्रश्नः क्लैट परीक्षा में कामयाबी का रहस्य बताइये?
स्मृतिः क्लैट परीक्षा के लिए बहुत ज्यादा रीडिंग यानी पढ़ना जरूरी है। क्लैट का पूरा पेपर ही इस तरह का होता है कि जिसमें आपका अध्ययन या आपकी पढ़ाई बहुत काम आती है, यहां तक कि मैथ्स जैसे विषय में आपको पढ़ने की जरूरत होगी। मैं रोज दो-दो न्यूजपेपर पढ़ती थी। इसके अलावा कोचिंग ने भी बहुत सारा स्टडी मैटेरियल प्रोवाइड कराया जो मेरे लिए बहुत लाभकारी रहा।
प्रश्नः एक आम स्टूडेंट क्लैट की तैयारी कैसे शुरू करे?
सबसे पहले को सेल्फ डिसिपिलिन सीखना होगा। यानी उसे एक टाइमटेबल को कढ़ाई के साथ फ़ॉलो करना होगा। इसके बाद स्लेबस के साथ-साथ न्यूजपेपर का रोज गहराई से अध्ययन करना भी बहुत जरूरी है। क्लैट की तैयारी कर रहे हर स्टूडेंट को मॉक टेस्ट देने चाहिए। बहुत से बच्चे अच्छे नंबर नहीं आने के डर से मॉक टेस्ट नहीं देते हैं। लेकिन, मैंने शुरू से ही मॉक टेस्ट दिए औऱ मेरे केस में यह बहुत हेल्पफुल रहा।
प्रश्नः आपने जज बनना ही क्यों चुना?
मैं किसी भी तरह से समाज की सेवा करना चाहती थी। सोशल वर्क ऐसी फील्ड है जिसे स्टार्ट करना मुश्किल है। मुझे महसूस हुआ कि जज बनकर मैं समाज की बेहतर सेवा कर सकती हूं, इसीलिए मैंने क्लैट से यह रास्ता चुना।
प्रश्नः आप बच्चों को कौन सी बुक रिकमंड करेंगी जिसके साथ वे क्लैट की तैयारी शुरू कर सकते हैं?
सबसे पहली बुक मैंने अपनी इस जर्नी में पढ़ी थी, वो रामचंद्र गुहा की ‘इंडिया आफ्टर गांधी’ थी। उसमें इतनी ज्यादा नॉलेज है कि आप भारत में आजादी के बाद के जो भी महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुए हैं, उनके बारे में सब जान जाएंगे। और अंग्रेजी भाषा सीखने और अपनी शब्दावली समृद्ध करने के लिहाज से भी यह बहुत अच्छी किताब है। बुक मोटी जरूर है लेकिन बहुत इंटरेस्टिंग है।
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