बांदा।
आज आपकी मुलाकात करवा रहे हैं कलचुरी समाज के सबसे पॉवरफुल कपल से। पॉवरफुल इसलिए, कि पति-पत्नी दोनों ही प्रशासनिक सेवा में उच्च पद पर तैनात हैं। यह बात दीगर है कि रूतबे ने उन्हें निजी जीवन में और विनम्र बना दिया है। बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के बांदा के मूल निवासी आईएएस अधिकारी जयप्रकाश शिवहरे जो गुजरात में सेवाएं दे रहे हैं, और उनकी पत्नी आईपीएस अर्चना शिवहरे की, जो वर्तमान में माओ प्रभावी उड़ीसा श्रेत्र में सीआरपीएफ की महानिरीक्षक (आईजीपी) हैं, उन्हें सीआरपीएफ की पहली महिला आईजीपी होने का गौरव भी प्राप्त हुआ है।
2002 बैच के आईएएस अधिकारी श्री जयप्रकाश शिवहरे वर्तमान में गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) हैं। बीती 17 जून को नई दिल्ली में केंद्र सरकार ने गुजरात को पवन ऊर्जा के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए विशेष पुरस्कार दिया, तब गुजरात की ओर से श्री जयप्रकाश शिवहरे ने ही केंद्रीय राज्य मंत्री राम नाइक के हाथों यह अवार्ड प्राप्त किया था। गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी जयप्रकाश शिवहरे ‘धौलेरा विशेष निवेश क्षेत्र’’ के सीईओ समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
जयप्रकाश शिवहरे का विवाह 2006 में गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी अर्चना से हुआ। अर्चना मूल रूप से जयपुर की रहने वाली हैं,वहीं शिक्षा-दीक्षा भी हुई और वर्ष 2002 में आईपीएस बनकर गुजरात आई थीं। गुजरात में वह कई जिलों में एसएसपी रहीं। हाल ही में उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति मिली थी, जहां उन्हें माओ-नक्सल प्रभावी उड़ीसा क्षेत्र में सीआरपीएफ की महानिरीक्षक के पद पर भेजा गया है। इस पॉवरफुल कपल की एक बेटी है पीहू शिवहरे, जो क्लैट क्वालीफाई कर लॉ की पढ़ाई कर रही हैं।
जयप्रकाश शिवहरे के बारे में खास बात यह है कि करियर में इतनी ऊंचाई और रूतबे के बाद भी बांदा से उनका वही पुराना जुड़ाव आज भी जारी है। वह अपने बड़े भाई श्री शिवविशाल शिवहरे से मिलने अक्सर बांदा आते हैं। वर्ष 1974 में बांदा के इचौली गांव में जन्मे जयप्रकाश शिवहरे महज 3 वर्ष के थे जब उनके पिता श्री बलदेव प्रसाद शिवहरे का निधन हो गया जो प्रतिष्ठित गल्ला कारोबारी थे। जयप्रकाश शिवहरे की शुरुआती शिक्षा गांव में ही हुई, फिर बांदा से हाईस्कूल और इंटरमीडियेट करने के बाद इलाहाबाद यूनीवर्सिटी से स्नातक किया, फिर दिल्ली यूनीवर्सिटी से एमए की पढ़ाई के साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी भी शुरू कर दी। और, 2002 में उनका चयन आईएएस में हुआ।
श्री जयप्रकाश शिवहरे के दूसरे नंबर के भाई श्री ओमप्रकाश शिवहरे सिंचाई विभाग में एसई के पद पर हैं और लखनऊ में पोस्टेड हैं। तीसरे नंबर के भाई श्री रामप्रकाश शिवहरे इंजीनियर हैं, और 2001 से अमेरिका मं0 रह रहे हैं। जयप्रकाश शिवहरे भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनके सबसे बड़े भाई श्री शिवविशाल शिवहरे अपनी धर्मपत्नी श्रीमती मधु शिवहरे, पुत्र श्री अनूप कुमार और पुत्रवधु श्रीमती रुचि के साथ बांदा में रेलवे रोड स्थित घर में रहते हैं। बांदा में उनकी दाल मिल के साथ ही पड़ोसी महोबा जिले में स्टोन क्रशर भी है। श्री शिवविशाल शिवहरे वर्तमान में शिवहरे समाज, बांदा के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं। चित्रकूट में शिवहरे धर्मशाला के ट्रस्टी भी हैं और यहां अपने स्वर्गवासी पिता की स्मृति में एक कमरे का निर्माण भी कराया है। सामाजिक कार्यों में उनकी अग्रणी भूमिका रहती है।
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