शिवहरे वाणी नेटवर्क
नई दिल्ली।
शारदीय नवरात्रि के उपलक्ष्य में समाज की महिला शक्ति को समर्पित शिवहरेवाणी की सीरीज ‘आज की दुर्गा’ की दूसरी कड़ी में आपको मिलवाते हैं चंडीगढ़ की हिना जायसवाल से जिन्होंने भारतीय वायुसेना की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर होने का गौरव हासिल किया है। आज भारतीय वायुसेना दिवस के उपलक्ष्य में उनका उल्लेख और खास हो जाता है।
चंडीगढ़ निवासी श्री डीके जायसवाल और श्रीमती अनीता जायसवाल की पुत्री हिना की स्कूलिंग अपने शहर में ही हुई और यहीं पंजाब यूनिवर्सिटी से उन्होंने इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। बीटेक करने के बाद हिना जायसवाल वायुसेना की इंजीनियरिंग शाखा में पांच जनवरी 2015 को सैनिक के रूप में भर्ती हुईं थीं। उन्होंने फ्रंटलाइन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दस्ते में फायरिंग टीम की प्रमुख और बैटरी कमांडर के तौर पर काम किया।
2018 में भारतीय वायुसेना में फ्लाइट इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी गई। फ्लाइट इंजीनियर का काम उड़ान के दौरान एयरक्राफ्ट की जटिल प्रणाली की निगरानी और संचालन करना होता है। इसके लिए विशेष योग्यताओं और ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है। हिना जायसवाल ने वायुसेना ने फ्लाइट इंजीनियर के छह महीने के पाठ्यक्रम के लिए एप्लाई किया और सलेक्शन भी हो गया। बेंगलुरू में येलाहांका एयरबेस की 112वीं हेलीकॉप्टर यूनिट में फ्लाइट लेफ्टिनेंट की छह महीने के पाठ्यक्रम के दौरान हिना ने अपने पुरुष प्रतिद्वंद्वियों के साथ प्रशिक्षण लेते हुए अपनी प्रतिबद्धता, समर्पण और दृढ़ता का प्रदर्शन किया।
हिना का कहना है कि पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनने की उनकी उपलब्धि सपना पूरा होने जैसी है क्योंकि वह बचपन से ही सैनिकों की वेषभूषा पहनने और पायलट के तौर पर उड़ान भरना चाहती थीं। हिना के पिता डीके जायसवाल ने बताया कि उनकी बेटी भारतीय वायुसेना में फ्लाइट इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में एप्लाई करने वाली पहली महिला अधिकारी थी। हमारा पूरा परिवार इस निर्णय में उसके साथ था। डीके जायसवाल डिफेंस एकाउंट्स के प्रमुख नियंत्रक कार्यालय से वरिष्ठ ऑडीटर के पद से 2018 में रिटायर हुए थे। उनका परिवार 1980 से चंडीगढ़ में रह रहा है। हिना की मां अनीता जायसवाल गृहणी हैं और बेटी की उपलब्धि पर उन्हें नाज है।
Leave feedback about this