April 26, 2025
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

शिवहरे संत स्वामी अभिरामदासजी की कथा का सार ‘अंत भला तो सब भला’; वृंदावन में रामकथा का हवन-भंडारे के साथ समापन

वृंदावन (मथुरा)।
श्रीराम कथावाचक संत अभिरामदासजी महाराज (मूल पहचान श्री बाबूलाल शिवहरे, श्योपुर वाले) ने भगवान कृष्ण की भूमि वृंदावन में रामकथा कहने का अपना संकल्प अंततः पूर्ण कर लिया। बीते रोज रामनवमी को हवन और भंडारे के साथ नौ दिवसीय ‘रामकथा ज्ञान यज्ञ’ का समापन हुआ। रामकथा और हवन-भंडारे में कलवार समाज के संत स्वामी श्री हरिहरदासजी महाराज के साथ ही आगरा, जयपुर, अलवर, मंदसौर समेत कई शहरों से स्वजातीय बंधु भी शामिल हुए। 
बता दें कि वृंदावन में दावानल कुंड स्थित करह आश्रम में 2 से 10 अप्रैल के बीच संगीतमयी रामकथा का आयोजन स्वामी अभिरामदास ने कलवार समाज की ओर से किया था, उन्होंने  जिसके लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई नगरों में घूम-घूमकर स्वजातीय बंधुओं से आर्थिक सहयोग प्राप्त किया था। कहीं-कहीं उपेक्षा और परिहास भी झेलने पड़े। लेकिन, अंत भला तो सब भला। स्वामी अभिरामदास ने अपनी उपेक्षा और परिहास का जवाब वृंदावन में रामकथा के सफल आयोजन से दिया है। 

स्वामी अभिरामदास बीते जनवरी माह में वह चार दिन के आगरा भ्रमण पर थे, इस दौरान यहां शिवहरे समाजबंधुओं से मिले। अपवादस्वरूप एक-दो मामले छोड़ दें, तो आगरा के शिवहरेबंधुओं से उन्हें बहुत प्यार और सहयोग भी मिला। इसके अलावा मध्य प्रदेश के मंदसौर, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर समेत कई शहरों, राजस्थान में जयपुर, कोटा, अलवर आदि नगरों के समाजबंधुओं ने भी सहयोग प्रदान किया, जिसके लिए स्वामी अभिरामदाजी महाराज ने सभी का आभार व्यक्त किया है। 

बता दें कि 54 वर्षीय श्री बाबूलालजी शिवहरे मध्य प्रदेश के श्योपुर के रहने वाले हैं, गृहस्थ संत हैं। जन्म श्योपुर के गांव प्रेमसर में हुआ, पिता स्व. श्री मदनलाल शिवहरे किसान थे, माताजी श्रीमती परताबाई गृहणी थीं। गांव में ही संत श्री श्री 1008 संत शिरोमणि श्री जानकीदासजी महाराज का आश्रम था, जहां बचपन से जाते थे। 16 साल की आयु में कैलाशीबाई से विवाह हुआ। उनका परिवार अब श्योपुर में रहता है। उनके तीन पुत्र देवेश, गौरव कृष्ण, रवि शिवहरे और सबसे छोटी पुत्री भारती शिवहरे (15 वर्ष) हैं। देवेश विवाहित हैं और भाई गौरव के साथ मिलकर मोटर पार्ट्स की दुकान करते हैं। रवि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, जबकि बेटी हाईस्कूल में है।
बेटी के जन्म के बाद श्री बाबूलालजी का मन रामकथा और रामभक्ति में रम गया, और अपने गुरु संत शिरोमणि श्री जानकीदासजी महाराज के आदेश पर उन्होंने भगवा धारण कर लिया। गुरुजी ने ही अध्यात्म की दुनिया में उनका नामकरण ‘संत श्री अभिरामदासजी महाराज’ कर दिया। तब से वह श्री राम कथा का वाचन कर रहे हैं। वह चित्रकूट में दो बार रामकथा कह चुके हैं, जिसका आयोजन शिवहरे समाज द्वारा किया गया। इसके अलावा देशभर में कई अन्य जगहों पर असंख्य बार श्री रामकथा का वाचन कर चुके हैं। भजनों की संगीतमयी प्रस्तुति उनकी रामकथा का विशेषता है। कलवार समाज के संत के रूप में रामकथा मर्मज्ञ ‘संत श्री अभिरामदासजी महाराज’ की प्रतिष्ठा दिनोदिन बढ़ रही है, और वह जहां भी जाते हैं, स्थानीय समाज पूरे भक्तिभाव से उनका स्वागत करता है। 

 

    Leave feedback about this

    • Quality
    • Price
    • Service

    PROS

    +
    Add Field

    CONS

    +
    Add Field
    Choose Image
    Choose Video

    समाचार, साहित्य/सृजन

    सर्दियों में खस्ता गजक खाए जाओ…सीताराम शिवहरे के गुण

    समाचार, समाज

    … ताकि हिंदीभाषी कलचुरी भी पढ़ सकें श्री नारायण

    वुमन पॉवर, समाचार

    होली पर बिखरे नारी शक्ति के रंग; शिवहरे सशक्त

    शिक्षा/करियर, समाचार

    एमपीपीएससी-2022: विजयपुर के देवांशु शिवहरे पहले ही प्रयास में

    शिक्षा/करियर, समाचार

    छात्राओं ने कहा- थैंक्यू ‘प्रेपसर्ज’! पूर्व मिस इंडिया शिवांकिता

    वुमन पॉवर, समाचार

    हर आंख नम.. सीहोर में बेटियों ने पिता की

    समाचार, साहित्य/सृजन

    सर्दियों में खस्ता गजक खाए जाओ…सीताराम शिवहरे के गुण

    समाचार, समाज

    … ताकि हिंदीभाषी कलचुरी भी पढ़ सकें श्री नारायण

    वुमन पॉवर, समाचार

    होली पर बिखरे नारी शक्ति के रंग; शिवहरे सशक्त

    शिक्षा/करियर, समाचार

    एमपीपीएससी-2022: विजयपुर के देवांशु शिवहरे पहले ही प्रयास में