फिरोजाबाद।
टूंडला की शिवि गुप्ता (शिवहरे) ने ‘कानपुर डिस्ट्रिक्ट पॉवर-लिफ्टिंग एंड ओपन बेंचप्रेस चैंपियनशिप 2023’ में शानदार प्रदर्शन कर दो सिल्वर मैडल अपने नाम किए हैं। खास बात यह है कि शिवि गुप्ता ने महज 4 महीने पहले ही वेटलिफ्टिंग शुरू की थी और यह उसके करियर की किसी भी लेवल की पहली स्पर्धा थी। इस सफलता के साथ ही शिवि गुप्ता ने 18 अगस्त को होने वाले स्टेट लेवल पॉवरलिफ्टिंग कंप्टीशन में भाग लेने की योग्यता भी प्राप्त कर ली है जिसे लेकर वह बहुत उत्साहित है।
शिवि ने बीते रविवार को कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज यूनीवर्सिटी में हुए कंप्टीशन में शिवि गुप्ता ने पॉवर-लिफ्टिंग और बेंचप्रेस स्पर्धा में कुल 180 किलो का वजन उठाकर अपने कोच सचिन शर्मा और राहुल शर्मा को भी हतप्रभ कर दिया। कोच सचिन शर्मा का कहना है कि उन्हें शिवि से ऐसी ही कामयाबी की उम्मीद थी। जिम में वह स्क्वॉट में 120 किलो, डेडलिफ्ट में 120 किलो और बेंचप्रेस में 45 किलो तक का वजन उठा चुकी थी। शिवि वैसे तो धौलपुर के बाड़ी कसबे की रहने वाली है, लेकिन कुछ समय से टूंडला में नटराजपुरम स्थित अपने ननिहाल में रहती है। यहां उसके तीनों मामाओं संजय गुप्ता, पवन गुप्ता और पंकज गुप्ता (डेयरी वाले) ने उसकी शारीरिक शक्ति और वजन उठाने की नैसर्गिक क्षमता को देख वेटलिफ्टिंग ट्राई करने के लिए प्रेरित किया था, और उन्ही के जरिये वह टूंडला के वेटलिफ्टिंग ट्रेनर सचिन शर्मा और राहुल शर्मा से मिली, और उनकी ‘फिजिक मैकेनिक्स’ जिम ज्वाइन की। महज चार महीने की कड़ी मेहनत और ट्रेनिंग ने उसे कुशल वेटलिफ्टर बना दिया।
शिवि गुप्ता ने शिवहरेवाणी से बातचीत में कहा कि बीत चार महीने उसने बड़ी लगन और मेहनत से तैयारी की, जो पहले ही कंप्टीशन में रंग लेकर आई। 18 अगस्त से होने वाले स्टेट कंप्टीशन में वह और बेहतर प्रदर्शन का प्रयास करेगी। शिवि स्नातक की पढ़ाई कर रही है लेकिन अभी उसका पूरा फोकस वेटलिफ्टिंग में ही है। शिवि के मुताबिक, वह वेटलिफ्टिंग में ही अपनी करियर बनाना चाहती है। शिवि के पापा-मम्मी भवानी शंकर शिवहरे और कुमकुम शिवहरे धौलपुर के बाड़ी में ही रहते हैं। शिवि की पांच बहनें और दो भाई हैं। शिवि की दो बड़ी बहनें हैं जो सरकारी टीचर हैं। तीन छोटी बहनें और दो भाई अभी पढ़ाई कर रहे हैं।
शिवि का कहना है कि वेटलिफ्टिंग जैसे गेम्स में कड़ी मेहनत के साथ अनुशासित जीवनशैली बहुत मायने रखती है। जिम में घंटों तक प्रेक्टिस के साथ ही प्रॉपर डाइट भी लेना बहुत जरूरी होती है। परिवार के सहयोग और प्रोत्साहन के बिना यह संभव नहीं है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने दोनों गुरुओं सचिन शर्मा और राहुल शर्मा के साथ ही परिवारीजनों को देती हैं।
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