November 21, 2024
शिवहरे वाणी, D-30, न्यू आगरा, आगरा-282005 [भारत]
समाचार

जयपुर में क्यों गूंजा ‘महेश्वर चलो’ का संदेश; ‘दो-फाड़’ सर्ववर्गीय महासभा को एकजुट करने की पहल; अशोक जायसवाल बोले-जरूरत हुई तो पद छोड़ने को तैयार

जयपुर।
अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा (सत्र 2020-23) की प्रथम कार्यकारिणी बैठक ‘महेश्वर चलो’ के संदेश के साथ संपन्न हुई। रविवार को जयपुर में केसर चौराहा स्थित वृंदावन रिसॉर्ट में हुई बैठक में आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक उत्थान के बिंदुओं पर विमर्श के दौरान मध्य प्रदेश की प्राचीन ‘महेश्वर नगरी’ स्थित श्री सहस्रबाहु अर्जुन मंदिर को तीर्थ स्थल घोषित करने की बात उठी, तो इस पर तय किया गया कि मध्य प्रदेश सरकार से इसकी पुरजोर मांग की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर ‘महेश्वर चलो’ का नारे के साथ देशभर से कलचुरी समाज महेश्वर की कूच करेगा।
बैठक में एक बड़ी बात यह भी रही कि 2012 में दो-फाड़ हुए संगठन को एक बार फिर एकजुट करने के दिशा में गंभीर इच्छाशक्ति व्यक्त की गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक जायसवाल ने तो यहां तक कह दिया कि यदि इसके लिए जरूरत हुई तो वह अपना पद छोड़ने को भी तैयार हैं। उनकी इस घोषणा का सदन ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। अशोक जायसवाल ने अपने संबोधन में उन तमाम कार्यों का विस्तार से उल्लेख किया जो उनके नेतृत्व में संगठन द्वारा किए गए। उन्होंने कोरोना काल में संगठन के युवा पदाधिकारियों द्वारा देशभऱ में किए गए सेवाकार्यों की सराहना करते हुए उज्जैन में कोरोना से दिवंगत हुए स्वजातीय-जन का सामूहिक पिंडदान कार्यक्रम का विशेष उल्लेख किया। 
उद्योग स्थापित करें युवा
अशोक जायसवाल ने अपने संबोधन में स्वजातीय युवाओं से नए-नए उद्योग लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समाज के शिक्षित युवा विभिन्न क्षेत्रों में खूब नाम कमा रहे हैं, वे आईएएस हो रहे हैं, इंजीनियरिंग और मेडिकल समेत विभिन्न क्षेत्रो में शीर्ष पर पहुंच रहे हैं लेकिन 8 करोड़ की आबादी वाला समाज उद्योगों के लिहाज से बहुत पिछड़ा है। समाज का समग्र विकास तभी हो सकता है जब समाज के युवा उद्योग लगाने पर भी ध्यान दें। 
बेटियों की शिक्षा जरूरी मगर घर की ट्रेनिंग भी दें
अशोक जायसवाल ने अपने संबोधन में बेटियों को शिक्षा के साथ घर के कामों की ट्रेनिंग देने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि वह बेटियों की शिक्षा के प्रबल समर्थक हैं लेकिन यह भी मानते हं कि बेटियो को घर संभालना भी आना चाहिए। जरूरी नहीं कि वे खाना बनाएं लेकिन उन्हें खाना बनाना आना चाहिए। उन्होंने अपनी एमबीबीएस, एम बेटी बेटी डा. पूनम का रोचक जिक्र किया जिसने अपने हॉस्टल में रहने के दौरान साथी लड़कियों को खाना बनाने की ट्रेनिंग दी थी। 
सहस्रबाहु जयंती पर माता-पिता का पूजन करें
