नई दिल्ली।
आईटी कंपनी एचसीएल के शिव नाडर हाल में जारी आईआईएफएल वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट-2021 में तीसरे सबसे अमीर भारतीय घोषित किए गए हैं। उनकी कुल संपत्ति 2,36,600 करोड़ रुपये आंकी गई है। बीता एक वर्ष दुनियाभर में व्यापार के लिए भले ही बहुत मुश्किल रहा हो लेकिन शिव नाडर ने ऐसे में भी हर रोज 260 करोड़ रुपये कमाए हैं। बता दें कि 76 वर्षीय शिव नाडर तमिलनाडु के कलार समाज से आते हैं, और वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं। हुरुन की लिस्ट सामने आने के बाद कलचुरी समाज ने शिव नाडर की इस उपलब्धि पर हर्ष जताया है, सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है।
खास बात यह है कि शिव नाडर गत वर्ष की लिस्ट में भी तीसरे स्थान पर थे लेकिन तब उनकी कुल संपत्ति 1,41,700 करोड़ रुपये थी। इस तरह पिछले एक साल में शिव नाडर की नेटवर्थ में 94,900 करोड़ रुपये का भारी भरकम इजाफा हुआ है। यहां गौरतलब है कि शिव नाडर को इस साल जनवरी में हुरुन द्वारा घोषित भारत के टॉप टेक बिलिनियर्स (यानी ऐसे अरबपतियों जो तकनीकी संबंधी कारोबार कर रहे हैं) की सूची में टॉप पर रखा गया था। फिलहाल, शिव नाडर ने जुलाई 2020 में एचसीएल के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था और उनकी पुत्री रोशनी नाडर मल्होत्रा को एचसीएल का चेयरमैन बनाया गया था। शिव नाडर को 2008 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।
14 जुलाई, 1945 को तमिनाडु के तूतीकोरिन जिले में मूलपोल्ली गांव के एक कलचुरी परिवार में जन्मे श्री नाडर ने 1976 में एक गैरेज से एचसीएल इंटरप्राइजेज की शुरुआत की थी, जो धीरे-धीरे तरक्की करते हुए 1991 में एचसीएल टैक्नोलॉजी के साथ बाजार में नए रूप में उतरी। आज एचसीएल का कारोबार कई देशों में फैल चुका है। उसके दुनियाभर में 100 से ज्यादा कार्यालय हैं, 30 हजार से अधिक कर्मचारी हैं। कंपनी की यह प्रगति दरअसल नाडर की व्यापारिक सूझबूझ, मेहनत और लगन का ही परिणाम है। शिव नाडर अपने व्यापार शैली के बारे में कहते हैं, ‘मैं नेतृत्व के अवसर नहीं देता, बल्कि उन लोगों की तलाश में रहता हूं जो कमान संभाल सकते हैं।‘ खास बात यह है कि नाडर ने अपने करियर की शुरुआत डीसीएम कंपनी से की और फिर दिल्ली में क्लॉथ मिल के लिए काम किया। लेकिन 1976 में अपनी आकर्षक जॉब छोड़कर उन्होंने एचसीएल इंटरप्राइजेज की स्थापना की जो शुरुआत में ऑफिस उपकरण तैयार करती थी। 1982 में जब आईबीएम ने एचसीएल को कंप्यूटर मुहैया कराना बंद कर दिया, तब नाडर और उनके साथियों ने अपना कंप्यूटर बनाने की ठानी और उसमें कामयाबी हासिल की। चर्चित पत्रिका ‘टाइम’ ने 1987 के एक अंक में लिखा था, पूरी दुनिया नाडर की सोच और भविष्य के लिए तैयार किए गए नेटवर्क को देखकर आश्चर्यचकित और मुग्ध है।
शिव नाडर का परिवार पूर्वी दिल्ली में फ्रेंड्स कालोनी में रहता है जिसे उन्होंने 2014 में 115 करोड़ रुपये में खरीदा था जो दिल्ली में सबसे महंगे संपत्ति सौदों में से एक है। शिव नाडर की कामयाबी में उनकी पत्नी श्रीमती किरन नाडर का बराबर का सहयोग रहा है। एक लोकोपकारी महिला के रूप में उनकी पहचान है और 2005 में फोर्ब्स एशियन मैग्जीन ने उन्हें ‘हीरो ऑफ फिलेंथ्रोपी’ चुना था। वह कांट्रेक्ट ब्रिज की जानी-मानी खिलाड़ी होने के साथ ही कलाप्रेमी भी हैं। उन्हें भारतीय कला की महारानी भी कहा जाता है। किरन पास भारतीय और दक्षिण एशियाई कलाओं से संबंधित 5500 से अधिक कलाकृतियों का विशाल म्यूजियम है जो उनके बंगले में ही स्थित है। शिव नाडर ने शिव नाडर फाउंडेशन भी बनाया है जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के वंचित बच्चों के लिए शिक्षा और कला के प्रसार के लिए काम कर रहा है। यही नहीं, शिव नाडर ने मदुरै के इलांगो कारपोरेशन हायर सेकेंडरी स्कूल, जहां वह खुद भी पढ़े थे, के पुनर्निर्माण के लिए 15 करोड़ रुपये की भारी-भरकर राशि दान दी जिसके चलते आज यह स्कूल एक मॉडल (आदर्श) हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रतिष्ठा पा चुका है।
शिव नाडर और किरन की एकमात्र पुत्री रोशनी नाडर मल्होत्रा एचसीएल की चेयरमैन हैं। 2019 में फोर्ब्स वर्ल्ड की 100 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में उन्हें 54वें स्थान पर रखा गया था। हुरुन लिस्ट 2019 में रोशनी देश की सबसे अमीर महिला चुनी गई थीं। प्रबंधन की श्रेष्ठ शिक्षा प्राप्त रोशनी एक प्रशिक्षित शास्त्रीय संगीतकार हैं। रोशनी ने 2010 में शिखर मल्होत्रा से विवाह किया था जो एचसीएल हेल्थकेयर के वाइस चेयरमैन हैं। उनके दो बेटे अरमान और जहान हैं।
Leave feedback about this