November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

अस्थिरोग विशेषज्ञ डा. डीवी शर्मा के पिताजी श्री विद्याराम शर्मा की श्रद्धांजलि सभा11 अक्टूबर को सायं 4 से 5 बजे

आगरा।
प्रख्यात अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. डीवी शर्मा के पिताजी श्री विद्याराम शर्मा नहीं रहे। ‘यम’ और ‘नियम’ के पक्के 99 वर्षीय श्री विद्याराम शर्मा आगरा के मोती कटरा स्थित ‘ऐतिहासिक’ डीएवी इंटर कालेज के प्राचार्य पद से रिटायर हुए थे। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। रविवार दिनांक 8.10.2023 की रात्रि को उनका देहावसान हो गया। उनकी श्रद्धांजलि सभा लोहामंडी स्थित अग्रसेन सेवा सदन में बुधवार, दिनांक 11.10.2023 को सायं 4 से 5 बजे होगी। 

श्रीमती गीता शरद शिवहरे (सदर, आगरा) की ओर से शब्दांजलि
श्री विद्याराम शर्मा आगरा के प्रमुख आर्यसमाजी थे और आचार्य श्रीराम शर्मा के शिष्य थे। श्रीराम शर्मा शांतिकुंज के मिशन को समर्पित शर्माजी ने एक आदर्श शिक्षक का जीवन जिया। अनुशासन को लेकर वह हमेशा कठोर रहे, कॉलेज-घर-समाज हर कहीं। ‘निज पर शासन, फिर अनुशासन’ की वह जीती-जागती मिसाल थे। विनम्रता, सादगी, संवेदनशीलता से विभूषित उनका विराट व्यक्तित्व लोगों को प्रेरित करता था। अपने दौर में उन्होने डीएवी कालेज में आदर्शवादी छात्रों की ऐसी फौज तैयार की जिन्होंने आगे चलकर अपने-अपने क्षेत्रों में बहुत नाम कमाया। 
श्री विद्याराम शर्मा एक  संपन्न परिवार में जन्मे थे। गांव में अच्छी खेती-बाड़ी और व्यवसाय था।  पिताजी चाहते थे कि वह अपना पैतृक व्यवसाय को संभालें। लेकिन श्री विद्याराम शर्मा ने शिक्षा का रास्ता चुना। वह परिवार के पहले स्नातक थे ।  स्नातक के बाद परिवार की इच्छा के खिलाफ जाकर वह  शिक्षक बने और समाज में शिक्षा की अलख जगाने में बड़ा योगदान किया। अपने बच्चों को भी उन्होंने शिक्षा और सेवा के संस्कार दिए। आज उनके भरे-पूरे परिवार में 13 चिकित्सक हैं। उनके बड़े पुत्र डा. डीवी शर्मा की पहचान ऐसे सेवाभावी चिकित्सक की है जो अपने हर मरीज को सर्वश्रेष्ठ उपचार देने का प्रयास करता है मगर अपनी वाजिब फीस मांगने में भी झिझकता है।  आर्थिक रूप से कमजोर अनगिन मरीजों से फीस नहीं ली, उनसे भावनात्मक रिश्ते जोड़े और उन्हें जीने का हौसला दिया। ऐसे तमाम लोगों को मैं जानती हूं, और बिला-शक मानती हूं कि डा. डीवी  शर्मा  के अंदर अपने चिकित्सा पेशे के प्रति यह निष्ठा और ईमानदारी  निश्चित ही उनके  पूज्य पिताजी द्वारा की गई उनकी परवरिश का असर है। उनके छोटे पुत्र सत्यवीर  शर्मा भी मेडिसन के बिजनेस में बड़ा नाम हैं।
श्री विद्याराम शर्मा मेरे लिए पितातुल्य थे।  इतनी आयु में भी निराला, मैथलीशरण गुप्त, दिनकर जैसे महान कवियों की अनगिन रचनाएं उन्हें कंठस्थ थीं जिन्हें  वह अक्सर लोगों को सुनाते थे। कला और साहित्य में उनका रुझान, जीवन के प्रति उनका उत्साह,  उनकी आवाज की खनक, चेहरे का तेज  और आंखों की चमक उनकी 99 साल की आयु पर पर्दा डाल देते थे … उन्हें और जीना चाहिए था। उनकी पावन स्मृतियों को नमन करती हूं।

शोकाकुल परिवारः-
ओमवती (धर्मपत्नी)
डा. डी.वी.शर्मा-डा. कमलेश शर्मा, सत्यवीर शर्मा-सीमा शर्मा (पुत्र-पुत्रवधु)
कुसुम शर्मा (पुत्री), डा. गिरजेश-अरुण उपाध्याय, मीना योगेंद्र तिवारी (पुत्री-दामाद)
डा. देवाशीष ‘स्पाइनल सर्जन’-शिवांगी शर्मा, डा. डीपी शर्मा ‘ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट’-डा. राशि ‘आई सर्जन’, देवांश शर्मा-देवांशी शर्मा, डॉ. अमित-डॉ. अंजना, डॉ. पीयूष-डॉ सोनिया, डॉ. राहुल-रश्मि शर्मा, गौरव-सौम्या शर्मा, कृष्णा-वर्तिका (पौत्र-पौत्रवधु)
डा. तोषी शर्मा ‘कार्डियोलॉजिस्ट, अमेरिका’-डा. संतोष स्वामीनाथन ‘रोबोटिक सर्जन, अमेरिका’ (पौत्री-दामाद), डॉ. प्रियंका शर्मा ‘फिजीशियन, लंदन’, पूनम शर्मा (पौत्री)
अंकित शर्मा (पौत्र) 
बोन हॉस्पिटल, प्रतापपुरा, आगरा
माइवे, आगरा।
 

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video