अध्यक्ष अशोक जायसवाल ने देशभऱ के स्वजातीय बंधुओं से आह्वान किया कि इस बार राजराजेश्वर भगवान सहस्रबाहु जयंती के अवसर पर अपने वृद्ध माता-पिता का पूजन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वजातीय बंधु अपने वृद्ध माता-पिता को नए कपड़े पहनाएं और आसन पर विराजमान कर उनका भी पूजन करें। सदन में उपस्थित समाजबंधुओं ने करतल ध्वनि से उनके प्रस्ताव का स्वागत किया।
इससे पूर्व महासभा के ध्वजारोहण एवं भगवान सहस्त्रबाहु की पूजा अर्चना के साथ कार्यकारिणी की बैठक का शुभारंभ हुआ। राजस्थान के अध्यक्ष कन्हैयालाल पारेता ने स्वागत उद्बोधन दिया। गुजरात के अहमदाबाद से आए युवा समाजसेवी अनिल जायसवाल एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुषमा जायसवाल ने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जायसवाल (ग्वालियर) एवं गगन जायसवाल (कोलकाता) के साथ सभी मंचासीन अतिथियों और सदन में मौजूद समाजबंधुओं का मोतियों की माला से स्वागत किया। अध्यक्ष अशोक जायसवाल, महासचिव अटल कुमार गुप्ता, राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष श्रीमती अनुपमा जायसवाल एवं राष्ट्रीय महिला महासचिव श्रीमती माया सुवालका का मोतियों के पटके और दुशाला पहनाकर विशेष सम्मान किया गया।
मंच से राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय जायसवाल (दिल्ली) ने महासभा के सत्र 2020-2023 की आय-व्यय का ब्योरा प्रस्तुत किया। महाराष्ट्र के अध्यक्ष पापा मोदी ने कार्यकारिणी बैठक के तौर-तरीके को लेकर बड़े प्रासंगिक प्रश्न उठाए जिसे सदन से समर्थन प्राप्त हुआ, जिसके बाद अध्यक्ष अशोक जायसवाल ने भविष्य में इन बिंदुओं को ध्यान रखने का आश्वासन दिया। महाराष्ट्र के महासचिव त्रिलोकीनाथ जायसवाल ने उनकी इकाई द्वारा कराए गए कार्यों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। बिहार का प्रतिवेदन प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रस्तुत किया। युवा अध्यक्ष शैलेंद्र जायसवाल ने दिल्ली का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, वहीं राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय कुमार जायसवाल (लखनऊ) ने यूपी का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मध्य प्रदेश अध्यक्ष सुभाष जायसवाल ने उनकी इकाई द्वारा प्रदेश में किए गए सेवा कार्यों का जिक्र किया। पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष विकास कुमार ने भी प्रांतीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। 
उदयपुर से आए कांग्रेस विधायक प्रकाश चौधरी ने अपने संबोधन में महासभा के नेतृत्व से मुखातिब होते हुए कहा कि ऐसे लोगों को संगठन का स्टेट प्रभारी बनाएं जो हरवक्त समाज के लिए सक्रिय रहे और ब्लॉक लेवल पर जाकर काम करे और आम लोगों को अपने संगठन से जोड़े। उत्तर प्रदेश की पूर्व मंत्री, बहराइच से भाजपा विधायक एवं महासभा की महिला अध्यक्ष श्रीमती अनुपमा जायसवाल ने अपने संबोधन में इस तरह के आयोजनों के महत्व को समझाते हुए आह्वान किया कि महासभा एक सदस्यता अभियान चलाकर गरीब वर्ग स्वजातीय बंधुओं को अधिक से अधिक संख्या में जोड़े।
