November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
शिक्षा/करियर समाचार

आम महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं जेठानी-देवरानी की यह जोड़ी; महिला उद्यमिता के लिए SMT की शिखा और निहारिका जायसवाल को ‘एमएसएमई अवार्ड’

इंदौर। 
दुनियाभर के 40 देशों में अपनी मशीनों व उपकरणों का निर्यात करने वाली प्रतिष्ठित कंपनी ‘साईं मशीन टूल्स प्राइवेट लिमिटेड’ (SMT) की निदेशकद्वय श्रीमती शिखा विशाल जायसवाल एवं श्रीमती निहारिका अजय जायसवाल को महिला उद्यमिता के लिए मध्य प्रदेश का प्रतिष्ठित ‘राज्य स्तरीय एमएसएमई पुरस्कार, 2020-21’ प्रदान किया है। राजधानी भोपाल के होटल आमेर ग्रीन में हुए एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें पुरस्कार स्वरूप 25 हजार रुपये की धनराशि का चेक दिया। 
बता दें कि श्रीमती शिखा जायसवाल और श्रीमती निहारिका जायसवाल, अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक जायसवाल की पुत्रवधुएं हैं। श्री अशोक जायसवाल ने वर्ष 1985 में छोटे स्तर पर यह कंपनी शुरू की थी जो निरंतर प्रगति करती हुई आज 115 करोड़ के टर्नओवर पर पहुंच चुकी है, और 40 देशों को अपने उत्पाद निर्यात कर रही है। कंपनी को इस बुलंदी पर पहुंचाने में इन ‘जेठानी-देवरानी’ की भी अहम भूमिका रही है जो बीते आठ वर्षो से बेक ऑफिस मैनेजमेंट व मार्केट सर्च और रिसर्च विंग्स को संभाल रही हैं।
श्रीमती शिखा जायसवाल और श्रीमती निहारिका जायसवाल आज जिस कुशलता और आत्मविश्वास के साथ कंपनी में अपनी जिम्मेदारियों को संभाल रही हैं, उसे देखकर शायद ही कोई यकीन कर पाए कि प्रतिष्ठित जायसवाल परिवार की ये दोनों बहुंए शादी के वक्त साधारण शिक्षित घरेलू महिलाएं थीं। लेकिन, कहते हैं कि महिलाएं यदि ठान लें तो क्या नहीं कर सकतीं! श्वसुर श्री अशोक जायसवाल की प्रेरणा से उन्होंने शादी के बाद आगे की पढ़ाई की और फिर घर की जिम्मेदारियों को संभालते हुए धीरे-धीरे कंपनी के कामकाज में भी हाथ बंटाना शुरू कर दिया। आज यहां तक पहुंच गईं है कि महिला उद्यमिता के लिए मध्य प्रदेश के प्रतिष्ठित एमएसएमई अवार्ड की हकदार बन गईं।
शिखा जायसवाल का विवाह 2002 में एसएमटी के डायरेक्टर विशाल जायसवाल के साथ हुआ थी, उस वक्त श्रीमती शिखा साधारण कॉमर्स ग्रेजुएट (बीकॉम) थीं। जबकि, निहारिका 2005 में एसएमटी के डायरेक्टर अजय जायसवाल से विवाह के समय प्रबंधन ग्रेजुएट (बीबीए) कर चुकी थीं। श्वसुर श्री अशोक जायसवाल ने शादी के बाद दोनों बहुओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया। श्रीमती शिखा जायसवाल ने 2008 में अंग्रेजी साहित्य के मास्टर्स (एमए) किया। वहीं श्रीमती निहारिका ने इंदौर की वैष्णव मैनेजमेंट एकेडमी से रेगुलर स्टूडेंट के रूप में एमबीए की डिग्री हासिल की। इस दौरान दोनों बहुएं घर में ही श्वसुर और पतियों से अपनी कंपनी व इसके कामकाज के बारे में जानकारियां लेती रहीं। दोनों बहुओं की रुचि को देखते हुए श्री अशोक शिवहरे ने उन्हें कंपनी में जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया और वर्ष 2015 में उन्हें डायरेक्टर के पद पर आसीन कर कंपनी के संचालन से जोड़ दिया। सुबह घर के कामकाज कर दोपहर से शाम तक कंपनी के ऑफिस में कामकाज संभालना जेठानी-देवरानी की दिनचर्या बन गई। पहले-पहल बेक ऑफिस के प्राथमिक कामकाज देखे और धीरे-धीरे कंपनी में आने वाले इंक्वायरीज