नरकटियागंज (पश्चिमी चंपारण)।
कहते हैं कि बेटियां बूढ़े होते पिता का सबसे विश्वसनीय सहारा होती हैं। यह सिर्फ कहने भर की बात नहीं है, बल्कि हमारे आसपास के समाज में यह बार-बार साबित होता है। बिहार में पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। कपड़ा व्यापारी प्रमोद जायसवाल के निधन के बाद पुत्री ने उनकी अर्थी को कंधा दिया और चिता को मुखाग्नि दी, जबकि उनके तीन बेटों में से कोई भी उनके अंतिम संस्कार में पहुंचा तक नहीं।
नरकटियागंज के प्रकाशनगर में रहने वाले कपड़ा व्यापारी प्रमोद जायसवाल काफी समय से बीमार थे लेकिन कुछ दिन से हालत ज्यादा गंभीर थी। इसकी खबर मिलते ही उनकी बेटी रचना जायसवाल बीती 29 दिसंबर को दिल्ली से आकर पिता की सेवा में जुट गई। मंगंलवार को प्रमोद जायसवाल का निधन हो गया। रचना चंद लोगों के साथ पिता की अर्थी को कंधा देते हुए श्मशानघाट के लिए निकली तो लोग अवाक रह गए। आमतौर पर हिंदू रीति रिवाज बेटियों और महिलाओं को श्मशान में जाने की इजाजत नहीं देते। मान्यता यह भी है कि बेटा न होने पर भी बेटियां पिता की अर्थी को कंधा या मुखाग्नि नहीं दे सकती। लेकिन इस दकियानूसी सोच की परवाह किए बिना रचना ने पिता की अर्थी को न केवल कंधा दिया, बल्कि अंतिम संस्कार की वे सभी प्रक्रिया कीं जो एक बेटा करता है और फिर चिता को मुखाग्नि भी दी।
जानकारी के मुताबिक, प्रमोद जायसवाल ने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी कुंडिलपुर स्थित उनके पैतृक स्थान पर रहती है। उससे उनके दो बेटे हैं। दोनों बेटे दिल्ली में रहते हैं। दूसरी शादी के बाद से प्रमोद जायसवाल दूसरी पत्नी के साथ प्रकाशनगर में रहते थे। दूसरी पत्नी से उनकी एक बेटी रचना और एक बेटा मुकेश जायसवाल है। प्रमोद जायसवाल ने रचना की शादी दिल्ली में की, और बाद में बेटा मुकेश भी दिल्ली शिफ्ट हो गया। इस तरह प्रमोद जायसवाल के तीन बेटे हैं। लेकिन उनके अंतिम संस्कार में कोई बेटा नहीं था। सूत्रों ने इसके पीछे प्रॉपर्टी का विवाद बताया है।
फिलहाल, रचना ने पिता के अंतिम संस्कार की सभी क्रियायें कीं, लेकिन चिता को मुखाग्नि देते समय बेहद भावुक हो गई। उसने रोते हुए कहा कि उसने हिंदू रीति-रिवाज के अनुरूप अंतिम संस्कार की वे सारी क्रियायें कीं जिसे बेटे करते हैं। वह कहती हैं कि घर के अन्य सदस्यों को पिता की प्रॉपर्टी से मतलब है लेकिन मुझे अपने पिता से बेपनाह प्यार है। उसने कहा कि वह पिता के श्राद्ध की सारी रस्मों को भी निभाएंगी।
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