समाज के प्रतिष्ठित समाजसेवी भरत जायसवाल (इंदौर), अजय कुमार जायसवाल (लखनऊ), कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वरचंद्र साव (महाराष्ट्र), शिवकुमार जायसवाल (कानपुर), दीपक जायसवाल (नागपुर), ओमप्रकाश जायसवाल (लखनऊ), सुरेंद्रपाल सिंह अहलुवालिया (चंडीगढ़), सुखचैन वालिया (शामली), पापा मोदी (महाराष्ट्र), जज वीना वर्मा (कोटा), टीएन खुबेले, विपिन जायसवाल, शैलेंद्र जायसवाल (दिल्ली), शिवचरण हांडा (जयपुर), राजाराम शिवहरे (भोपाल), कपिल जायसवाल (रायबरेली), रामबाबू जायसवाल, कृष्णलाल गुप्ता, राजीव जायसवाल (नोएडा), रविबाबू जायसवाल, जयेश जायसवाल (गुजरात), कन्हैयालाल पारेता, सुभाष जायसवाल (इंदौर), उत्तम चौधरी (जयपुर), साईंनाथ जायसवाल (हैदराबाद), माया सुवालका, मीनाक्षी जायसवाल, शम्भू जायसवाल, सर्वेश जायसवाल (लखनऊ), संजय जायसवाल (बिहार), राजा चौधरी, राकेश जायसवाल, नरेश जायसवाल, गोपाल जायसवाल, उमाशंकर जायसवाल, `बंदीप्रसाद जायसवाल, सत्यनारायण चौधरी, राजू चौधरी (भूटान), विकास जायसवाल (कोलकाता), राजेश जायसवाल, नरेंद्र भास्कर आदि प्रतिष्ठित समाजबंधुओं की उपस्थिति ने मंच को गरिमा प्रदान की। 
ये भी रहे उपस्थितः-
पवन नयन जायसवाल (अमरावती), धर्मेंद्रराज शिवहरे (आगरा), कृष्णकांत जायसवाल (मुंबई),  शैलेष जायसवाल, मंटू बाबू जायसवाल (देवरिया), शिवनारायण वर्मा (कोटा), रेनू जायसवाल, राजकुमार जायसवाल, फतेहचंद गुप्ता, नीरज जायसवाल, शिवांगी जायसवाल, सचिदानंद जायसवाल, रश्मि जायसवाल, नंदकिशोर जायसवाल, अशोक कुमार जायसवाल, रेखा जायसवाल, दिलीप कुमार, दिलीप जायसवाल, हजारीलाल जायसवाल. हरिओम मेवाड़ा, घनश्याम नागर, हरिशंकर माहुर, अशोक कुमार गुप्ता, बीना जायसवाल. सुशीला जायसवाल., इंजीनियर जगमोहन लाल जायसवाल, मिथलेश जायसवाल, विश्वनाथ चौधरी, शैलेंद्र कुमार चौधरी, मेवाड़ा कमलेश सिसोदिया, अजय जायसवाल, समीर जायसवाल, महेश जायसवाल, नेकलाल जायसवाल, शिवप्रताप जायसवाल, पुष्पेश जायसवाल, अमिल जायसवाल, दीनानाथ जायसवाल, राजकुमार गुप्ता, गिरजा जायसवाल, रसिकलाल गुप्ता, श्रीप्रकाश गुप्ता, गिरजाशंकर राय, बीएस जायसवाल, गणेश कुमार जायसवाल, कुसुम सुहालका, मंजू पुर्बिया, पूर्णिमा खुबेले, सुरेशचंद्र बड़वानिया, शोभना बड़वानिया, मंजू जायसवाल, राजेंद्र जायसवाल, कपिल जायसवाल, व्योम जायसवाल, सुनीता जायसवाल, वीणा जायसवाल, उत्तरादेवी जायसवाल, पूजा जायसवाल, प्रभुचरण जायसवाल, श्यामलाल जायसवाल, सुभाषविद्याधर जायसवाल, तरुण जायसवाल, मनोज जायसवाल, राकेश रंजन जायसवाल, गोविंद नारायण जायसवाल, राकेश सेठी, ओपी जायसवाल, महेश जायसवाल, सर्वेशकुमार जायसवाल, सुरेंद्र कुमार जायसवाल, राजेश जायसवाल एडवोकेट, हरी जायसवाल, प्रभुदयाल जायसवाल, राधेश्याम जायसवाल, रमेशचंद्र जायसवाल, कांति जायसवाल, सुधा चौकसे समेत देशभर से 300 से अधिक स्वजातीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया।  
 

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