के ईमेल का विश्लेषण करना और संतोषजनक जवाब भिजवाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल ली। साथ ही साथ, मार्केट सर्च और रिसर्च में भी महारत हासिल कर ली। शिखा जायसवाल चूंकि एमबीए (फाइनेंस) थीं, लिहाजा उन्होंने कंपनी के फाइनेंशियल मैनेजमेंट में भीं पति के कंधे से कंधा मिलाकर काम करना शुरू कर दिया। आज स्थिति यह है कि दोनों महिलाएं कंपनी की हर एक्टिविटी में भाग लेती हैं और यहां तक कि उनके पति कंपनी के कामकाज से आए-दिन लंबी विदेश यात्राओं पर जाते हैं तो जेठानी-देवरानी स्वतंत्र रूप से कंपनी का पूरा कामकाज संभालती हैं। उनके आने के बाद से कंपनी ने तेजी से प्रगति की है और वर्ष 2022-23 में 115 करोड़ के सालाना टर्नओवर को पार कर लिया है। अब इनका लक्ष्य कंपनी को जल्द ही 150 करोड़ के टर्नओवर तक पहुंचाने का है। एसएमटी वर्तमान में एचडीपीई पाइप प्लांट एवं ड्रिप इरिगेशन पाइप बनाने की मशीन व पीवीसी पाइप बनाने मशीनों के साथ उपकरणों का निर्माण भी करती है। 
बीते दिनों भोपाल में हौशंगाबाद रोड पर स्थित होटल आमेर पैलैस में मध्य प्रदेश शासन की ओर से आयोजिक एमएसएमई समिट में श्रीमती शिखा जायसवाल और श्रीमती निहारिका जायसवाल को महिला उद्यमिता की विशिष्ट श्रेणी में प्रथम पुरस्कार दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रदेश के एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री नरहरि पटेल और भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय ने उन्हें पुरस्कार के तौर पर 25000 रुपये का चेक प्रदान किया। वैसे, कंपनी को पहले भी अपनी शानदार उपलब्धियों के लिए कई मंचों पर और भी बड़े पुरस्कारो से स्मानित किया जा चुका है। कंपनी के चेयरमैन श्री अशोक जायसवाल को 2009 में मध्य प्रदेश के ‘बेस्ट इन टर्मिनल’ पुरस्कार दिया गया था। भारत की पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने भी श्री अशोक जायसवाल को उद्यमिता के लिए ‘राष्ट्रपति पुरस्कार’ दिया था। 
श्री अशोक जायसवाल ने शिवहरेवाणी से बातचीत में बहुओं की उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें अपनी बेटी समान बहुओं पर गर्व है। यह उनके श्रम, लग्न और समर्पण का सम्मान है। उन्होंने कहा कि वह समाज के सभी मंचों से स्वजातीय युवाओं से उद्यमिता के क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करते हैं और इसके लिए उनका हरसंभव सहयोग करने को भी तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसे तमाम परिवार जो पतियों की आय पर निर्भर हैं, आज के दौर की हकीकत यह कि एक कमाई से परिवार चला पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में घरेलू महिलाओं को भी उद्यमिता के बारे में सोचना चाहिए, इच्छाशक्ति हो तो कई रास्ते मिल सकते हैं। वहीं श्रीमती शिखा जायसवाल और श्रीमती निहारिका जायसवाल ने शिवहरेवाणी से कहा कि उन्हें पहले कंपनी के काम किसी पहेली जैसे लगते थे, लेकिन जैसे-जैसे हाथ बंटाना शुरू किया, चीजें आसान होती गईं। उनका कहना है कि आम महिलाएं भी एक रास्ता चुन लें तो कड़ी मेहनत और लगन से अपनी और अपने परिवार की स्थिति को बदल सकती हैं। उनके लिए सबसे बड़ा ‘गुडलक’ यह रहा कि श्री अशोक जायसवालजी जैसी प्रेरक शख्सियत श्वसुर हैं जिन्होंने हमें अपनी बेटी की तरह हर कदम पर हौसला दिया।
 

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video