भोपाल।
रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड के एमडी दिलीप सूर्यवंशी को एक बार फिर मध्य प्रदेश के सबसे अमीर व्यक्ति घोषित किया गया है। हाल में जारी IIFL Wealth Hurun India Rich List 2021 में देश के उन एक हजार अमीरों को शामिल किया गया है, जिनकी कुल संपत्ति 1000 करोड़ से ज्यादा है। इस सूची में दिलीप सूर्यवंशी 4100 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ 377वें स्थान पर हैं। जबकि, मध्य प्रदेश में उन्हें सबसे अमीर व्यक्ति माना गया है।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि बीते साल दिलीप सूर्यवंशी की कुल संपत्ति 2800 करोड़ रुपये थी, जिसमें इस साल 1300 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। लेकिन भारतीय अमीरों की सूची में उनकी रैंक गत वर्ष के मुकाबले गिरावट आई है। बीते वर्ष इस लिस्ट में उनका 353वां स्थान था जो इस साल घटकर 377वां रह गया है। खास बात यह है कि दिलीप सूर्यवंशी के साझीदार देवेंद्र जैन ने भी इस बार हुरून लिस्ट में जगह बनाई है। वह 2300 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ इस लिस्ट में 582वें स्थान हैं।
दिलीप सूर्यवंशी को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है और इस रिश्ते से मालामाल बनने का आरोप उन पर लगता रहा है। लेकिन एक पुलिसकर्मी के पुत्र के बिजनेस फील्ड में शीर्ष पर पहुंचने की कहानी कम रोचक नहीं है। यहां तक उनके पहुंचने के पीछे संघर्ष की लंबी गाथा भी है।
मां चाहती थी, इसलिए नहीं की नौकरी
दरअसल दिलीप सूर्यवंशी की मां नहीं चाहती थीं कि वे कभी नौकरी करें। वजह यह थी कि उनके पिता पुलिस की नौकरी में थे और उनका ट्रांसफर होता रहता था। मां का कहना था कि पिता के ट्रांसफर से बच्चों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है। दिलीप ने भोपाल के शाहजहांनाबाद की पुलिस लाइन के बारादरी स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद 1979 में जबलपुर से सिविल इंजीनियरिंग की। पढ़ाई के बाद मां के कहे अनुसार, उन्होंने खुद का बिजनेस स्थापित करने की ओर प्रयास शुरू कर दिए।
गिरवीं रखने पड़े थे पत्नी के गहने
दिलीप को सफलता हासिल करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। शुरुआती दिनों में बिजनेस के लिए उन्हें अपनी पत्नी के गहने भी गिरवी रखने पड़े थे। दिलीप बताते हैं, ‘मुझे वह दिन भी अच्छे से याद है, जब मैंने अपने बेटे के जन्म पर एक दोस्त से 200 रुपए उधार लिए थे। उन पैसों से मैंने अस्पताल में मिठाई बांटी। उन दिनों में भी मैं काफी खुश था और जीवन का भरपूर आनंद लिया।’
ऐसा रहा दिलीप बिल्डकॉन का सफर
1988 में उन्होंने दिलीप बिल्डकॉन के नाम से कंपनी बनाई। पहले तो उन्होंने छोटे रिहायशी परियोजनाओं, सरकारी इमारतों और पेट्रोल पंपों का निर्माण किया। इसके बाद साल 1995 में 21 वर्षीय इंजीनियर देवेंद्र जैन को काम पर रखा जो अब उनके साझीदार हैं और हुरून लिस्ट में जगह बना चुके हैं। बिल्डिंग बनाते-बनाते दिलीप सूर्यवंशी का ध्यान सड़क निर्माण पर गया। 2000 के दशक की शुरुआत में, एनडीए सरकार ने सड़क निर्माण के टेंडर निकालने शुरू किए। तब उन्होंने तय किया कि उनकी कंपनी सड़क निर्माण का काम भी करेगी।
उस वक्त सड़क निर्माण के क्षेत्र में दिलीप बिल्डकॉन एक नई कंपनी थी, इस वजह से उनके सामने कई दिक्कतें थीं। उन्होंने रिसर्च की और पाया कि सड़क निर्माण के काम में कार्यशील पूंजी भी ज्यादा नहीं चाहिए थी और जोखिम भी कम था। काम पूरा होने पर सरकार पैसा चुकाती थी। लेकिन दिक्कतें यह थी कि लोडर्स, ट्रक, डंपर और स्टोन क्रशर किराए पर मिलना इतना आसान नहीं था। इसी को लेकर उन्हें अपने ट्रक, डम्पर और स्टोन क्रशर खरीदने पड़े थे। आज उनका बिजनेस देश के 12 राज्यों में फैला है, जिसमें लगभग 20 हजार से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं।
पिता के नक्शे कदम पर हैं दोनों बेटे
अब दिलीप के बेटे रोहन और करण पिता के सपने को नेक्स्ट लेवल पर ले गए हैं। करण कंपनी के हेड ऑफ द बिजनेस डेवलपमेंट एंड न्यू वेंचर हैं, वहीं, रोहन हेड ऑफ द स्ट्रैटजी एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट देखते हैं। रोहन पेनसिलवेनिय यूनीवर्सिटी से एमबीए हैं, जबकि करण ने सिमबायोसिस से एमबीए किया है।
अमीर महिलाओं की सूची में 60वें नंबर हैं सीमा सूर्यवंशी
दिलीप सहित पूरे परिवार को संभाल के रखने के पीछे उनकी पत्नी सीमा सूर्यवंशी रांची वीमेंस कालेज से ग्रेजुएट हैं और कंपनी सक्रिय रही हैं। उन्होंने मुश्किल वक्त में पति और परिवार की हिम्मत बनाए रखी। अमीर महिलाओं की हुरून की लिस्ट में गत वर्ष सीमा सूर्यवंशी 60वैं स्थान पर थीं और उनकी संपत्ति 440 करोड़ आंकी गई थी।
अपने समाज के साथ हमेशा जुड़े रहे
दिलीप सूर्यवंशी ने जिंदगी में तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते हुए भी अपने समाज से जुड़े रहे। वर्तमान में वह श्री सहस्त्रबाहु कलचुरी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह समाज के कार्यों में हमेशा तन-मन-धन से बढ़-चढ़कर भागीदारी करते हैं। यही वजह है कि कलचुरी समाज के युवा उन्हें अपना आइकन मानते हैं और हर साल उनका जन्मदिन सेलिब्रेट करते हैं।
क्रिकेट मैच की तरह है जिंदगीःदिलीप
दिलीप कहते हैं, जिंदगी क्रिकेट मैच की तरह हैं जहां ग्राउंड में आपको हमेशा अपना बेस्ट करना होता है। सही वक्त पर सही कदम उठाना जरूरी है, वरना आउट हो जाओगे। सफलता सिर्फ कठिन परिश्रम और लगन के बल पर ही पाई जा सकती है।
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