May 15, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
धरोहर समाचार

इसलिए जरूरी है आगरा के शिवालयों का जीर्णोद्धार; विधायक विजय शिवहरे ने मुख्यमंत्री के सामने रखी बात; योगीजी ने दिया आश्वासन

लखनऊ।
‘भगवान शिव की नगरी’ आगरा के छह प्राचीन शिवालयों के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए योगी सरकार की ओर से जल्द ही पहल की जा सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायक (एमएलसी) विजय शिवहरे के साथ चर्चा में ऐसा आश्वासन दिया है। विजय शिवहरे ने बीते दिनों योगीजी से भेंटकर उन्हें आगरा के प्राचीन शिव मंदिरों के महत्व से अवगत करते हुए इनके जीर्णोद्धार की जरूरत बताई थी।


आगरा-फिरोजाबाद विधान परिषद सीट से विधायक विजय शिवहरे ने शिवहरेवाणी को बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी से भेंटकर आगरा के चारों कोनों में स्थित प्राचीन शिव मंदिरों बाबा कैलाशनाथ, बाबा बल्केश्वर नाथ, बाबा राजेश्वर नाथ, बाबा पृथ्वीनाथ मंदिर के अलावा शहर के बीचोंबीच स्थित बाबा मनःकामेश्वर नाथ और रावली महादेव मंदिर से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों, पौराणिक संदर्भों और लोक-मान्यताओं की विस्तार से जानकारी दी। ये शिवालय आगरा ही नहीं, आसपास के जनपदों के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र हैं। सावन के सोमवार इन शिवालयों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है।
अफसोस यह है कि आगरा की इन धार्मिक धरोहरों को मुगलकाल से लेकर अब तक सरकारी उपेक्षा का शिकार होना पड़ा हैं। उन्होंने कहा कि इसे आगरावासी शिवभक्तों का सौभाग्य ही कहा जाएगा कि सूबे के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी स्वयं भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं, वह नाथ संप्रदाय से हैं जिसकी शुरुआत आदिनाथ शंकर ने की थी और योगी गोरक्षनाथ यानी गोरखनाथ इसे वर्तमान स्वरूप दिया था। योगीजी गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं। श्री विजय शिवहरे ने बताया कि योगीजी ने बड़ी तसल्ली से उनकी बात को सुना, और इस दिशा में कदम उठाने का भरोसा भी दिया। फिलहाल, विधायक श्री विजय शिवहरे का मानना है कि आगरा के इन छह प्राचीन शिवालयों का उपयुक्त संरक्षण और जीर्णोद्धार हुआ तो पर्यटन के आधुनिक मानचित्र पर आगरा की पुरानी धार्मिक पहचान मजबूती से उभरेगी।
आइये आगरा के इन शिवालयों और उनकी विशेषताओं से भी आपको अवगत कराते चलेंगेः-
कैलाश मंदिर
आगरा में सिकंदरा में यमुना किनारे स्थित कैलाशपति महादेव का दरबार दस हजार वर्ष से भी अधिक पुराना है। यहां एक साथ दो शिवलिंग मंदिर की महिमा को और भी बढ़ाते हैं। मान्यता है कि शिवलिंग भगवान परशुराम और उनके पिता ऋषि जमद्गिनी के द्वारा स्थापित किए गए थे। दोनों ने मंदिर में एक-एक शिवलिंग स्थापित किया। बहुत कम मंदिरों में दो शिव लिंग स्थापित हैं।
बल्केश्वर मंदिर
बल्केश्वर (कमलानगर) में यमुना किनारे स्थित ये शिव मंदिर आगरा के प्राचीन मंदिरों में से एक है। कहते हैं कि इस मंदिर का सही नाम बिल्वकेश्वर नाथ महादेव है, जो कि लगभग 700 साल पुराना है। मंदिर से जुड़ी कहानी कहती है कि यहां कभी बेल के वृक्ष हुआ करते थे। बल्केश्वर नाथ की उत्पत्ति भी बेल वृक्ष से हुई है। मान्यता है और जो भी यहां सच्चे मन से आता है. उसकी मुराद पूरी होती है।
पृथ्वी नाथ मंदिर
फ़तेहपुर सीकरी रोड स्थित पृथ्वी नाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर का जन्म पृथ्वी के गर्भ से हुआ है। मान्यता यह भी ह कि यहां भगवान शिव श्रीकृष्ण की लीला देखने भी आते थे। यहां रखी शिव प्रतिमा भी द्वापर युग की बताई जाती है।
राजेश्वर महादेव मंदिर
राजपुरचुंगी (शमशाबाद रोड) स्थित यह रहस्यमयी मंदिर लगभग 850 से 900 साल पुराना है। यहां चमत्कारी शिवलिंग स्थापित है, जो दिन में तीन बार अपना रंग बदल लेता है. सुबह की मंगला आरती पर सफेद, दोपहर को हल्का नीला और शाम की आरती के समय गुलाबी रंग को हो जाता है।
श्री मनकामेश्वर मंदिर
प्राचीन आगरा शहर के बीच स्थित इस मंदिर की भी काफ़ी मान्यता है। कहते हैं कि बालकृष्ण की मनोकामना पूरी करने के लिये भगवान शिव यहां आये थे और तभी से मंदिर मनकामेश्वर के रूप में जाना जाने जाने लगा। यह मंदिर आगरा के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र भी है।
रावली महादेव मंदिर
रावली महादेव मंदिर भी आगरा के प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों में गिना जाता है। अंग्रेज़ों ने मंदिर हटाकर यहां रेलवे लाइन बिछाने की कोशिश की थी. पर भगवान शिव की माया के चलते मंदिर हटाया न जा सका।

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